पतंजलि विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट सख्त, कोर्ट ने कहा रामदेवॉ और बालकृष्ण हाज़िर हों!

Delhi News: उच्चतम न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों और उनके चिकित्सकीय प्रभावों के विज्ञापनों से संबंधित केस में तलब किया।

अदालत का आदेश

अदालत का आदेश

19 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 19 2024 8:35 PM)

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Delhi Court News: उच्चतम न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों और उनके चिकित्सकीय प्रभावों के विज्ञापनों से संबंधित अवमानना कार्यवाही के मामले में मंगलवार को योग गुरु रामदेव और कंपनी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण से व्यक्तिगत रूप से अपने समक्ष पेश होने को कहा। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किए गए अदालत के नोटिसों का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्हें नोटिस जारी कर पूछा गया था कि अदालत को दिए गए वचन का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए।

पतंजलि विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश

पीठ ने रामदेव को भी नोटिस जारी कर पूछा कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए। शीर्ष अदालत ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया है। न्यायालय ने कहा कि उसे रामदेव को कारण बताओ नोटिस जारी करना उपयुक्त लगता है क्योंकि पतंजलि द्वारा जारी विज्ञापन 21 नवंबर, 2023 को अदालत में दिए गए हलफनामे का विषय हैं। इसने कहा कि ऐसा लगता है कि रामदेव द्वारा इनकी पुष्टि की गई।

बाबा रामदेव और बालकृष्ण पेश हों

इसने निर्देश दिया कि रामदेव और बालकृष्ण अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पेश हों। न्यायालय ने कहा, 'तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, सुनवाई की अगली तारीख पर प्रतिवादी संख्या 5 (पतंजलि आयुर्वेद) के प्रबंध निदेशक की उपस्थिति का निर्देश देना उचित समझा जाता है।’’ शुरुआत में, पीठ ने जानना चाहा कि पतंजलि और बालकृष्ण ने अवमानना ​​कार्यवाही में जारी नोटिस पर अपना जवाब क्यों दाखिल नहीं किया है। पतंजलि और बालकृष्ण की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपने मुवक्किल के साथ कुछ चर्चा की है।

पतंजलि की मुश्किलें बढ़ीं

पीठ ने रोहतगी से कहा, 'यह हमारे लिए पर्याप्त नहीं है। हमने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। इसे दाखिल नहीं करने का मतलब है कि आदेश होंगे और परिणाम होंगे।' अदालत ने पतंजलि और बालकृष्ण को बुधवार तक अपना जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया। पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज को केंद्र के अपने पहले के अतिरिक्त हलफनामे को वापस लेने की अनुमति दी और 21 नवंबर 2023 के आदेश के संबंध में उठाए गए कदमों का विवरण देने के लिए नया हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का 'अंतिम अवसर' दिया।

(PTI)

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