यूपी पुलिस को 'सु्प्रीम डांट' सुनवाने वाला गैंगस्टर अनुराग दुबे फेसबुक लाइव कर थाने पहुंचा, ड्रोन से हुई निगरानी
UP News: हाल ही में उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन ने फर्रूखाबाद के मऊदरवाजा थाने में अपना बयान दर्ज कराया। इस घटना ने एक बार फिर से यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
ADVERTISEMENT
UP News: हाल ही में उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन ने फर्रूखाबाद के मऊदरवाजा थाने में अपना बयान दर्ज कराया। इस घटना ने एक बार फिर से यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अनुराग दुबे के मामले में यूपी पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी और उसकी गिरफ्तारी पर रोक भी लगाई थी। इसी के बाद अनुराग दुबे ने थाने में अपना बयान दर्ज कराया।
अनुराग दुबे ने थाने पहुंचने से पहले फेसबुक लाइव किया, जिसमें उसने अपने परिचितों को सूचित किया कि वह मऊदरवाजा थाने पहुंच चुका है और अपना बयान दर्ज कराने जा रहा है। उसकी इस लाइव वीडियो में एक व्यक्ति उसके साथ मौजूद था, जो मोबाइल फोन से पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया पर दिखा रहा था। अनुराग ने पहले ही आशंका जताई थी कि पुलिस उसका एनकाउंटर कर सकती है, इसी कारण उसने लाइव वीडियो बनाया ताकि उसके साथ कुछ गलत होने पर लोग उसे देख सकें।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 1 दिसंबर को अनुराग दुबे थाने में पेश हुआ और वहां करीब एक घंटे तक पुलिस ने उससे पूछताछ की। इस दौरान थाने में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। यहां तक कि ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही थी ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस की आलोचना की थी। कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर अनुराग को कुछ हुआ, तो कड़ा आदेश पारित किया जाएगा, जिसे यूपी पुलिस जीवनभर याद रखेगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस को संवेदनशील होकर काम करने की आवश्यकता है, न कि केवल अपनी पावर का उपयोग करने की।
ADVERTISEMENT
अनुराग दुबे के खिलाफ फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र में धोखाधड़ी, मारपीट, और जालसाजी जैसे करीब 25 मुकदमे दर्ज हैं। इन मुकदमों में उसे एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) और गुंडा एक्ट के तहत भी आरोपी बनाया गया है। अनुराग दुबे का संबंध बसपा नेता और माफिया अनुपम दुबे से है, जो पुलिस इंस्पेक्टर हत्याकांड में मथुरा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। अनुराग दुबे के ऊपर लगे गंभीर आरोपों के बावजूद उसे सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली थी, जिसके बाद उसने पुलिस के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया।
थाने से बाहर आने के बाद अनुराग ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने के बाद ही उसने अपना बयान दर्ज कराया है। उसने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि उसे कोर्ट पर 200 प्रतिशत भरोसा है और वह पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करेगा।
ADVERTISEMENT
यह मामला पुलिस और कानून व्यवस्था के बीच के उस पेचीदा संतुलन को दिखाता है, जहां एक तरफ कानून के दायरे में काम करने की आवश्यकता है, वहीं दूसरी तरफ पुलिस को भी अपनी शक्तियों का दुरुपयोग न करने की चेतावनी दी जाती है। अनुराग दुबे का यह बयान और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती एक महत्वपूर्ण मिसाल के रूप में सामने आई है, जहां पुलिस की कार्यशैली को लेकर सवाल उठते हैं और न्यायपालिका उसे नियंत्रित करने का प्रयास करती है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT