यूनिवर्सिटी के Guest House में 27 साल की सहायक प्रोफेसर की मिली लाश, गर्दन पर चाकू के निशान, तब पुलिस ने ये क्यों कहा?

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Moradabad, UP: उत्तर प्रदेश की पीतलनगरी मुरादबाद और उसके आस पास निजी यूनिवर्सिटी का हब बन चुका है। मुरादबाद से लेकर मेरठ तक कम से कम 20 निजी यूनिवर्सिटी या निजी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। लेकिन एक रोज पहले यानी सोमवार को इसी मुरादाबाद में उस समय सनसनी फैल गई जब एक निजी यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में एक 27 साल की सहायक प्रोफेसर की लाश बरामद हुई। प्रोफेसर की गर्दन पर चाकू के गहरे निशान थे, जिसे देखकर हर कोई हैरत में था। 

लाश मिलने की खबर से फैली सनसनी

मगर इसी बीच पुलिस ने लाश का मुआयना करने के बाद जो खुलासा किया वो और भी ज्यादा हैरतअंगेज है। क्योंकि इस सहायक प्रोफेसर को लेकर शहर में दौड़ रही अफवाहों ने उस वक्त और रफ्तार पकड़ ली जब पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या करार दिया। हालांकि पुलिस की जांच अभी चल ही रही है, फिर भी इस मौत का असली सच क्या है इसका खुलासा शायद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद हो सकता है। 

Guest House के कमरे से मिला शव

बताया जा रहा है कि सोमवार यानी 1 जुलाई को दिल्ली रोड पर मौजूद तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय (TMU) के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉक्टर अदिति मेहरोत्रा का शव गेस्ट हाउस के एक कमरे से बरामद किया गया। इस बारे में इत्तेला मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। मगर पुलिस का ये कहना कि मामला आत्महत्या का है, लोगों को थोड़ा हैरान जरूर कर रहा है। 

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गले नहीं उतर रही पुलिस की बात

हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि अगर किसी को आत्महत्या करनी होती है तो या तो छत से कूदता है, या छत में फंदा लगाकर लटक जाता है या फिर किसी नदी नाले में कूद जाता है। बहुत ज्यादा होता है तो ट्रेन के आगे कूदकर जान दे देता है, लेकिन अपनी गर्दन पर चाकू मारकर खुदकुशी करने की ये बात लोगों के गले नहीं उतर रही है। क्योंकि अभी तक पुलिस ने ये पुष्टि नहीं की है कि डॉक्टर अदिति मेहरोत्रा के पास से कोई सुसाइड नोट मिला है। साथ ही किसी को ये भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर खुदकुशी की वजह क्या है?

15 दिन में ऐसा क्या हुआ

हालांकि मौके पर पहुँचकर फॉरेंसिंक टीम ने अपनी छानबीन करके सबूत इकट्ठा किए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुँचा जा सकता है। खुलासा ये हुआ है कि डॉक्टर अदिति मेहरोत्रा हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली थीं और इसी साल 16 जून को मुरादाबाद के इस निजी विश्वविद्यालय में नौकरी ज्वाइन की थी। पिछले दो हफ्तों से डॉक्टर अदिति यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में ही रह रही थीं। मगर ज्वाइनिंग के 15 दिन के बाद ही ये घटना घट गई।

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पुलिस ने बताया ऐसे खुला राज

घरवालों ने बताया कि उनकी रोज अपनी बेटी से बात होती रहती थी। डॉक्टर अदिति के पिता डॉक्टर नवनीत मेहरोत्रा ने बताया कि वारदात वाली रात जब उन्होंने फोन किया और बेटी ने फोन नहीं उठाया तब उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हुई। हालांकि डॉक्टर नवनीत मेहरोत्रा का कहना है कि जब उन्होंने अपनी बेटी के बारे में यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया था। डॉक्टर अदिति के पिता का कहना है कि उनकी बेटी कभी भी आत्महत्या नहीं कर सकती। लिहाजा पुलिस को तफ्तीश खुले दिल और खुले दिमाग से करनी चाहिए। डॉक्टर नवनीत ने एक सवाल जरूर खड़ा किया कि जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट न आ जाए या कोई सुसाइड नोट न मिले तब तक पुलिस इसे सुसाइड कैसे कह सकती है?

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