हाथरस कांड का ये है असली सच, क्या कहा था SDM ने? रिपोर्ट से हुआ खुलासा 

CHIRAG GOTHI

03 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 3 2024 3:01 PM)

Hathras SDM Statement: हाथरस में हुए हादसे के बाद मौका-ए-वारदात पर मौजूद वहां के एसडीएम का बयान सामने आया है। इसमें उन्होंने साफ-साफ कहा है कि बाबा के सेवादारों ने बाबा के दर्शन के लिये बढ़ रही भीड़ के साथ धक्का-मुक्की की, जिसकी वजह से भीड़ को मजबूरन सड़क के नीचे पानी भरे खेतों में उतरना पड़ा, जहां ढलान पर कई लोग फिसल कर गिर गए और भीड़ उनके ऊपर से गुजर गई। 

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Hathras SDM Statement: हाथरस में हुए हादसे के बाद मौका-ए-वारदात पर मौजूद वहां के एसडीएम का बयान सामने आया है। इसमें उन्होंने साफ-साफ कहा है कि बाबा के सेवादारों ने बाबा के दर्शन के लिये बढ़ रही भीड़ के साथ धक्का-मुक्की की, जिसकी वजह से भीड़ को मजबूरन सड़क के नीचे पानी भरे खेतों में उतरना पड़ा, जहां ढलान पर कई लोग फिसल कर गिर गए और भीड़ उनके ऊपर से गुजर गई।

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उपजिलाधिकारी का बयान सामने आया है - 

2 जुलाई को राष्ट्रीय राजमार्ग-91 (National Highway) सिकंदराराऊ से एटा रोड पर स्थित ग्राम फुलरई मुगलगढी के दक्षिण दिशा में नारायण साकार हरि का प्रवचन/सत्संग कार्यकम चल रहा था। सत्संग में लगभग 2 लाख से अधिक की भीड़ उपस्थित थी। नारायण साकार हरि दोपहर करीब साढ़े बारह बजे सत्संग पंडाल में पहुँचे और 1 घंटा कार्यक्रम चला। वो करीब 1 बज कर 40 मिनट पर पंडाल से निकलकर राष्ट्रीय राजमार्ग-91 पर एटा की ओर जाने के लिए आए तो (जिस रास्ते से भोले बाबा निकल रहे थे) उस रास्ते की ओर सत्संगी महिला/पुरुष/बच्चे आदि उनके दर्शन, चरण स्पर्श और आशीर्वाद स्वरूप उनकी चरण रज लेकर अपने माथे पर लगाने लगे। 

बाबा के कमाडों और सेवादारों ने भीड़ के साथ की धक्का-मुक्की, भीड़ राहत की सांस लेने लेने के लिए खेत में उतरी, वहां कुछ लोग फिसल गए, इसके बाद भीड़ उन पर होकर गुजर गई

जी.टी.रोड के किनारे एवं बीच में बने डिवाइडर पर काफी अधिक संख्या में दर्शन के लिए पहले से लोग खड़े थे, जो डिवाइडर से कूद-कूद कर बाबा के दर्शन के लिए उनके वाहन की और दौड़ने लगे तो बाबा के साथ उनके निजी सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमाडों) एवं सेवादारों द्वारा बाबा के पास भीड़ न पहुँचने की स्थिति में भीड़ के साथ स्वयं ही धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया, जिससे कुछ लोग नीचे गिर गए। तब भी भीड़ नहीं मानी और अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, जिसके कारण भीड़ राहत की सांस लेने के लिए कार्यक्रम स्थल के सामने खुले खेत की तरफ सड़क के दूसरी ओर भागी, जहाँ सड़क से खेत की ओर उतरने के दौरान फिसलन होने की वजह से अधिकाशः लोग फिसल कर गिर गए।  इसके बाद पुनः उठ नहीं सके और भीड़ उनके ऊपर से होकर इधर-उधर भागने लगी। इसमें कई महिलाएँ व पुरूष व बच्चे हताहत हुए। कुछ जख्मी हुए। मौके पर राजस्व वं पुलिस सुरक्षा कर्मियों द्वारा हताहत कर्मियों को एम्बुलेंस एवं अन्य साधनों से घटना स्थल के आस-पास स्थित अस्पताल भिजवाया गया। कुल 121 लोगों की इस घटना में मौत हो गई। 

एफआईआर में आरोपी नहीं हैं 'भोले बाबा'

घटना को लेकर सिकंदरारऊ थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मगर एफआईआर में खास बात ये है कि बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद भगदड़ का जिक्र तो है लेकिन आरोपी के तौर पर बाबा का नाम नहीं है। हादसे का मुख्य आरोपी मुख्य सेवादार और आयोजक देव प्रकाश मधुकर और अज्ञात सेवादार और आयोजकों को बनाया गया है। एफआईआर के मुताबिक, लाखों की भीड़ का अंदाजा होने के बावजूद आयोजकों ने मंजूरी लेते वक्त ये बात छिपाई और आयोजन में सिर्फ 80 हजार लोगों के आने की अनुमति ली। पुलिस के मुताबिक, प्रवचन के बाद जब बाबा आयोजन स्थल से निकले तो श्रद्धालु उनके पैरों की धूल लेने के लिये झुके, मगर पीछे से आ रही भीड़ का दबाव इतना ज्यादा था कि धूल लेने के लिये झुके या बैठे लोग गिर पड़े और पीछे से आ रही भीड़ उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गई।

सेवादारों ने की सबूत मिटाने की कोशिश

एफआईआर के मुताबिक, सेवादारों के कुप्रबंधन और अव्यवस्था के चलते भगदड़ मची। सेवादारों ने बाबा के नजदीक पहुंचने को आतुर भीड़ को जबरन डंडों के बल पर रोकने की कोशिश की जिससे भीड़ के दबाव में लोग कुचले गए। एफआईआर में कहा गया है कि अस्सी हजार लोगों को लेकर पुलिस-प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम था, लेकिन जब हालात बेकाबू हुए तो सेवादारों ने कोई मदद नहीं की, उल्टा जिन लोगों के चप्पल-जूते और साथ लाया सामान छूटा उन्हें पास के खेतों में फेंककर सबूत मिटाने की कोशिश की। इस बीच मुख्यमंत्री के आदेश पर एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ की देखरेख में घटना की जांच जारी है और प्रशासन की ओर से कहा गया है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी और पुलिस को घटना से जुड़े दूसरे साक्ष्य मिलेंगे एफआईआर में दर्ज आरोपियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। 
 

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