UP Deoria Case: 'मैं अभी जिंदा हूं...' बेटे ने पिता को कागजों में किया मृत घोषित, पिता ने की शिकायत

UP Deoria Case: प्रापर्टी हथियाने के लिए इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता। ताजा मामला यूपी के देवरिया का है।

UP Deoria Case

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07 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 7 2024 11:40 AM)

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राम प्रताप सिंह के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

UP Deoria Case: प्रापर्टी हथियाने के लिए इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता। ताजा मामला यूपी के देवरिया का है। यहां एक बेटे ने प्रापर्टी हथियाने के लिए अपने पिता को कागजों में मृत घोषित करवा दिया ताकि सारी प्रापर्टी उसके नाम हो जाए, लेकिन इसकी भनक उसके पिता को लग गई और उन्होंने इस सिलसिले में शिकायत की है। अपर जिलाधिकारी गौरव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पीड़ित हरिश्चंद्र यादव रुद्रपुर के निवासी हैं। यह प्रकरण संज्ञान में आया है। एसडीएम रुद्रपुर मामले की जांच कर रहे हैं।

देवरिया में हरिश्चंद यादव तहसील रुद्रपुर ग्राम अहलादपुर मरकड़ी में रहते हैं। 2023 जून में हरिश्चंद यादव की पत्नी का देहांत  हुआ था। इनके अब दो बेटे हैं। विजय यादव और मनोज यादव। एक बेटे अमित यादव की मौत हो चुकी है। जीवन भर पैसा कमाने और बचाने में ही निकल गई। अब जाकर कुछ सेविंग हरिश्चंद यादव की हुई थी। हरिश्चंद ने कई बीघा जमीन अपनी पत्नी पानमती के नाम से खरीदी थी। इस पर उन्होंने इंटर कॉलेज बनवाया। शुरुआत में इसके प्रबंधक वो खुद थे। बाद में एक बेटे को प्रबंधक बना दिया। बताया जा रहा है कि हरिश्चंद की प्रॉपर्टी की कीमत करोड़ों में है।

हरिश्चंद यादव की पत्नी की मौत के बाद दो बेटों की नीयत बदल गई। वो पिता की प्रापर्टी हथियाना चाहते थे। इसके लिए मनोज यादव व विजय यादव ने कागजों में हेराफेरी की। खतौनी में इनका नाम काटकर खारिज दाखिल कर दिया, जिसमें स्व. हरिश्चंद्र यादव लिखा है और सारी संपत्ति दोनों बेटों के नाम पर दर्ज करा ली। अब ये जांच होनी चाहिए कि कैसे कागजों में हेराफेरी की गई?

किसी तरह हरिश्चंद को जब इसका पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने इसकी शिकायत की।

क्या कहना है हरिश्चंद यादव का?
 

हरिश्चंद यादव का कहना है कि उनके बेटे कभी भी उनकी हत्या करा सकते हैं। उनका इंटर कॉलेज है, जिसमें बेटे को प्रबंधक बना दिया था। अब वहां जाने पर पुलिस के हवाले करने की धमकी दे रहे हैं। हरिश्चंद यादव के मुताबिक, जब वह रुद्रपुर तहसील में SDM से मिले तो उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया। हरिश्चंद यादव ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि मुझे न्याय मिले। बेटे मुझे मरवाने के लिए धमकी दे रहे हैं। हमारे बेटे हमारे पीछे गुंडे लगाए हुए हैं। मेरा बेटा मनोज कहता है कि स्कूल की सीढ़ी पर चढ़ गए तो फिंकवा देंगे। परिवार रजिस्टर में मेरा नाम अभी दर्ज है, लेकिन खतौनी में स्व. दिखा दिया गया है।
 

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