पूर्व सांसद धनंजय सिंह किडनैपिंग और रंगदारी केस में दोषी करार, सजा पर कल होगा फैसला

Dhanjay Singh Conviction: जौनपुर के पूर्व सांसद और जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को कोर्ट ने रंगदारी के एक मामले में दोषी करार दिया है।

Dhanjay Singh Conviction

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05 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 5 2024 7:10 PM)

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संतोष शर्मा/कुमार अभिषेक के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Dhanjay Singh Conviction: जौनपुर के पूर्व सांसद और जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को कोर्ट ने रंगदारी के एक मामले में दोषी करार दिया है। 

बुधवार को अदालत सजा का ऐलान करेगी। कोर्ट के इस फैसले के बाद उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है। जौनपुर के MP-MLA कोर्ट ने नमामि गंगे के इंजीनियर से रंगदारी मांगने और उसके अपहरण के मामले में दोषी करार दिया है।

क्या था पूरा मामला?

ये मामला साल 2020 का है। 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने धनंजय सिंह और उसके साथी विक्रम के खिलाफ अपहरण, रंगदारी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि विक्रम ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उनका अपहरण कर लिया था। इसके बाद ये लोग उसे पूर्व सांसद के आवास पर ले गए थे। वहां धनंजय सिंह मौजूद था। आरोप है वो पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए उनको कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया। 

आरोप है कि धनजय सिंह ने पीड़ित को धमकाया भी था। रंगदारी भी मांगी गई थी। पुलिस ने इस सिलसिले में धनंजय सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। पूर्व सांसद को अरेस्ट भी कर लिया गया था। हालांकि बाद में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

इस फैसले से धनंजय सिंह को झटका लगा है। ऐसा कहा जा रहा है कि वो लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर इससे संबंधित एक पोस्ट भी की थी। उन्होंने लिखा था - "साथियों! तैयार रहिए... लक्ष्य बस एक लोकसभा 73 , जौनपुर। इसके साथ ही 'जीतेगा जौनपुर-जीतेंगे हम' के साथ अपनी फोटो भी शेयर की थी।

विधायक से लेकर सांसद तक बने थे धनंजय सिंह 

धनंजय महज 27 साल की उम्र में साल 2002 के विधानसभा चुनाव में धनंजय सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। इसमें जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचने वाले धनंजय सिंह 2007 में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर विधायक चुने गए थे। 

इसके बाद में वो बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। बसपा के टिकट पर 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर संसद में जौनपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। इस बार भी ऐसा कहा जा रहा है कि वो चुनाव लड़ना चाहते हैं। यही वजह है उन्होंने सोशल मीडिया पर इसको लेकर पोस्ट किया है। ऐसे में अदालत के फैसले से उसे झटका लगा है। देखना होगा कि कल अदालत उसे कितने साल की सजा सुनाती है। 

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