दफनाने के बजाए लगा दी लाश को आग, पुलिस की गोली से मरा था डॉ. शाहनवाज, दिल दहला देगी ये घटना

डॉ. शाहनवाज पुलिसिया कार्रवाई और कट्टरपंथियों के हमले से बचने के लिये अंडरग्राउंड हो गए थे। डॉक्टर ने पुलिस एनकाउंटर से पहले एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनका FB अकाउंट हैक हो गया था और पैगंबर मोहम्मद को लेकर किसी भी तरह की आपत्तिजनक पोस्ट उनकी ओर से नहीं की गई।

CrimeTak

20 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 20 2024 7:27 PM)

follow google news

Karachi: पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत में भीड़ ने ईशनिंदा (Blasphemy) के आरोपी एक डॉक्टर की पुलिस एनकाउंटर में हुई मौत के बाद नकी लाश को आग लगा दी। डॉ. शाहनवाज कंबर, जिन पर सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिये ईशनिंदा का आरोप था, कराची से लगभग 250 किमी उत्तर पूर्व में मीरपुरखास के पास बुधवार रात पुलिस की गोली से मारे गए। पुलिस अफसरों का दावा है कि उन्होंने खुद को पुलिस के हवाले करने से इनकार कर दिया था। उल्टा शाहनवाज ने उन पर गोलियां चलाईं, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उन पर गोली चलाई। पुलिस का ये भी दावा है कि एनकाउंटर के बाद ही अफसरों को एहसास हुआ कि शाहनवाज वही शख्स हैं जिन पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये पैगंबर मोहम्मद कअपमान करन का आरोप था।

मौलवी ने की थी ईशनिंदा की शिकायत

दरअसल उमरकोट के एक मौलवी ने शाहनवाज की फेसबुक पोस्ट को आपत्तिजनक बताते हुए पाकिस्तान के कड़े ईशनिंदा कानून के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। इसी के बाद डॉ. शाहनवाज पुलिसिया कार्रवाई और कट्टरपिंथियों के हमलों से बचने के लिये छिप गए थे। डॉक्टर ने पुलिस एनकाउंटर से पहले एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उका अकाउंट हैक हो गया था और पैगंबर मोहम्मद को लेकर किसी भी तरह की आपत्तिजनक पोस्ट उनकी ओर से नहीं की गई

गुस्साई भीड़ ने डॉक्टर की लाश को लगाई आग

उमरकोट में डॉ. शाहनवाज की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद भी हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी रहे। इस दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उनकक्लिनिक में आग लगा दी। स्थानीूय पुलिस अधिकारी शकूर रशीद के मुताबिक- "परिवार शव को दफनाने के लिए अपने पैतृक गांव जनहेरो ले आया था, लेकिन वहां भीड़ जमा हो गई और शव उन्हें सौंपने की मांग करने लगी।" परिवार के लोग मजबूरन डॉ. शाहनवाज की लाश पीछे छोड अपनी जान बचाने के लिए भाग निकलेतभी गुस्साई भीड़ को दफनाने के लिये ले जाई जा रही शाहनवाज की लाश एक शव वाहन में मिल गई जिसे उन्होंने गाड़ी समेत आग के हवाले कर दिया।

मानवाधिकार संगठनों ने जताई चिंता

इस दर्दनाक वारदात की मानवाधिकार के लिये काम करने वाली संगठनों ने कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान के स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने डॉ. शाहनवाज की मौत किन हालात में हुई इसकी फौरन उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है शुक्रवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा- "ईशनिंदा के मामलों में हिंसा का यह तरीका, जिसमें पुलिस के लोग भी शामिल हैं, एक परेशान करने वाली बात है।" डॉ. शाहनवाज कंबर की हत्या पाकिस्तान के विवादास्पद ईशनिंदा कानूनों के गलत इस्तेमाल पर हो रही बहस के बीच हुई है समें इस्लाम, उसके पवित्र ग्रंथ या फिर पैगंबरों का अपमान करने के दोषी पाए जाने वालों के लिए मौत की सजा का प्रावधान है। हालाँकि इन कानूनों के तहत अब तक किसी को फाँसी नहीं दी गई है, लेकिन इस दौर में बस आरोप का लगना ही भीड़ का अपने हाथ में कानून लेने के लिये काफी है।

पाकिस्तान में लगातार मॉब लिंचिंग की वारदात

पिछले ही हफ्ते सिंध के क्वेटा शहर में इसी तरह के एक मामले में एक पुलिस अफसर ने ईशनिंदा के आरोपी सैयद खान को गोली मार दी थी खान को इस घटना से कुछ ही घंटे पहले भीड़ के चंगुल से छुड़ाया गया था। उस मामले में, खान की मौत के लिए जिम्मेदार अफसर को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन बाद में पीड़ित परिवार ने धार्मिक भावनाओं का हवाला देते हुए उसे माफ कर दिया। इससे पहले इसी साल जून में, उत्तर-पश्चिमी शहर मदियान में एक भीड़ ने कुरान का अपमान करने के आरोप में एक पर्यटक की पीट-पीट कर हत्या कर दी। पिछले साल ही, पंजाब प्रांत में भीड़ ने एक स्थानीय व्यक्ति पर ईशनिंदा का आरोप लगाने के बाद कई ईसाई घरों और चर्चों पर हमला कर दिया था।

    यह भी पढ़ें...
    follow google newsfollow whatsapp