बेटे की चाहत में Pregnant बीवी का हंसिया से फाड़ दिया था पेट, बीवी बच गई, पर बेटा नहीं बच सका, Court ने अब सुनाया ये फैसला

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Budaun, UP: आज जबकि बेटा और बेटी में फर्क मिट चुका है, उस दौर में ऐसा नालायक बाप भी हो सकता है जो बेटी को पैदा होने से बचाने के लिए इस हद तक गिर सकता है जिसके बारे में सुनकर पुलिस पब्लिक और डॉक्टर हर कोई कांप गया। ये किस्सा उत्तर प्रदेश के बदायूं से सामने आया। यहां पांच बेटियों का पिता उस वक़्त हैवान बन गया जब उसे पता चला कि उसकी बीवी फिर से गर्भवती है। डर और वहम ने उसके होश इस कदर गुम हुए कि उसने अपनी गर्भवती बीवी का पेट ही फाड़ दिया था। बीवी को तो जैसे तैसे डॉक्टरों ने बचा लिया लेकिन उस बच्चे को नहीं बचाया जा सका जिसे देखने के लिए ही उस शख्स ने ये दर्दनाक गुनाह अंजाम दिया था। वो बच्चा असल में बेटा ही था। ये वाकया चार साल पुराना है लेकिन ये आज इसलिए याद आया क्योंकि चार साल के बाद अदालत ने उस वहशी पिता को उसके किए की सजा सुनाई और उस कातिल बाप को उम्र कैद की सजा दे दी।  

गर्भवती बीवी पर जानलेवा हमला

सामने आई जानकारी के मुताबिक पन्ना लाल नाम के शख्स ने सितंबर 2020 में अपनी आठ महीने की प्रेगनेंट पत्नी अनीता पर जानलेवा हमला कर दिया था। पन्ना लाल ये जानना चाहता था कि उसकी पत्नी के गर्भ में जो बच्चा सांस ले रहा है असल में वो लड़का है या लड़की। क्योंकि 22 साल की शादी के दौरान उसकी पत्नी ने पांच बेटियों को जन्म दिया था और पन्ना लाल को बेटे की चाहत थी। पत्नी एक बार फिर उम्मीद से हुई। लेकिन पन्ना लाल को वहम और डर बैठा हुआ था कि कहीं इस बार भी अनीता के गर्भ से बेटी ही न जन्म ले। इसी बेटा और बेटी की बात को लेकर अक्सर मियां बीवी के बीच झगड़ा होता रहता था। घर के लोग दोनों को शांत करते थे और पन्ना लाल अपनी पत्नी को तलाक देकर ऐसी बीवी से शादी करने की धमकी दिया करता था जो उसे बेटे का सुख दे सके। 

हंसिया से पेट चीर दिया

मगर एक रोज इस लड़ाई ने असली रूप ले लिया। रोज रोज की धमकी देने वाले पन्ना लाल ने अपनी पत्नी अनीता पर हंसिया से जान लेवा हमला कर दिया। उसने इस गरज से पेट चीर दिया कि वो खुद अपनी आंखों से अपनी पत्नी के गर्भ में पल रहे बच्चे की पहचान कर सके। हालांकि अनीता ने बचने की कोशिश तो बहुत की मगर पन्ना लाल ने उसका पेट काट ही दिया। कोर्ट में अनीता ने जो गवाही दी तो सुनकर जज साहब तक सिहर गए। अनीता ने बताया कि उसका पेट इतना गहरा काटा था कि आंतें पेट से बाहर आ गई थीं। बचने की गरज से अनीता घर से बाहर भागी और सड़क पर पहुंच गई।

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भाई ने पहुँचाया अस्पताल

अपनी बहन की चीख सुनकर अनीता का भाई मौके पर पहुँचा। तब तक पन्ना लाल वहां से भाग चुका था। भाई ने आस पड़ोस के लोगों की मदद से जख्मी बहन को अस्पताल पहुँचाया। डॉक्टरों ने बड़ी मशक्कत के बाद अनीता को तो बचा लिया मगर उस बच्चे को नहीं बचा सके जो गर्भ में पल रहा था। बाद में पता चला कि गर्भ में जो शिशु था वो लड़का ही था। बाद में पन्ना लाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन पन्ना लाल ने कोर्ट के सामने भी अपनी शातिर होने का सबूत ऐसे दिया कि उसने उल्टा अनीता पर ही इल्जाम लगाने की कोशिश की। कोर्ट में पन्ना लाल ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि अनीता के परिवार में भाइयों के साथ प्रॉपर्टी का झंझट चल रहा है इसलिए अनीता ने खुद को ही चोटिल कर लिया और उस पर फर्जी केस लगा दिया। 
बदायूं कोर्ट ने पन्ना लाल और उन जैसे लोगों को सबक सिखाने की गरज से ही उसकी हर दलील को नज़र अंदाज करते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। 

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