WhatsApp पर आई Investment की ऑफर, बुजुर्ग ने लगाए 13 करोड़, बाद में मिला बाबाजी का ठुल्लू!

Telangana Cyber Fraud: पीड़ित को 1 जुलाई को WhatsApp पर निवेश का एक ऑफर आया। ठगों ने बंपर मुनाफ़े के नाम पर पीड़ित को लुभाया और पहले 4 करोड़ और फिर 9 करोड़ रुपए निवेश करवा दिए। कई दिनों के बाद बुजुर्ग को पता चला कि उनके साथ तो ठगी हो गई है।

CrimeTak

05 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 5 2024 8:38 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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WhatsApp के जरिए ठगी

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बुजुर्ग से लूटे 13 करोड़ रुपए

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तीन आरोपी गिरफ्तार

Telangana News: आपके WhatsApp पर कई मैसेज आते होंगे, जो आपको लुभाते होंगे। इसमें कई Offers वाले मैसेज भी आते होंगे। कई बार ऐसे भी मैसेज आते होंगे, जिनमें आपको तरह-तरह के investment plans के बारे में बताया जाता हो और आपको लुभाने की कोशिशें की जा रही हो। ऐसे मैसेज को लेकर आप सावधान हो जाएं, क्योंकि अगर आपने इस तरह के मैसेज पर विश्वास किया तो हो सकता है कि आपकी जीवन भर की कमाई एक झटके में खत्म हो जाए। 

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि ये सच है और ऐसा हुआ भी है। वाकया तेलंगाना का है और ठगी का शिकार हुए हैं 75 साल के बुजुर्ग। तेलंगाना के साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो (TGCSB) ने अब तक का सबसे बड़ा साइबर फ़्रॉड पकड़ा गया है। इस सिलसिले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने कुल 13 करोड़ रुपए की ठगी की थी, लेकिन इनके पास से अभी तक सिर्फ 20 लाख रुपए ही बरामद हुए हैं। ऐसे में सवाल ये है कि बाकी के रुपए कहां गए? क्यों पुलिस उन्हें रिकवर नहीं कर पा रही है? 

क्यों ठगी का शिकार हुए बुजुर्ग?

पहले आपको पूरा मामला बताते हैं। पीड़ित बुजुर्ग है और वो पब्लिक सेक्टर यूनिट में सीनियर मैनेजर थे। दरअसल, उनके मोबाइल पर 1 जुलाई को एक WhatsApp मैसेज आया। इसमें निवेश का एक ऑफर था। ये निवेश स्टॉक ट्रेडिंग के जरिये करने का वादा किया गया था। ये कहा गया था कि इससे बड़ा मुनाफा होगा। बुजुर्ग इनकी बातों में आ गए। उन्होंने स्टॉक ट्रेडिंग में 10 दिनों के अंदर-अदंर करीब चार करोड़ रुपए निवेश कर दिए। अब आप सोच रहे होंगे कि कोई चार करोड़ रुपए कैसे 10 दिनों के अंदर निवेश कर सकता है? इसी बात की जांच साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो कर रहा है। बहरहाल, अब पीड़ित को लगने लगा कि 4 करोड़ रुपए के बदले उन्हें 5 या 6 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसी दौरान ठगों ने उन्हें फंसते देख और लालच दिया। ठगों ने कहा कि उन्हें फायदा तभी होगा, जब वो GST, SGST, कनवर्जन रेट और फ़ॉरन करेंसी टैक्स भी भरेंगे। ऐसे में बुजुर्ग को लगा कि थोड़ा पैसा और देकर वो भारी मुनाफे का फाएदा उठाएंगे। ये सोच कर बुजुर्ग ने Mutual Funds और अपने Bank Accounts से अपनी सारी बचत निकाल ली। 

15 दिनों में 9 करोड़ रुपए निवेश कर दिए बुजुर्ग ने

बुजुर्ग ने अपने निवेश को वापस निकालने और फायदे की उम्मीद में 15 दिनों के अंदर करीब 9 करोड़ रुपए लगा दिए। अब वो बेफिक्र हो गए कि उन्हें भारी मुनाफा होगा, लेकिन हुआ बिल्कुल उलटा। उनकी पूरी की पूरी रकम डूब गई। जिनके पास उन्होंने निवेश किया था, उन्होंने अपना फोन बंद कर दिया। बुजुर्ग के हाथ-पैर फूल गए। उन्हें समझ में आ गया कि उनके साथ ठगी हुई है। 2 सितंबर को उन्होंने तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो को शिकायत दी, लेकिन इतनी देर से रिपोर्ट करने की वजह से रिकवरी की उम्मीद बहुत कम हो चुकी थी। ब्यूरो ने जांच शुरू की। उनके बैंक से निकले कुल 13 करोड़ रुपये में से पुलिस सिर्फ़ 20 लाख रुपये ही बचा पाई। 

आरोपी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में भी शामिल, ठगी के पैसों से क्रिप्टो कॉइन खरीदे

जांच के दौरान पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए एक-एक करके तीन आरोपियों को पकड़ा। पकड़े गए आरोपियों के नाम सैयद ख्वाजा हाशिमुद्दीन (24), अराफात खालिद मोइनुद्दीन (25) और मोहम्मद अतीर पाशा (25) हैं। पुलिस के मुताबिक, सैयद ख्वाजा छात्र है और हैदराबाद के चारमीनार इलाके में रहता है। अराफात खालिद भी पढ़ता है और हिमायत नगर का निवासी है। वहीं मोहम्मद पाशा हैदराबाद मेट्रो रेल में प्राइवेट कर्मचारी के तौर पर काम करता है। वो भी हिमायत नगर का ही रहने वाला है। पुलिस की जांच में ये बात भी सामने आई है कि आरोपी अवैध क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में भी शामिल रहे हैं। ठगी से हासिल हुई रकम को पाशा के अकाउंट में डाला जाता था। इसके बाद आरोपी उससे क्रिप्टो कॉइन खरीद कर Angelx.com नाम के प्लेटफॉर्म पर बेच देते थे।

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