UP Aligarh News: यूपी के अलीगढ़ में चीनी मिल में रखी 35 लाख रुपए की चीनी बंदर खा गए। वो भी सिर्फ एक महीने में। हैरत की बात ये है कि किसी ने इन बंदरों को ऐसा करते नहीं देखा और अगर देखा भी तो स्टॉक में रखी चीनी को बचाने का कोई उपाय नहीं किया। अब इसे लेकर जांच शुरू की गई है। जांच के घेरे में कई अधिकारी आ गए हैं। दरअसल मिल में चीनी का स्टॉक जब कम पाया गया तो आला अधिकारियों ने इसे लेकर विभागीय जांच शुरु की। बाकायदा ऑडिट कराया गया। ऑडिट के जरिये मालूम हुआ कि दरअसल इसके जिम्मेदार मिल में काम करने वाले 6 अधिकारी हैं। फैसला किया गया कि जो अधिकारी गायब हुई चीनी के पीछे बंदरों को वजह बता रहे हैं चीनी का पैसा भी इन्हीं 6 अधिकारियों से वसूला जाएगा।
बंदर खा गए 35 लाख रुपये की चीनी! अफसर भरेंगे इसका हर्जाना
UP Aligarh News: यूपी के अलीगढ़ से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। चीनी मिल में रखी 35 लाख रुपए की चीनी बंदर चट कर गए। विभाग में हुए एक ऑडिट के बाद ये मामला सामने आया।
ADVERTISEMENT
• 05:19 PM • 23 May 2024
ऑडिट रिपोर्ट से हुआ खुलासा, मार्च महीने का पूरा स्टॉक गायब
ADVERTISEMENT
ये खुलासा हुआ किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड की ऑडिट रिपोर्ट से। स्टॉक गायब होने को लेकर अलीगढ़ चीनी मिल की शिकायतें काफी अरसे से मिल रही थीं। इसी को लेकर ऑडिट किया गया था जिसके बाद ये गड़बड़ियां सामने आईं। स्टॉक की कमी के पीछे सचमुच बंदरों का हाथ है या इसके पीछे कोई घोटाला है इसकी जांच जारी है। रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2024 में चीनी का स्टॉक 1538.37 कुंतल था जो कि अगले महीने घटकर 401.37 कुतंल हो गया। दलील दी गई कि 1137 कुंतल चीनी बंदरों और बारिश की वजह से खराब हो गई। मार्च महीने का स्टॉक गायब मिला। अब ये तय करना था कि इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? इस मामले में प्रबंधक और लेखाधिकारी समेत 6 लोगों को जिम्मेदार माना गया। ये तय किया गया कि पैसों की वसूली उनसे ही होगी। इसकी रिपोर्ट गन्ना आयुक्त को भेज दी गई है।
6 अधिकारी नपे, रिपोर्ट आयुक्त को भेजी
सहकारी समिति और पंचायत लेखा परीक्षा के सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने रिपोर्ट में कुल 1137 कुतंल चीनी वर्तमान अनुमानित बाजार मूल्य 3100 की दर से 35 लाख 24 हजार 700 रुपये की हानि का मूल्यांकन किया है। ऐसे में गन्ना आयुक्त और उप निदेशक चीनी मिल संघ लखनऊ को भी रिपोर्ट भेजी गई है। ऐसे में देखना होगा कि इन अधिकारियों से कब तक ये रुपए वसूल किए जाते हैं? ऐसा होता है तो एक अधिकारी पर तकरीबन 6 लाख रुपए देनदारी बनेगी।
ADVERTISEMENT