उमर खालिद की जमानत अर्जी को सेशन कोर्ट ने खारिज किया, उमर के खिलाफ ये टिप्पणी की कोर्ट ने!

Umar Khalid Bail Rejected: उमर खालिद को जबरदस्त झटका लगा है। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन जज समीर वाजपेई ने उमर की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। 

CrimeTak

29 May 2024 (अपडेटेड: May 29 2024 12:13 PM)

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संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Delhi: उमर खालिद को जबरदस्त झटका लगा है। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन जज समीर वाजपेई ने उमर की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। अदालत का कहना है कि खालिद को जमानत देने से इनकार करने वाला निचली अदालत का 24 मार्च 2022 का आदेश अब अंतिम हो गया है क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी थी और सुप्रीम कोर्ट से उसने अपनी याचिका वापस ले ली थी।

क्या कहा सेशन कोर्ट ने?

ऐसे में इस कोर्ट का यह मानना है कि इस अदालत का जमानत न देने का पहला आदेश अंतिम रूप ले चुका है। एडिशनल सेशन जज समीर वाजपेई ने अपने फैसले में कहा है कि जब कार्यवाही में देरी अभियोजन पक्ष की ओर से नहीं बल्कि आरोपी व्यक्तियों की ओर से हुई है तो ऐसे में इस आधार का लाभ याचिकाकर्ता उमर खालिद को नहीं मिल सकता। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा वर्नोन मामले में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि इस मामले में भी परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। कोर्ट ने खालिद के मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट से उसकी जमानत याचिका खारिज करते समय किए गए विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा है कि हाईकोर्ट ने य़ह निष्कर्ष निकाला था कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्ट्या आरोप सही हैं। हाईकोर्ट ने खालिद की भूमिका पर गहराई से विचार करते हुए कहा कि UAPA की धारा 43डी(5) खालिद के खिलाफ लागू होती है इसलिए वह जमानत का हकदार नहीं है। हाई कोर्ट ने भी खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

कौन है उमर खालिद?

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद पर संगीन इल्जाम है। वह साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से जुड़ी साजिश का आरोपी है। दिल्ली में फरवरी 2020 में दंगे हुए थे। इनमें 53 लोग मारे गए थे जब कि 700 से ज्यादा जख्मी हुए थे। इस सिलसिले में 700 से ज्यादा FIR दर्ज की गईं थीं। दंगों की साजिश में शरजील इमाम, खालिद सैफी और पूर्व AAP पार्षद ताहिर हुसैन समेत बीस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। ये दंगे नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ हुए थे। पहले विरोध-प्रदर्शन हुए। उसके बाद North-East District में दंगे भड़क गए थे। उमर के खिलाफ मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है। इसके अलावा इस सिलसिले में स्थानीय जिला पुलिस के अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और Crime Branch ने भी केस दर्ज किए थे। 

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