जेल से चुनाव लड़ेगा अमृतपाल सिंह, वारिस पंजाब दे के चीफ को मिला माइक चुनाव चिन्ह, दिलचस्प हुआ मुकाबला

Amritpal Singh NSA के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहा है। 

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19 May 2024 (अपडेटेड: May 19 2024 8:35 PM)

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कट्टरपंथी सिख खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह चुनाव मैदान में उतर चुका है। पंजाब के सिख बहुल संसदीय क्षेत्र खडूर साहिब में एक दिलचस्प चुनावी संघर्ष देखने को मिल रहा है। इस सीट को शिरोमणि अकाली दल का गढ़ माना जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी किस्मत आजमाई है। खडूर साहिब की चुनावी लड़ाई पांच तरफा है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा को मैदान में उतारा है, जबकि परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार हैं।

माइक के निशान पर चुनाव लड़ेगा जेल में बंद अमृतपाल

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कांग्रेस और भाजपा ने क्रमश: पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जीरा और मंजीत सिंह मियांविंड को अपना उम्मीदवार बनाया है। खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र को 'पंथिक' सीट के रूप में जाना जाता है और इसमें सभी तीन क्षेत्रों- माझा, मालवा और दोआबा के मतदाता शामिल हैं। इसमें नौ विधानसभा क्षेत्र हैं- जंडियाला, तरनतारन, खेम करण, पट्टी, खडूर साहिब, बाबा बकाला, कपूरथला, सुल्तानपुर लोधी और जीरा। सात विधानसभा क्षेत्रों पर ‘आप’ का कब्जा है, जबकि एक सीट कांग्रेस और एक निर्दलीय के पास है। शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार रतन सिंह अजनाला और रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने 2009 और 2014 के आम विधानसभा चुनावों में खडूर साहिब सीट जीती थी। 

अलगाववादी अमृतपाल सिंह को मिला 'माइक'

हालांकि शिअद उम्मीदवार एवं पूर्व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) प्रमुख बीबी जागीर कौर 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार जसबीर सिंह डिम्पा से हार गईं। मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा की पत्नी परमजीत कौर खालरा ने भी इस सीट से 2019 का चुनाव लड़ा था और उन्हें महज 20 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था और वह हार गयी थीं। अमृतपाल सिंह के मैदान में कूदने की अचानक घोषणा 24 अप्रैल को हुई, जब उसके वकील राजदेव सिंह खालसा ने दावा किया कि जेल में बंद उपदेशक उनके अनुरोध पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए सहमत हो गए हैं।

खडूर साहिब लोक सभा सीट पर है संगत का प्रभाव

बाद में, अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि उनका बेटा चुनावी मुकाबला लड़ने का इच्छुक नहीं था, लेकिन 'संगत' या समुदाय के कहने पर उसने अपना मन बदल लिया, जो उसे चुनाव मैदान में उतारना चाहता था। परमजीत कौर खालरा अमृतपाल सिंह के चुनाव प्रचार का नेतृत्व कर रही हैं। तरसेम सिंह ने कहा है कि उनके बेटे को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जेल में बंद अमृतपाल के लिए प्रचार करने वाले लोग 'बंदी सिंह' (अपनी सजा पूरी कर चुके सिख कैदी) की रिहाई और राज्य में नशीली दवाओं के खतरे के मुद्दे उठाएंगे।

पंजाब की 13 सीटों पर एक जून को वोटिंग

मारे जा चुके खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल भिंडरांवाले के नाम पर खुद को भिंडरांवाले कहलाना पसंद करने वाले अमृतपाल को पिछले साल 23 अप्रैल को मोगा के रोडे गांव में गिरफ्तार किया था। तरसेम सिंह ने अमृतपाल के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने के शिअद के कदम को 'ऐतिहासिक गलती' बताया है। जंडियाला में पार्टी उम्मीदवार वल्टोहा के पक्ष में चुनाव प्रचार के दौरान शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अमृतपाल सिंह खुद को 'मुक्त' करने के लिए खडूर साहिब सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहा है। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल उन लोगों का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त हैं।

(PTI)

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