गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) के बरी होने के पीछे ये थी CBI की सबसे बड़ी कमी, High Court ने उठाए सवाल

Gurmeet Ram Rahim Acquittal: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को हत्या के एक मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सीबीआई की जांच को लेकर कई सवाल उठाए। राम रहीम के अलावा इस केस में चार और लोगों को भी अदालत ने बरी किया।

CrimeTak

29 May 2024 (अपडेटेड: May 29 2024 10:19 AM)

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Highcourt News: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को मंगलवार को बड़ी राहत देने वाली खबर मिली जब उसे हत्या के एक मामले में बरी कर दिया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए डेरा प्रमुख और चार और लोगों को हत्या के मामले में बरी कर दिया है। बताया जा रहा है कि गुरमीत राम रहीम को रंजीत सिंह हत्या मामले में बरी किया गया है। 

CBI की जांच पर उठाए सवाल

उच्च न्यायालय ने सीबीआई की जांच में कई कमियों का हवाला देकर राम रहीम को बरी किया। कोर्ट से ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक हत्या के बाद सीबीआई हथियार और कार की रिकवरी में नाकाम रही थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की जांच में बहुत सारी खामियां मिली हैं। सीबीआई ने दावा किया था कि हत्या में 455 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था और वो पिस्टल साल 1999 में मोगा पुलिस को सुपुर्द कर दी गई थी। 

CBI Court का फैसला खारिज

22 साल पुराने डेरा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह मर्डर केस (Ranjeet Singh Murder Case) में दोषी करार राम रहीम की सजा को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। सीबीआई कोर्ट ने इस मामले राम रहीम समेत पांच लोगों को दोषी ठहराया था, लेकिन अब हाईकोर्ट ने जांच में खामियों को उजागर करते हुए सीबीआई अदालत के इस फैसले को खारिज कर दिया।

10 जुलाई 2002 का हत्याकांड

दरअसल इस हत्याकांड की कहानी 10 जुलाई 2002 से शुरू होती है। रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा की कमेटी के सदस्य और मैनेजर थे। इसी रोज उनकी हत्या कर दी गई थी। 2021 में इस मामले में 19 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम और अन्य चार लोगों को दोषी करार दिया था। लेकिन अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम सहित सभी दोषियों को बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने पंचकुला सीबीआई कोर्ट की तरफ से 4 साल पहले दिए गए फैसले को पलट दिया।

High Court में उठे सवाल

हाईकोर्ट में सबसे पहले कार और हथियार की बरामदगी को लेकर सवाल उठे। साथ ही हाईकोर्ट के जज ने अपने फैसले में हत्याकांड के दो गवाहों सुखदेव सिंह और जोगिंदर सिंह के बयानों में काफी अंतर का जिक्र किया। उधर मृतक रणजीत सिंह के पिता जोगिंदर सिंह ने पहले हत्या को लेकर गांव के सरपंच पर आरोप लगाए थे। लिहाजा यहां आरोपियों को बेनिफट ऑफ डाउट मिल गया। जिस हथियार से रणजीत सिंह की हत्या का आरोप था वो भी मोगा पुलिस की कस्टडी में जमा पाया गया। 

वकील की दलील

आरोपी सबदिल के वकील महेंद्र सिंह जोशी ने बताया कि रणजीत सिंह के पिता ने पहले गांव के सरपंच पर मर्डर के आरोप लगाए थे इसलिये यह पूरा मामला संदेह के घेरे में था। हाईकोर्ट ने इसी आधार पर अपना फैसला सुनाया। वकील ने फैसले के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस केस में आरोपी बनाए जाने के बाद सबदिल की जिंदगी बर्बाद हो गई। वह 14 साल से जेल में बंद है। उसकी नौकरी भी चली गई, लेकिन अब परमात्मा की मेहर हुई है।

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