46 हजार करोड़ रुपए के घोटाले में हाईकोर्ट ने आरोपी को जवाब दाखिल करने के लिए कहा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्ववर्ती भूषण स्टील लिमिटेड (बीएसएल) द्वारा कथित तौर पर की गई बैंक धोखाधड़ी और उससे जुड़े धनशोधन के मामले में एक आरोपी से, अधीनस्थ अदालत से उसे मिली जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दाखिल अर्जी पर मंगलवार

दिल्ली हाई कोर्ट

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02 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 2 2024 6:26 PM)

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Delhi High Court Bhushan Steel Limited: दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्ववर्ती भूषण स्टील लिमिटेड (बीएसएल) द्वारा कथित तौर पर की गई बैंक धोखाधड़ी और उससे जुड़े धनशोधन के मामले में एक आरोपी को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। दरअसल, ईडी ने आरोपी की जमानत के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी।

कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी में 46 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि की होने की बात सामने आई है।

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कंपनी के प्रवर्तक नीरज सिंघल की बहन अर्चना अजय मित्तल को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में ईडी की अर्जी पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को नियत की है।

उच्च न्यायालय में मंगलवार को हुई संक्षिप्त सुनवाई में ईडी के अधिवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने अधीनस्थ अदालत द्वारा 14 फरवरी को अर्चना मित्तल को दी गई जमानत को चुनौती दी है और उसे रद्द करने का अनुरोध किया है।

ईडी के वकील ने दावा किया कि निचली अदालत के आदेश में कई त्रुटियां हैं।

पीटीआई के मुताबिक, अधीनस्थ अदालत ने अर्चना मित्तल को 14 फरवरी को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर जमानत दे दी और निर्देश दिया कि वह अदालत के आदेश के बिना देश नहीं छोड़ेंगी।

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 31 मार्च 2017 तक कर्ज लिया और उसपर 46,646.73 करोड़ रुपये की देनादारी है।

ईडी के मुताबिक अर्चना मित्तल और उनके पति अजय मित्तल को अपराध से अर्जित धन में से करीब 70 करोड़ रुपये मिले।

अजय मित्तल और सिंघल इस मामले में इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।

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