क्या झारखंड के उस जूनियर इंजीनियर ने खोल दिए हरफ़नमौला IAS पूजा सिंघल के सारे राज़

ईडी के हाथ लगा पूजा का कच्चा चिट्ठा, पूजा का वो कारिंदा पकड़ा गया जिसके जरिए होता था घोटाला, झारखंड की आईएएस के कारनामे, मनरेगा के फंड से अमीर बनी आईएएस, घपलेबाजी के लिए पूजा ने बना ली थी टीम

CrimeTak

11 May 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:18 PM)

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Latest Crime News: इन दिनों झारखंड कैडर की IAS पूजा सिंघल का नाम सुर्खियों में है। हर कहीं उनके कारनामों का ज़िक्र हो रहा है। हालांकि IAS पूजा सिंघल का नाम सुर्खियों में आना कम से कम उनके लिए तो कई हैरान करने वाला नहीं है, क्योंकि UPSC की सबसे मुश्किल परीक्षा जब सबसे कम उम्र में पास की थी तभी से हिन्दुस्तान इस नाम को सुर्खियों में देख रहा है। 21 साल और सात महीने की उम्र में देश की सबसे कम उम्र की IAS अफसर बनीं पूजा सिंघल का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उनका नाम दर्ज हुआ था

लेकिन पिछले कुछ अरसे के दौरान पूजा सिंघल का नाम जब भी सुर्खियों में आया तो IAS बनने की चाह रखने वाला हर कोई खुद को इस नाम से दूर दूर तक नाता न रखने की क़सम तक खाने लगा। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जिस पूजा के नाम की हर छात्र माला जपता था, हर स्टूडेंट की उसकी तरह बनने की ख्वाहिश होती थी, वो अब इस नाम से बचने की फिराक़ में लग गया।

Jharkhand Corruption News: पूजा सिंघल का नाम कभी भ्रष्टाचार यानी नोट बटोरने वाली IAS अफसर के तौर पर सामने आया तो कभी किसी IAS अफसर के साथ शादी और फिर तलाक को लेकर जमकर नाम उछलाा। कभी उसके नाम की सुर्खियां इस वजह से बनी कि उसने तमाम रस्मों और रिवाज को दरकिनार करके किसी बिजनेसमैन से शादी कर ली। तो कभी सियासत में ऊंचे रसूख और अपनी पहुंच को लेकर उसके नाम की चर्चा होने लगी।

2000 बैच की IAS अफसर पूजा सिंघल ने झारखंड कैडर के IAS अफसर राहुल पुरवार से शादी करके भी जमकर सुर्खियां बटोरी थी। हालांकि ये शादी ज़्यादा दिनों तक नहीं टिक सकी और दोनों के बीच तलाक हो गया। मगर जब पूजा ने एक बिजनेसमैन और पल्स हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर अभिषेक झा के साथ शादी की तो फिर उनका नाम लोगों की जुबान पर तैरने लगा।

IAS Pooja Singhal Story: झारखंड में सरकारें आती जाती रहीं, लेकिन पूजा सिंघल का रुतबा और रुआब कभी कम नहीं हुआ, बल्कि दिन दूनी और रात चौगनी रफ़्तार से ही बढ़ता रहा। यहां तक कि सियासी गलियारों में अपनी पहुँच की वजह से पूजा सिंघल अक्सर किसी न किसी मलाईदार पोस्ट पर ही नज़र आई।

पूजा सिंघल को अकसर हरफनमौला नौकरशाह के तौर पर ही देखा जाता रहा है। मल्टी टास्किंग पूजा सिंघल का किरदार माना जाता रहा। लेकिन पिछले दिनों जिस तरह से पूजा सिंघल के कारनामों का कच्चा चिट्ठा ज़माने के सामने आया तो जितने मुंह उतनी बातें सामने आने लगी हैं।

जब पूजा सिंघल चतरा में डिप्टी कमिश्नर थी तभी उनके ख़िलाफ पहली बार भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। उन पर पहली बार मनरेगा के 4 करोड़ के फंड में हेरा फेरी करने का इल्ज़ाम लगा था। लेकिन पूजा की पहुँच और उसकी स्मार्टनेस की वजह से इस मामले के सिर उठाने से पहले ही दबा दिया गया। लेकिन पलामू में जब खदानों के आवंटन का मामला आया तो जमकर पैसा बटोरने का इल्ज़ाम पूजा सिंघल के दामन पर लगने लगा था।

मगर तब भी बात आई गई हो गई। हेराफेरी के इस खेल में पूजा अब पारंगत होने लगी थी और उसकी पूरी एक टीम तैयार हो गई थी। जो उसके इशारे पर आना कौड़ी का हिसाब रखने लगी। उसी में से एक नाम था रांची का वो चार्टर्ड एकाउंटेंट CA सुमन कुमार। जिसके पास तलाशी के दौरान 19 करोड़ का कैश देखकर खुद ED के अफसर तक हैरत में पड़ गए थे। कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि पूजा का एक हाथ अगर जूनियर इंजीनियर की पीठ पर था तो दूसरा हाथ CA सुमन कुमार की पीठ पर रखा हुआ था। और यही दोनों बेलगाम होकर दोनों हाथों से झारखंड में दौलत की गंगा में डुबकियां लगा रहे थे।

Secret of Pooja Singhal: इस पूरे सिलसिले में पूजा सिंघल से जुड़ा सबसे हैरत करने वाला जो किरदार नज़र आया है वो है झारखंड सरकार में एक जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा। और सूत्रों से मिली जानकारी पर यक़ीन किया जाए तो यही वो कड़ी थी, जिसका एक छोर पकड़कर ही प्रवर्तन निदेशालय यानी ED पूजा सिंघल तक पहुँचने में कामयाब हुआ है।

बताया जा रहा है कि 17 जून 2020 को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने पश्चिम बंगाल से जूनियर इंजीनियर यानी जेई राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को पकड़ा था। मनी लॉंड्रिंग के एक मामले में ED को उससे पूछताछ करनी थी। और उसकी गिरफ़्तारी के बाद से ही झारखंड के कई IAS अफसरों की नींद उड़ गई थी। क्योंकि जेई राम बिनोद प्रसाद सिन्हा के पास ही तमाम लोगों की कुंडली फंसी हुई थी। राम बिनोद प्रसाद सिन्हा के पकड़े जाने से जिन IAS अफसरों की बेचैनी बढ़ गई थी उनमें पूजा सिंघल भी एक थी।

IAS Pooja Story Update: IAS बनने के बाद पूजा सिंघल की पहली पोस्टिंग झारखंड के हजारीबाग में हुई थी। और जिस वक़्त ED ने पूजा सिंघल पर शिकंजा कसा उस वक़्त वो झारखंड की सबसे मलाईदार पोस्ट यानी झारखंड सरकार के खान और भूविज्ञान विभाग में सचिव के पद पर तैनात थीं।

उत्तराखंड के देहरादून में पली बढ़ी पूजा सिंघल बेहद तेज़ तर्रार और महत्वाकांक्षी अधिकारी मानी जाती थी। लेकिन उनके ख़िलाफ़ जब पहली बार मनरेगा फंड में हेराफेरी का मामला आया तो झारखंड की सरकार ने उसे अनदेखा कर दिया था।

पूजा को नज़दीक से जानने वालों की मानें तो खुद पूजा सिंघल की सियासी गलियारों में पहुँच और जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा कि तिकड़मबाजी की वजह से हरेक एजेंसी ने भ्रष्टाचार के मामले में पूजा सिंघल के नाम को तफ्तीश के दायरे में लाने से ही किनारा कर लिया। यहां जेई का जुगाड़ और पूजा की पहचान काम आ गई।

एक बार भ्रष्टाचार के मामले से साफ बच निकल आई पूजा ने फिर तो पीछे मुड़कर नहीं देखा और राम बिनोद प्रसाद सिन्हा की पीठ पर अपना हाथ रख दिया।

कहा तो यहां तक जाता है कि झारखंड में जब रघुबरदास की सरकार थी उस वक़्त पूजा सिंघल ने अपने मन के मुताबिक कृषि विभाग में सचिव का पद संभाला था।

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