अफगानिस्तान सेना को दिए अमेरिकी और दूसरे देशों के हथियार तो तालिबान के हाथ लग ही चुके हैं, लेकिन अब तालिबान के हाथ लग सकता है एक ऐसा हथियार जो पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है। ये बायोमैट्रिक (Biometric) हथियार है जिसमें 15 लाख से ज़्यादा अफगान लोगों के आंखों की पुतली, उंगली के निशान और चेहरे के स्कैन का डेटा है, जो एक नई मुश्किल पैदा कर सकता है।
अमेरिकी मददगारों को ऐसे चुन-चुनकर मारेगा तालिबान! तालिबानियों के हाथ लगा ऐसा हथियार जो खड़ी कर सकता है मुश्किल
तालिबान के हमले के दौरान पिछले हफ्ते बायोमेट्रिक डाटा और पहचान उपकरण जब्त किए गए।
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27 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:03 PM)
अफगान के इन लोगों की जान मुश्किल मे है
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अमेरिका की सेना ने साल 2007 में 15 लाख से ज़्यादा अफगानों के आंखों की पुतली, उंगली के निशान और चेहरे के स्कैन को इकट्ठा करने और मिलान करने के लिए एक छोटे, हाथ से इस्तेमाल किए जाने वाले डिवाइस का उपयोग कर बायोमेट्रिक डाटा का डाटा बेस तैयार किया था। इंटरएजेंसी आइडेंटिटी डिटेक्शन इक्विपमेंट (HIDI) के रूप में जाना जाने वाला हाथ से पकड़ने वाला डिवाइस है, शुरू में अमेरिकी सरकार द्वारा विद्रोहियों और दूसरे मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों का पता लगाने के साधन के रूप में विकसित किया गया था।
जानकारों के मुताबिक इतने सालों में बड़ी मुश्किल से अमेरिकी सेना ने इस सिस्टम का इस्तेमाल युद्ध के दौरान अमेरिका की सहायता करने वाले अफगानों के डाटा को शामिल करने के लिए किया था। आज एचआईडीई बायोमीट्रिक डाटा के डाटाबेस तक पहुंच प्रदान करता है, इसमें गठबंधन बलों की सहायता करने वाले लोगों के डाटा भी शामिल हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि सैन्य उपकरणों और इस डाटाबेस पर अब तालिबान का नियंत्रण है जिसने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, लेकिन अभी इसकी पुष्टी नहीं हुई है।
एचआईडीई पर क्या तालिबान का कब्जा है?
इस वक्त ये अनिश्चितता कायम है कि क्या तालिबान ने एचआईडीई पर कब्जा कर लिया है और अगर वो व्यक्तियों की बायोमेट्रिक जानकारी तक पहुंच सकता है, तो उन लोगों के लिए जोखिम ज़्यादा है जिनका डाटा सिस्टम पर दर्ज है। साल 2016 और 2017 में, तालिबान ने देश भर में यात्री बसों को सभी यात्रियों की बायोमेट्रिक जांच करने के लिए रोक दिया ताकि ये निर्धारित किया जा सके कि बस में सरकारी अधिकारी थे या नहीं।
क्यों उपयोगी है बायोमेट्रिक डाटा?
बायोमेट्रिक डाटा इक्ट्ठा करना कई मामलों में उपयोगी है, ज़ाहिर है इसे सावधानी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे उन लोगों की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करना जो सबसे ज़्यादा जोखिम में हो सकते हैं और जिनके साथ समझौता या असुरक्षित होने की संभावना है। अगर सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित नहीं की जा सकती है, तो बायोमेट्रिक डाटा संग्रह और उपयोग को संघर्ष क्षेत्रों और संकट प्रतिक्रिया में तैनात नहीं किया जाना चाहिए।
बायोमैट्रिक डाटा सहूलियत से ज़्यादा मुसीबत?
बायोमेट्रिक डाटा, या बस बायोमेट्रिक, शारीरिक या व्यवहारिक विशेषताएं हैं जिनका इस्तेमाल किसी इंसान की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। इनमें चेहरे की विशेषताएं, आवाज के पैटर्न, उंगलियों के निशान या आंखों की पुतलियों के निशान शामिल हैं। अमेरिकी सेना के बायोमीट्रिक टास्क फोर्स ने 2007 में एक आंतरिक डाटाबेस के लिए उंगलियों के निशान, आंखों की पुतलियों, चेहरे की तस्वीरें और संबंधित व्यक्तियों के जीवनी संबंधी प्रासंगिक डाटा को एकत्रित कर उसका मिलान किया था।
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