Delhi Crime: मेडिकल की एक 22 वर्षीय छात्रा ने आरोप लगाया है कि मौखिक परीक्षा के दौरान उसके प्रोफेसर ने उसका यौन उत्पीड़न किया। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। शिकायतकर्ता के मुताबिक वह एक सरकारी अस्पताल में 2021 बैच की एमबीबीएस छात्रा है। प्राथमिकी में कहा गया, ‘‘ औषधि शास्त्र विभाग में 31 जनवरी को हमारी मौखिक परीक्षा आयोजित की गई थी। दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर मुझे मौखिक परीक्षा के लिए औषधिशास्त्र के एक सहायक प्रोफेसर के सामने उपस्थित होना था।
वायवा में प्रोफेसर ने प्राइवेट पार्ट से की छेड़ख़ानी, दिल्ली में मेडिकल की छात्रा से छेड़छाड़, प्रोफेसर पर संगीन इल्ज़ाम
Delhi: मेडिकल की एक 22 वर्षीय छात्रा ने आरोप लगाया है कि मौखिक परीक्षा के दौरान उसके प्रोफेसर ने उसका यौन उत्पीड़न किया।
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जांच में जुटी पुलिस
18 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 18 2024 7:10 PM)
वायवा के दौरान किया यौन शोषण
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प्रोफेसर ने कुर्सी अपने नजदीक रखी हुई थी, जबकि विधार्थी इस तरह की परीक्षा के दौरान सामान्य तौर पर शिक्षक के सामने वाली कुर्सी पर बैठते हैं।’’ प्राथमिकी के मुताबिक शिकायतकर्ता ने कहा कि प्रोफेसर ने उन्हें कुछ कागज दिए और वह अनुचित तथा अप्रासंगिक सवाल पूछने लगे जिससे उन्हें काफी असहज महसूस हुआ। उसने आरोप लगाया, ‘‘ जब मैंने जवाब देना बंद कर दिया तो उन्होंने मुझे बाहर भेज दिया और दोबारा आने को कहा। फिर उन्होंने मुझसे इंजेक्शन के बारे में पूछा और मुझे गलत तरीके से छूने लगे। सवाल पूछने के नाम पर उन्होंने मेरी गर्दन पर छुआ और मेरे निजी अंगों को छूने का प्रयास किया।’’
गलत तरीके से छूने लगे
इसमें कहा गया, ‘‘ जब मैं उठकर जाने लगी तो उन्होंने मुझसे स्तन में गांठ से संबंधित बीमारी के बारे में पूछा और आपत्तिजनक इशारे किए।’’ पीड़िता ने पुलिस को बताया कि सहायक प्रोफेसर ने उसे परीक्षा में अच्छे अंक पाने के गुर सिखाने के लिए उसे अकेले विभाग में आने के लिए भी कहा। प्राथमिकी के अनुसार, ‘‘ उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि वह हमारी लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करेंगे, इसलिए अगर मैं सहयोग करूंगी तो ज्यादा अंक देंगे।’’ शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने इसी तरह की हरकत अन्य छात्राओं के साथ भी की, लेकिन परीक्षा में फेल करने की धमकी देकर उन्हें शांत करा दिया।
अकेले विभाग में आने के लिए भी कहा
पीड़िता ने दावा कि उन्होंने संबंधित प्रशासन से शिकायत भी की, लेकिन सहायक प्रोफेसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्राथमिकी में कहा, ‘‘ हमारे विभागाध्यक्ष ने भी प्रोफेसर का साथ दिया और अन्य अध्यापकों के बीच मुझे यह कहकर बदनाम किया कि ये झूठे आरोप लगा रही है।’’ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (महिला का शीलभंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना) और 509 (किसी महिला का शीलभंग करने के उद्देश्य से टिप्पणी, इशारा या कृत्य करना) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
(PTI)
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