सड़कों पर अब नजर आने लगे हैं चलते फिरते 'मुर्दे', अब 'Zombie Land' बनने लगा है 'उड़ता पंजाब'

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Udta Punjab to Zombie Land: बीते कई सालों से हम 'उड़ता पंजाब' देखते आ रहे हैं। मगर अब नशे में झूमता वो पंजाब जॉम्बी लैंड (Zombie Land) बनने लगा है। इसकी मिसाल है सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियो जिसमें नशे में झूमते लोग सड़कों पर किसी जॉम्बी की तरह एक ही जगह एक ही हालत में घंटों खड़े नज़र आ रहे हैं।

सड़कों पर नशे में झूमती पीढ़ी

सबसे ताजा वीडियो सामने आया पंजाब के अमृतसर के मोहकपुरा इलाके से। लड़की अमृतसर की जीटी रोड पर नशे में धुत दिखाई दे रही है। वीडियों में दिख रहा है उसने इतना ज्यादा नशा किया हुआ है कि वह ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही है। उसकी हालत देखते ही ऐसा लगता है कि वो अब गिरी की तब गिरी, मगर न तो वो गिरती है और न ही कहीं आगे बढ़ती है बस उसी हालत में वो लगातार झुकती चली जाती है। 

Tranq की चपेट में पूरा शहर

ऐसी ही तस्वीरें अमेरिका के फिलाडेल्फिया (Philadelphia) में केंसिंग्टन (kensington) की सड़कों पर जॉम्बी (Zombie) जैसे नशेड़ियों को बड़ी आसानी से देखा जा सकता है। माना जाता है कि केंसिंग्टन शहर पूरे अमेरिका में ड्रग के संकट से जूझने वाला सबसे बड़ा और इकलौता शहर है। उस शहर के अनगिनत वीडियो सोशल मीडिया पर भी आसानी से देखे जाते हैं। नशे की इस खुमारी को 'ट्रांक' (tranq) महामारी का नाम दिया जा चुका है। अभी तक ये बीमारी सिर्फ सात समंदर पार अमेरिकी शहर में दिखाई पड़ती थी लेकिन अब इस बीमारी की चपेट में पंजाब के कई इलाके आते दिखाई पड़ने लगे हैं। 

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नशे की बीमारी बन चुकी है महामारी

पंजाब के बारे में अभी तक यही बात मशहूर थी कि यहां लोग शराब ड्रग्स, गांजा और हेरोइन जैसे नशे की गिरफ्त में हैं। क्या बच्चे, क्या जवान, क्या बूढ़े और क्या महिलाएं सब इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। आलम ये है कि नशे का ये आलम पूरे पंजाब में अपने जड़े बड़ी ही गहरी जमा चुका है। हालत ये है कि यहां सरकारें बेशक बदल जाती हैं मगर समस्या जस की तस बनी हुई है। बल्कि अब तक इस समस्या ने विकराल रूप धारण करना शुरू कर दिया है। 

Zombie Drugs से बढ़ती मौतें

अमेरिका से जो वीडियो सामने आए हैं वो असल में Xylazine नाम की ड्रग या 'ट्रांक' के बेतहाशा इस्तेमाल की वजह से ये एक बड़े और खतरनाक संकट के तौर पर उभरा है। ट्रांक (tranq) को असल में 'जॉम्बी ड्रग' के तौर पर जाना जाता है। न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, फिलाडेल्फिया डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड बोर्ड ऑफ हेल्थ ने कहा, Xylazine ने फिलाडेल्फिया को करीब करीब निचोड़ कर रख दिया है। इस ड्रग्स के ओवरडोज से यहां मौतों की संख्या भी बेतहाशा बढ़ गई है।

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जानवरों की Drug है Zombie Drugs

जॉम्बी ड्रग असल में Xylazine ड्रग है. जो आमतौर पर दवा के तौर पर जानवरों पर इस्तेमाल की जाती है। अमेरिका की हेल्थ एजेंसी यानी CDC के मुताबिक अमेरिका में इस दवा की मांग में पिछले कुछ अरसे में बेतहाशा बढ़ी है। और जांच में ये भी पाया गया है कि इस ड्रग्स का कनेक्शन ओवरडोज के कारण होने वाली मौतों में पाया गया है। जॉम्बी ड्रग का इस्तेमाल नशीले पदार्थों के साथ मिलाकर हो रहा है। 

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Drugs के इस्तेमाल से खराब होती इंसानी खाल

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जॉम्बी ड्रग का कारोबार करने वाले इसे कोकीन और हिरोइन जैसी दूसरी खतरनाक ड्रग्स में मिलाकर करते हैं। इससे नशे की मात्रा बढ़ जाती है। जब इसका नशा होता है उस समय तो इसका सेवन करने वाले को बड़ा सुखद महसूस होता है। अमेरिकी एजेंसी CDC का कहना है कि नशीले पदार्थों के साथ मिलकर ये ड्रग और खतरनाक बन जाता है जिसके असर में आने के बाद इंसान अपने होशो हवास खो देता है। और इसकी वजह से इस ड्रग्स का इस्तेमाल करने वाले इंसान की स्किन में गहरे जख्म हो जाते हैं। 

कई घंटों तक रहता है इस Drug का नशा

इस ड्रग्स का इस्तेमाल करने वाला मदहोश होने के बाद अजीब हरकतें करता दिखाई पड़ने लगता है। शरीर में जैसे ही ये ड्रग पहुंचता है तो उसके 20 से 30 मिनट के बाद इसका असर दिखना शुरू हो जाता है। इस ड्रग का नशा कई घंटों तक रहता है, जिसकी वजह से इस ड्रग्स के नशे में इंसान घंटों तक एक ही पोजिशन में रहता है। जिसकी वजह से उसकी हालत और भी ज्यादा खराब हो जाती है उसके शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। 
यानी अब तक जो तस्वीर और जो हालात अमेरिकी शहर की सड़कों पर नज़र आते थे ठीक वैसे ही हालात सात समंदर पार हिन्दुस्तान में पंजाब की सड़कों पर नज़र आने लगे हैं। और इन तस्वीरों ने पंजाब से लेकर दिल्ली तक की सरकारों और तमाम जांच एजेंसियों को बुरी तरह से झकझोरकर रख दिया है। हालांकि नशे के इस असर में डूबते पंजाब को लेकर सियासी सरगर्मियां भी तेज होती दिखाई पड़ रही हैं। 

International Day Against Drug Abuse

26 जून को International Day Against Drug Abuse यानी नशा निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को नशे की लत से होने वाले खतरों के बारे में बताना है। इसके साथ साथ नशीली दवा के कारोबार के खतरे के बारे में लोगों को जागरूक करना भी शामिल है। जाहिर है इस नशा निषेध दिवस के दिन कुछ ऐसी कसम खाई जाए ताकि हमारी इस पीढ़ी को इस जहर के चंगुल से बचने का रास्ता मिल सके। 
 

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