Noida News: गोद में बच्चा हाथों में ई-रिक्शा, इस लिए चंचल चलाने लगी ई-रिक्शा...

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Noida News: गोद में बच्चा हाथों में ई-रिक्शा, इस लिए चंचल चलाने लगी ई-रिक्शा...
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Noida News: नोएडा की सड़कों पर ई-रिक्शा (E-Rickshaw) चला रही चंचल से जब पूछा गया कि उन्होंने नोएडा (Noida) की सड़कों पर ई-रिक्शा चलाना शुरू किया तो क्या-क्या परेशानियों (Problems) का सामना करना पड़ा या फिलहाल किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तो उन्होंने बताया कि शुरुआत में यहां ई-रिक्शा चलाने वाले लोगो ने मुझे परेशान किया क्योंकि वो नही चाहते थे कि मैं यहाँ इस रूट पर चलाऊँ।

यहाँ के एआईबी चौकी स्टाफ समेत ट्रैफिक पुलिस ने मेरा समर्थन किया और अब कोई भी परेशानी नही होती। फिलहाल में लेबर चौक से साई मंदिर, काला पत्थर और पहला पुस्ता मेरा रुट है और मुझे किसी तरह की कोई परेशानी नही है। मैं ई रिक्शा इसलिए चला रही हूं ताकि मेरा बच्चा छोटा सा है।

मैं कही और काम करती हूं तो बच्चे को दूर करना पड़ेगा लेकिन ई रिक्शा चलाते समय मेरा बच्चा मेरे साथ रहता है और आसानी हो जाती है। मेरी माँ खोड़ा कालौनी में रहती कभी मैं मां के पास रुक जाती तो कभी बहन के इस तरह मेरा फिलहाल जीवन-यापन चल रहा है।

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चंचल की शादी तीन साल पहले 2019 में छायंसा गांव जो कि दादरी में पड़ता है उस गांव के निवासी एक व्यक्ति से शादी हुई थी। जिसका नाम न बताने किस शर्त पर कहा कि उस आदमी ने मुझे इतना प्रताड़ित कर रखा है मैं उसका नाम अपनी जुबान पर नही लाना चाहती। शादी के बाद ही उसने हमें प्रताड़ित करने शुरू कर दिया और हर तरह से हर रोज प्रताड़ित करता था। दो तीन महीने बाद ही हमारा कोर्ट केस शुरू हो गया। जो अबतक चल रहा है।

चंचल शर्मा बताती है कि वो लालकुआं की मूल निवासी है उनके पिता की जब वो छोटी थी तब ही मौत हो गई। चार बहने और मां है शादी सभी हो गई। चंचल की मां एक रेहड़ी पर आलू प्याज बेचकर अपना खर्चा चलाती है। चंचल शर्मा ने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा कि भगवान ऐसा पति किसी को न दे जैसा मुझे दिया।

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