ट्रेनी डॉक्टर का Last Supper, पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के सिल्वर मेडल का Kolkata Case कनेक्शन

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ट्रेनी डॉक्टर का Last Supper, पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के सिल्वर मेडल का Kolkata Case कनेक्शन
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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कोलकाता केस का पेरिस ओलंपिक से जुड़ता रिश्ता

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सबने मिलकर टीवी पर देखा नीरज चोपड़ा का सिल्वर मेडल

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चारो लोगों का सीबीआई कराएगी पॉलीग्राफ टेस्ट

RG Kar Medical College Rape and Murder Case: क्या कोलकाता में 9 अगस्त की रात को जो संगीन वारदात हुई उसका पेरिस ओलंपिक में भारत के नीरज चोपड़ा की जेवलिन थ्रो प्रतियोगिता के साथ भी कोई सीधा कनेक्शन है क्या? ये बात मुमकिन है कि चौंका दे, मगर एक सच ये भी है कि पेरिस ओलंपिक की उस प्रतियोगिता का इस वारदात के साथ एक तार एक रिश्ता तो जुड़ता दिख रहा है। क्योंकि उस रात करीब दो बजे के आस पास पेरिस ओलंपिक में जेवलिन थ्रो का फाइनल हो रहा था और सारे देश की निगाहें टीवी की स्क्रीन पर लगी हुई थीं। हर किसी को गोल्ड की उम्मीद थी। लेकिन नीरज चोपड़ा के भाले ने इस ओलंपिक में रजत पदक पर सीधा निशाना लगाकर देश का मान सम्मान ऊंचा किया था। 

टीवी पर देखा नीरज चोपड़ा का सिल्वर मेडल

ये वही समय था जब कोलकाता के RG मेडिकल कॉलेज के थर्ड फ्लोर के सेमिनार हॉल में वो ट्रेनी डॉक्टर और उसके चार साथी भी वहां लगे टीवी पर हिन्दुस्तान की कामयाबी के इस पल के गवाह बन रहे थे। नीरज चोपड़ा की उस कामयाबी के बाद ट्रेनी डॉक्टर और उसके साथियों ने टीवी तो बंद कर दिया था। लेकिन उस रात के बाद से सारे देश भर में टीवी बंद नहीं हो सका। क्योंकि हर गुजरते पल के साथ कोलकाता का ये संगीन जुर्म कोई न कोई नया सुराग या नया चेहरा लेकर सामने आ रहा है। 

चार लोग आ गए सीबीआई के रडार पर

देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी CBI ने राधा गोविंद कर मेडिकल कॉलेज के एक्स प्रिंसिपल संदीप घोष यानी घोष बाबू के अलावा चार और चेहरों पर अपनी नज़रें टिका रखी हैं। असल में घोष बाबू सीबीआई के अफसरों से बात तो कर रहे हैं लेकिन आधा सच ही बता रहे हैं और आधी बात छुपाने में लगे हुए हैं। इसीलिए उनके सीने में छुपे राज को जानने के लिए सीबीआई ने अब अपना नया पैंतरां चला है। लेकिन घोष बाबू के साथ साथ अब सीबीआई के रडार पर हैं वो चार लोग भी हैं जिन्होंने उस कयामत की रात को पीड़ित ट्रेनी डॉक्टर के साथ लास्ट सपर (Last Supper) यानी डिनर खाया था। 

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चारों ने क्या क्या किया, सीबीआई जानना चाहती है

सीबीआई यह जानना चाहती है कि क्या इन चारों ने किसी भी प्रकार से सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी या वे किसी षड्यंत्र का हिस्सा थे। उस रात अर्का और सौमित्र के अलावा इंटर्न सुभदीप और हाइस स्टाफ गोलम ट्रेनी डॉक्टर के साथ थे। अर्का और सौमित्र दोनों ही प्रथम वर्ष के पीजीटी डॉक्टर हैं, जिनकी उंगलियों के निशान सेमिनार रूम में पाए गए थे। जबकि गोलाम वो हाउस स्टाफ है जिसको सीसीटीवी फुटेज में पहली मंजिल के इमरजेंसी ड्यूटी पॉइंट से तीसरी मंजिल की ओर जाते हुए देखा गया था। जबकि सुभदीप वह इंटर्न था जो तीसरी मंजिल पर मौजूद था और ट्रेनी डॉक्टर के साथ आखिरी बार बातचीत करने वालों में से एक था। 

चारो ने किया था साथ में डिनर

सीबीआई इन चारों से यह जानना चाहती है कि क्या इन चारों ने किसी भी तरह से सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी या वे किसी साजिश का हिस्सा थे। 9 अगस्त की उस रात को क्या हुआ था? इसके बारे में इन चारों को क्या क्या और कितना पता है। उस रात ट्रेनी डॉक्टर और बाकी चारों कर्मचारी 36 घंटे की ड्यूटी पर थे। ट्रेनी डॉक्टर और दो प्रथम वर्ष के छात्र अर्का और सौमित्र ने रात 12 बजे के आसपास एक साथ खाना खाया। इसके बाद तीनों सेमिनार रूम में गए, ये सभी वहां 1:30 बजे से 2:00 बजे तक मौजूद रहे और इस दौरान उन सबने नीरज चोपड़ा को पेरिस ओलंपिक की भाला फेंक प्रतियोगिता के फाइनल रजत पदक जीतते देखा था। 

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स्लीप रूम और सेमिनार हॉल

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर तैनात तमाम डॉक्टर आमतौर पर आराम करने के लिए स्लीप रूम का इस्तेमाल करते हैं। ये स्लीप रुम भी सेमिनार रूम के ठीक सामने है। लेकिन उस रात स्लीप रूम में एक पोलिसोमनोग्राफी का टेस्ट चल रहा था, जो करीब उसी वक्त चल रहा था जिस दौरान ये पांचों सेमिनार हॉल में 1:30-2:00 बजे के बीच थे। जब स्लीप रूम खाली हो गया, तो अर्का और सौमित्र वहां चले गए. क्योंकि मरीजों की देखभाल के लिए नर्स या अस्पताल के कर्मचारी डॉक्टरों को स्लीप रूम में बुलाते हैं। ट्रेनी डॉक्टर उन सभी में सबसे सीनियर थी और ड्यूटी के दौरान इमरजेंसी हालात में जूनियर डॉक्टरों को मरीजों की देखभाल करने के लिए कहा जाता है। लेकिन जब भी कोई आपात स्थिति आती है, तो उस वक्त मौजूद सबसे सीनियर को ही बताया जाता है। 

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रात दो बजे के बाद क्या हुआ

अर्का और सौमित्र तो स्लीप रूम में चले गए जबकि ट्रेनी डॉक्टर ने सेमिनार रूम में ही आराम करने का फैसला किया। इन दोनों डॉक्टरों ने यही बताया कि उस रात 2:00 बजे से लेकर सुबह तक उन लोगों ने ट्रेनी डॉक्टर को इसलिए परेशान नहीं किया क्योंकि कोई इमरजेंसी नहीं हुई थी। 
हाउस स्टाफ गोलाम रात में इमरजेंसी ड्यूटी पर था। उसकी ड्यूटी उसी बिल्डिंग की पहली मंजिल पर थी। रात करीब 2:45 बजे वह तीसरी मंजिल पर गया, और उसी समय वो सीसीटीवी में दिखाई पड़ रहा है। गोलाम ने यही बताया है कि वह तीसरी मंजिल पर टेस्ट के लिए गया था और 3:30-3:45 के बीच इमरजेंसी में वापस लौट आया था। 

चारों का इसलिए होगा पॉलीग्राफ टेस्ट

सुबह करीब 9:15 बजे जब उनके प्रोफेसर वार्ड राउंड के लिए आए और ट्रेनी डॉक्टर की तलाश की तो सौमित्र सेमिनार रूम में गया और उसे वहां मृत हालत में देखा। बस यही बयान सीबीआई को खल रहा है। हालांकि अर्का, सौमित्र और गोलाम तीनों ने ही सीबीआई को यही बताया कि सेमिनार हॉल साउंड प्रूफ है इसलिए कोई आवाज नहीं सुनाई देती। सीबीआई ने पाया है कि सभी चारों के बयानों में कुछ न कुछ अलग है। सबके बयान एक जैसे नहीं हैं। खासतौर पर इस बात को लेकर कि सौमित्र ही ट्रेनी डॉक्टर को बुलाने क्यों गया, और कोई क्यों नहीं? लिहाजा सीबीआई अब इन चारों को अपने सवालों के दायरे में लाने की तैयारी कर चुकी है और इन चारों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत मांग ली है। 

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