हाथरस भगदड़: Rape Case में जेल की हवा खा चुके हैं 'बाबा भोले', यूपी से राजस्थान तक दर्ज पांच-पांच मुकदमे

GOPAL SHUKLA

03 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 3 2024 1:51 PM)

Hathras Stampede: हाथरस में जिस बाबा को लेकर बवाल हो रहा है वो तो फरार है। चारों तरफ मची चीख पुकार के बीच 'बाबा भोले' के कुछ अतीत के पन्ने खड़खड़ाकर खुल गए। जिससे ये जाहिर हो गया कि सूरज पाल उर्फ एसपी सिंह ने रेप जैसे संगीन आरोप होते हुए भी किस तरह बाबा बनने की रूपरेखा तैयार की और कैसे-कैसे स्वांग रचे।

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संतोष कुमार की रिपोर्ट

Hathras Stampede: दिल्ली से सिर्फ 200 किलोमीटर दूर यूपी के हाथरस में हुए हादसे से लोग सन्न हैं। जिस बाबा भोले उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ सूरज पाल सिंह जाटव उर्फ एसपी सिंह के सत्संग में मची भगदड़ के बाद चारों ओर चीत्कार हो रही है वही बाबा भोले फिलहाल फरार हैं। जिस 150 एकड़ के मैदान में ये सत्संग हो रहा था वहां अब लाशों का अंबार लगा हुआ है। मरने वालों का आंकड़ा 121 के पार जा पहुँचा है। भोले बाबा के चरणों की धूल के लिए श्रद्धालु ऐसे उमड़े की एक के ऊपर एक गिरते चले गए। गर्मी-उमस और संकरे रास्ते की वजह से लोग बेहोश हो गए। और बाबा के सतसंग में जो एक बार गिरा वो फिर उठ नहीं पाया।

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गड्ढे में गिरे और दबते चले गए

जहां थोड़ी देर पहले भजन और सत्संग का दैवीय माहौल था वहां चारों ओर चीख-पुकार मच गई। भीड़ से बचने के लिए जिन लोगों ने भागने की कोशिश की वो पास के खेत के गड्ढे और कीचड़ में गिर कर दबते चले गए। हाथरस के डीएम का तो यहां तक कहना है कि जिले के सिकंदराराऊ में ‘भोले बाबा’ के समागम के लिए सिर्फ 80 हजार लोगों को बुलाने की इजाजत दी गई थी जबकि वहां ढाई लाख लोग पहुँच गए जिसकी वजह से बदइंतजामी फैली और ये हादसा और भी भयानक हो गया। 

तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं सूरजपाल

नारायण साकार विश्व हरि बाबा का असली नाम सूरजपाल जाटव उर्फ एसपी सिंह है। उनकी पत्नी का नाम कटोरी देवी है। सूरजपाल तीन भाइयों में से सबसे बड़े हैं। इनसे छोटे भाई का नाम राम प्रसाद है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। तीसरे नंबर के भाई का नाम राकेश है। वो गांव में रहकर खेती का काम करते हैं। सूरजपाल से बने साकार विश्व हरि बाबा अपने पैतृक गांव में बने आश्रम पर आखिरी बार 23 मई 2023 को नजर आये थे, तबसे वहां नहीं गए। हालांकि आगरा के उनके मकान पर और उनके आश्रम पर हर मंगलवार को हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है। बाबा के अनुयाई आश्रम पर पहुंचकर अपने आपको को धन्य समझते हैं।

गुनाहों से सना अतीत

इसी बीच ये खुलासा हो गया है कि एसपी सिंह उर्फ सूरज पाल सिंह जाटव का अतीत भी गुनाहों की कीचड़ से सना हुआ है। खुद उत्तर प्रदेश के डीजीपी रह चुके विक्रम सिंह ने खुलासा किया है कि एसपी सिंह के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें से एक मामला यौन शोषण का भी है। पुलिस विभाग से होने के बावजूद एसपी सिंह उर्फ बाबा भोले न सिर्फ पुलिस के सामने मुल्जिम बनकर जा चुके हैं बल्कि जेल की हवा भी खा चुके हैं।

इटावा में दर्ज हुई थी यौन शोषण की FIR

बाबा उर्फ सूरज पाल जिन दिनों इटावा की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) में तैनात थे उस दौरान उनके खिलाफ यौन शौषण की FIR दर्ज हुई थी। ये बात 1997 की है जब यौन शोषण के आरोपों के बाद सूरज पाल उर्फ एसपी सिंह को जेल तक जाना पड़ा था। इतना ही नहीं, बाबा भोले के खिलाफ अब तक कुल पांच मुकदमे दर्ज हो चुके हैं जिनमें से एक-एक केस आगरा, इटावा, कासगंज, फर्रूखाबाद और राजस्थान के दौसा में दर्ज हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि पुलिस में होने के बावजूद जेल जाने के बाद ही एसपी सिंह उर्फ सूरज पाल सिंह जाटव का पुलिस महकमे की नौकरी से मोह भंग हो गया था और उसके बाद वीआरएस (वॉल्युंटरी रिटायरमेंट) ले लिया था। अचानक 1998 में स्वैच्छिक सेवानिवृति यानी वीआरएस लेने के बाद एक रोज बाबा ने ऐलान कर दिया कि परमात्मा के साथ उनका साक्षात्कार हो गया और देखते ही देखते वो बाबा बन गए। 

साथ में बैठती है मामी

बताया जा रहा है कि सत्संग के दौरान बाबा भोला उर्फ नारायण साकार विश्व हरि के पास जो महिला बैठती हैं वो असल में उनके रिश्ते की मामी हैं। हालांकि ये बात अब तक किसी को समझ नहीं आई है कि आखिर मामी को साथ बैठाकर बाबा क्यों सत्संग करते हैं। 

बाबा के आगरा वाले मकान पर बाबा की कुटिया पर आस्थावान लोगों की भीड़

आगरा का मकान बन गया आस्था का केंद्र

सिक्के के दूसरे पहलू का एक हिस्सा ये है कि बाबा का चोला धारण करने से पहले बाबा भोले को लोग सूरज पाल सिंह उर्फ SP सिंह के नाम से ही जानते थे। पुलिस में नौकरी करने के दौरान वो आगरा के केदारनगर के एक छोटे से मकान में रहते थे जिसे उनके बाबा बनने के बाद मंदिर का दर्जा दे दिया  गया है। लोग अब उस ताला लगे मकान को बाबा की कुटिया कहते हैं। मंगलवार को पूरे देश में हाहाकार मचाने वाली इस खबर के सामने आने के बाद भी आगरा के उस मकान के सामने बाबा भोले के अनुयायियों की भीड़ कम नहीं हुई। दर्जनों लोग मकान को बाबा की कुटिया बताकर उसके आगे माथा टेकते नजर आए। हालांकि आस पास के लोगों का कहना है कि इस मकान में न तो कोई मंदिर है और न ही कोई ऐसी चीज जिसकी पूजा की जाए। 

बेटी का शव रखकर जिंदा करने का रचा था नाटक

आगरा के जिस मकान की चौखट पर लोग मत्था टेकना अपना सौभाग्य समझ रहे हैं उसी मकान में सूरज पाल सिंह ने बहुत पहले कानून को ठेंगा दिखाने की हिमाकत की थी। 29 साल पहले सूरज पाल सिंह को सबसे पहले पुलिस ने इसीलिए गिरफ्तार किया था। बाबा तब गोद ली हुई बेटी के शव को दो दिन तक रखे रहे थे। जिंदा करने के जतन करने की अफवाह पर पहुंची पुलिस से बाबा ने कहा था कि ये मैं नहीं, मेरे अनुयायी कह रहे हैं। बाबा ने उस वक्त बेटी का शव दो दिन तक घर में यह कह कर रखा कि उसे जिंदा किया जा रहा है। हालांकि बेटी जिंदा नहीं हुई। इस पर उत्सुकतावश बड़ी भीड़ जमा हो गई थी। उस वक्त मौके पर आई पुलिस से भोले बाबा ने कहा था कि बेटी को जिंदा करने का दावा मेरा नहीं है बल्कि ये तो लोगों की मुझको लेकर आस्था है। यहीं से भोले बाबा चर्चा में आ गए थे। हालांकि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मल्ल का चबूतरा श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करा दिया था।

हैंडपंप का पानी बनाएगा 'आयुष्मान'

बाबा की कुटिया यानी आगरा के मकान के बाहर लगे एक हैंडपंप की कहानी भी अनोखी है। बाबा के अनुयायी उसे बाबा से जोड़ कर देखते हैं और बड़ी संख्या में इसी हैंडपम्प से पानी पीने यहां आते हैं। बाबा के अनुयायियों का ये यकीन है कि इस हैंडपंप का पानी उन्हें आयुष्मान यानी निरोग कर देगा। और जो बीमार है उसका इलाज महज इस हैंडपम्प से पानी पीने भर से हो जाएगा।

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