पाकिस्तान (PAKISTAN) की संसद ने देश में बढ़ रही बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून को मंजूरी दे दी है। इस कानून के अंतर्गत RAPE के दोषियों को दवा देकर नपुंसक बनाया जाएगा। इस कानून का उद्देश्य बलात्कार के दोषसिद्धि में तेजी लाना और कड़ी सजा देना है। पाकिस्तान में महिलाओं और बच्चों के साथ बलात्कार की घटनाओं में काफी बढ़ोत्तरी देखी गई है, जिसके बाद सरकार पर कड़े कानून लागू करने का दबाव बढ़ता जा रहा था।
दूसरी बार RAPE करने पर मिलेगी ऐसी सज़ा कि RAPE करने के काबिल ही नहीं रहेंगे!
पाक में बलात्कारियों के लिए कानून कड़े करने पर मिली मंजूरी, RAPE के दोषियों को दवा देकर नपुंसक बनाया जाएगा, Get the latest crime stories in Hindi, photos and videos on Crime Tak.
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19 Nov 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:09 PM)
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पहले ही मिल चुकी है अध्यादेश को मंजूरी
इमरान खान कैबिनेट ने पिछले साल नवंबर में ही बलात्कार के दोषियों को नपुंसक बनाने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर भी कर दिया था। पाकिस्तान के संविधान में भी भारत की तरह किसी भी अध्यादेश को एक निश्चित समयसीमा के अंदर संसद में पेश करना जरूरी है। इसलिए पाकिस्तान सरकार ने इस अध्यादेश को विधेयक के रूप में पारित करवाया है।
4 महीने में पूरी होगी RAPE की सुनवाई
इस कानून के बाद देश भर में विशेष अदालतों का गठन होगा और उसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित सुनवाई होगी। अदालतें चार महीने में सुनवाई पूरी कर लेगी। पहली बार या बार-बार दुष्कर्म का अपराध करने वालों का बधिया किये जाने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, इसके लिए दोषी की सहमति भी लेनी होगी।
6 घंटे के अंदर होगी मेडिकल जांच
कानून में सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान दवा देकर दोषियों का बधिया किये जाने का है। अधिसूचित बोर्ड के मार्गदर्शन में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कानून में प्रावधान किया गया है कि दुष्कर्म रोधी प्रकोष्ठ घटना की रिपोर्ट होने के छह घंटे के भीतर पीड़िता की जांच कराएगा। अध्यादेश के तहत आरोपियों को दुष्कर्म पीड़िता से जिरह की अनुमति नहीं होगी। केवल न्यायाधीश और आरोपी की ओर से पेश वकील ही पीड़िता से सवाल-जवाब कर पाएंगे।
लापरवाही करने पर पुलिसकर्मियों को होगी सजा
जांच में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों और सरकारी अधिकारियों को तीन साल तक जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं की जाएगी और पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की मदद से यौन उत्पीड़न के अपराधियों का डाटाबेस भी तैयार किया जाएगा। प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए पिछले दिनों कड़ा कानून लाने की घोषणा की थी।
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