आपकी कृपा पर नहीं Vs मैं जिलाधिकारी हूं, मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी-गाजीपुर DM के बीच जबरदस्त बहस

मिट्टी देने से रोकने पर डीएम आर्यका अखौरी की मुख्तार के भाई और सांसद अफजाल अंसारी से तीखी नोकझोंक हुई.

Crime Tak

Crime Tak

30 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 30 2024 4:30 PM)

follow google news

मुख्तार अंसारी का अंतिम संस्कार: मुख्तार अंसारी के पार्थिव शरीर को शनिवार को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. इस दौरान मुख्तार को अंतिम विदाई देने के लिए भारी भीड़ उमड़ी. दूर-दराज से आए हजारों समर्थकों में हर कोई मुख्तार को दफनाना चाहता था, जबकि प्रशासन की कोशिश सिर्फ परिवार के लोगों को कब्रिस्तान के अंदर जाने देने की थी. इस दौरान कुछ समर्थकों को मिट्टी देने से रोकने पर डीएम आर्यका अखौरी की मुख्तार के भाई और सांसद अफजाल अंसारी से तीखी नोकझोंक हुई.

अफजाल अंसारी से तीखी नोकझोंक

अफजाल अंसारी ने डीएम से कहा कि ये आपकी कृपा पर नहीं है कि आप तय करें कि ये लोग ही मिट्टी देंगे. इस पर डीएम ने कहा कि मैं जिलाधिकारी हूं. आपने अनुमति नहीं ली है. हम कानूनी कार्रवाई करेंगे. इस पर सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि आप चाहे कोई भी हों, आपको मिट्टी दान करने या अपने धार्मिक प्रायोजन के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं है. दुनिया में कहीं भी इसके लिए इजाजत नहीं ली जाती. इस पर डीएम ने अफजाल अंसारी को याद दिलाया कि गाजीपुर में धारा 144 लगा दी गई है. तब सांसद अफजाल अंसारी ने कहा था कि धारा 144 के तहत भी दाह संस्कार के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है.

‘’आप कुछ भी हों, आपकी कृपा पर नहीं हैं…''

आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी को गुरुवार रात बांदा में दिल का दौरा पड़ा था. बाद में मुख्तार की अस्पताल में मौत हो गई. पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार का शव बांदा से गाजीपुर भेजा गया. शुक्रवार की रात 1:15 बजे मुख्तार का शव लेकर एंबुलेंस गाजीपुर के मोहम्मदाबाद स्थित मुख्तार अंसारी के घर पहुंची. मुख्तार की मौत की खबर पहुंचने के बाद से ही यहां समर्थकों का तांता लग गया है. मुख्तार के अंतिम दर्शन के लिए रात भर लोग आते रहे. सुबह होते-होते घर पर भीड़ जमा हो गई. पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर निगरानी की व्यवस्था की थी. भीड़ को संभालने के लिए डीएम, एसपी समेत जिले के सभी वरीय अधिकारी, पुलिस बल और अर्धसैनिक बल रात से ही तैयार थे.

प्रशासन ने मुख्तार के परिजनों से बातचीत के बाद तय किया था कि अंतिम संस्कार के दौरान कब्रिस्तान में सिर्फ परिवार के सदस्य और करीबी रिश्तेदार ही मौजूद रहेंगे, लेकिन मुख्तार के जनाजे में इतनी बड़ी संख्या में लोग जुटे कि सारी व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गईं. मुख्तार समर्थकों के कब्रिस्तान में घुसने के लिए बैरिकेडिंग तोड़ने पर अफरा-तफरी मच गई. कई लोग घेरा तोड़कर जनाजा लेकर कब्रिस्तान पहुंच गये. जब भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया तो पुलिस ने कुछ बल प्रयोग भी किया. इस दौरान सांसद अफजाल अंसारी भी पुलिस-प्रशासन के साथ भीड़ से व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते दिखे.

इन सबके बीच कब्रिस्तान से बड़ी संख्या में लोग भी निकले, लेकिन मुख्तार को सुपुर्द-ए-खाक करने के बाद कुछ समर्थकों ने उन्हें दफनाने की इच्छा जताई. फिर अफ़ज़ल के अनुरोध पर पुलिस ने 10-10, 20-20 कुछ लोगों को मिट्टी देने की इजाज़त दी, लेकिन जब भीड़ बढ़ने लगी और ऐसा लगने लगा कि मिट्टी देने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा हो रही है, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसी बीच अफजाल और डीएम के बीच तीखी बहस हो गई। हालांकि, बाद में प्रशासन ने कुछ लोगों को जाने की इजाजत दे दी और अफजाल अंसारी और उनके परिवार की अपील पर कई लोग वापस लौट आये. इसके बाद स्थिति सामान्य हो गयी. बाद में डीएम ने कहा कि नारे लगाने वाले सभी लोगों की वीडियोग्राफी करायी गयी है. उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

    यह भी पढ़ें...
    follow google newsfollow whatsapp