Gangs of Lawrence के गुर्गे हाई सिक्योरिटी जेल में रच रहे थे बड़ी 'Planning', मुखबिर से मिल गई पुलिस को खबर, मंसूबों पर फिरा पानी

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Jaipur, Rajasthan: ये कोई नई बात नहीं है कि जेल में बैठकर गैंग्स्टर जेल के बाहर किसी बड़ी और संगीन वारदात को अंजाम देने की स्कीम तैयार कर रहा हो। और उस प्लानिंग को जमीन पर उतारने के लिए जेल के बाहर मौजूद अपने गुर्गों को पूरा प्लान समझाया हो। कई बार ऐसा होता देखा भी गया है, जिसका सबसे बड़ा सबूत पंजाब में सिद्धू मूसेवाला का मर्डर (Siddhu Moosewala Murder) ही है। जिसमें गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) और गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) जैसे गैंग के गुर्गों ने मिलकर पहले पूरी साजिश रची और फिर उसे अमली जामा पहनाया। 

पुलिस ने ऐसे मारी भांजी

ऐसी ही एक और साजिश राजस्थान के अजमेर जेल में रची जा रही थी। मगर जयपुर पुलिस ने गैंग्स्टरों की इस प्लानिंग में बीच में भांजी मार दी और गैंग्स्टरों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। ये गैंग्स्टर कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खास रोहित गोदारा गैंग (Rohit Godara Gang) के गुर्गे थे। पुलिस ने इस प्लानिंग को चौपट करने के साथ ही नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया जिनमें से तीन तो अजमेर की सबसे हाई सिक्योरिटी जेल से बाकायदा प्रोडक्शन वॉरंट पर गिरफ्तार किया गया है। ये गैंग्स्टर राजस्थान के माफिया राजू ठेहठ की हत्या के सिलसिले में अजमेर की जेल (Ajmer Jail) में बंद हैं। 

कारोबारियों से Extortion की साजिश

असल में जयपुर पुलिस के DCP अमित कुमार ने बताया कि इन दिनों जयपुर के साथ-साथ आस पास के इलाकों में कारोबारियों पर फायरिंग और उनसे रंगदारी मांगने की वारदातों में इजाफा हुआ है। ऐसी ही एक और प्लानिंग जेल के भीतर रची जा रही थी। इरादा था कि जयपुर और अजमेर के कुछ खास और बड़े कारोबारियों को धमका कर एक्सटॉर्शन (Extortion) यानी वसूली का। लेकिन इससे पहले कि ये गैंग्स्टर अपनी इस प्लानिंग को अमल में ला पाते, इनकी साजिश का खुलासा पुलिस के आला अफसरों के सामने हो गया और पुलिस ने शातिर गैंग्स्टरों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। 

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जेल से गिरफ्तार हुए गुर्गे

बताया जा रहा है कि चित्रकूट थाना पुलिस ने एक पुराने मामले में प्रोडक्शन वारंट (Production Warrant) पर अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल (Ajmer High Security Jail) में बंद विक्रम गुर्जर, मुकेश जाट और कुलदीप चौधरी को गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने खुद ही बताया कि सीकर और उसके आसापास के इलाके के ठेके और खनन के काम में लगे कारोबारियों को धमकी देकर रंगदारी वसूलने की प्लानिंग की जा रही थी। 

गैंग्स्टरों की Modus Operandi 

पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि विक्रम गुर्जर और मुकेश जाट ने अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से ही बंद सोनू सिंह, लोकेश साहू उर्फ मोदी, गिरधारी मान, हंसराज गुर्जर, जयसिंह राव, कुलदीप वैष्णव और जयसिंह के साथ मिलकर पहले खनन का ठेका उठाने वाले ठेकेदारों और कारोबारियों की पहचान की गई और फिर उन पर कैसे कैसे फायरिंग करवानी है उसका पूरा खाका तैयार कर लिया था। इसके लिए सोनू सिंह को अपने गुर्गों के जरिए हथियारों का इंतजाम करने का जिम्मा दिया गया था जबकि लोकेश साहू उर्फ मोदी और गिरधारी मान को अपनी गैंग के कुछ नाबालिग लड़कों को इस काम को अंजाम देने के लिए तैयार करने को कहा गया था।

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लॉरेंस गैंग का सिंडीकेट

आरोपी जयसिंह की ओर से बदमाशों को वाहन के साथ-साथ मोबाइल फोन और फर्जी सिम उपलब्ध करवाने का काम था। सभी बदमाश रोहित गोदारा गैंग से जुड़े हैं। और ये गैंग आंतकी लॉरेंस बिश्नोई के सिंडीकेट में है। ये बात गौर करने वाली है कि मुकेश जाट साल 2020 में हुए अमरसर जयपुर देहात के सरपंच ओमप्रकाश सैनी के मर्डर केस और जाने माने गैंगस्टर राजू ठेहठ मर्डर केस का आरोपी है। जबकि कुलदीप चौधरी गैंगस्टर आनन्दपाल का साथी रह चुका है। ये वही कुलदीप है जिसने आनन्दपाल को कोर्ट में पेशी के दौरान भगाने में अहम भूमिका निभाई थी। आरोपी कुलदीप चौधरी ने राजू ठेहठ के मर्डर की जेल में रहते हुए प्लानिंग की थी और इसी के कारण राजू ठेहठ मर्डर केस में दो जेलकर्मी योगेश और वीरेन्द्र भी गिरफ्तार हुए थे। आरोपी विक्रम गुर्जर भी राजू ठेहठ मर्डर केस में आरोपी है। पुलिस उससे भी पूछताछ में जुटी है। 
 

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