Ghatkopar Hoarding Collapse: जम्बो होर्डिंग को हटाने का जम्बो ऑपरेशन, आखिर क्यों जारी है तीन दिन बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन?

पेट्रोल पम्प के नीचे बने फ्यूल टैंक्स में अब भी अच्छा-खासा पेट्रोल, डीजल और सीएनजी मौजूद है लिहाजा मलबे के भारी हिस्सों को उठाते वक्त गिरने से इन टंकियों के फटने और ईंधन लीक होने का खतरा बना हुआ है। होर्डिंग के नीचे दबी कई गाड़ियों का फ्यूल टैंक भी लीक हो चुका है, ऐसे में होर्डिंग के स्टील फ्रेम को काटने के लिये गैस कटर का इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता।

CrimeTak

15 May 2024 (अपडेटेड: May 15 2024 2:28 PM)

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Mumbai: मुंबई के घाटकोपर में सोमवार को हुए हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य आज तीसरे दिन भी जारी है। एनडीआरएफ और फायर सर्विस के अलावा मुंबई पुलिस और बीएमसी समेत तमाम एजेंसियां इस ऑपरेशन में शामिल हैं। सोमवार शाम घटना के फौरन बाद मौके से 88 पीड़ितों को रेस्क्यू किया गया जिनमें से 14 की मौत हो गई और 74 घायलों का इलाज किया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे कर्मियों का कहना है कि उन्हें अब भी मलबे में लोगों के फंसे होने की आशंका है हालांकि घटना के तीन दिन बाद अब किसी के भी जिंदा मिलने की उम्मीद न के बराबर है। 

क्यों धीमा चला रेस्क्यू ऑपरेशन?

राहत और बचाव कार्य में सबसे बड़ी चुनौती है होर्डिंग के ठीक नीचे बना पेट्रोल पम्प जिसपर होर्डिंग का एक बड़ा हिस्सा गिरा था। क्योंकि पेट्रोल पम्प के नीचे बने फ्यूल टैंक्स में अब भी अच्छा-खासा पेट्रोल, डीजल और सीएनजी मौजूद है लिहाजा मलबे के भारी हिस्सों को उठाते वक्त गिरने से इन टंकियों के फटने और ईंधन लीक होने का खतरा बना हुआ है। होर्डिंग के नीचे दबी कई गाड़ियों का फ्यूल टैंक भी लीक हो चुका है, ऐसे में होर्डिंग के स्टील फ्रेम को काटने के लिये गैस कटर का इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता वरना लीक हुए ईंधन से आग लगने की आशंका है। इन संभावनाओं को देखते हुए रेस्क्यू में लगी टीम हर तरह की सावधानी बरत रही है। फिलहाल इस 'जम्बो साइज' होर्डिंग के हजारों टन मलबे को हटाने के लिये हेवी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जांच से पहले हादसा हो गया

इस बीच जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस अवैध होर्डिंग को लगाने की लिखित इजाजत तत्कालीन जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद ने दिसंबर 2021 में दी थी। साथ ही होर्डिंग जिस भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पम्प पर गिरा था वो जीआरपी पुलिस कमिश्नर वेलफेयर फंड नाम की संस्था संचालित कर रही थी। इसे चलाने की इजाजत डीजी जीआरपी की ओर से दी गई थी। और ये फ्यूल पम्प भी दिसंबर 2021 से चलाया जा रहा था। 17000 वर्ग फुट की इस होर्डिंग को लेकर जीआरपी की ओर से ये सफाई भी दी गई है कि होर्डिंग के मानकों के विपरीत होने को लेकर बीएमसी के नोटिस के बाद उन्होंने एडवर्टाइजिंग एजेंसी मेसर्स ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस भेज जांच शुरू की गई थी पर इससे पहले कि वो मामले में कोई कार्रवाई कर पाते होर्डिंग के गिरने से इतना बड़ा हादसा हो गया। 

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