Murder Mystery: 17 साल की लड़की का Army Officer ने किया था क़त्ल, 45 साल बाद कैसे सुलझी मिस्ट्री?

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Murder Mystery: 17 साल की लड़की का Army Officer ने किया था क़त्ल,  45 साल बाद कैसे सुलझी मिस्ट्री?
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Crime News: कैलिफोर्निया, यूएस में पुलिस ने 45 साल पुराने एक जघन्य अपराध के मामले को सुलझा लिया है। यह मामला 17 साल की एस्तेर गोंजालेज की हत्या से जुड़ा है, जिसका शव 10 फरवरी 1979 को रिवरसाइड काउंटी के पास एक हाईवे पर बर्फ के ढेर में मिला था। जांच में खुलासा हुआ कि एस्तेर के साथ पहले बलात्कार किया गया और फिर उसकी बेरहमी से पिटाई कर हत्या कर दी गई थी।

एस्तेर लॉस एंजिल्स में अपने माता-पिता के साथ रहती थी और घटना वाले दिन अपनी बहन के घर बैनिंग जाने के लिए पैदल निकली थी, जो लगभग 137 किलोमीटर दूर था। इस यात्रा के दौरान एक अपराधी ने उसे रास्ते में पकड़ लिया और बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी। उसका शव हाईवे के किनारे फेंक दिया गया था। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच की, लेकिन दशकों तक उन्हें कोई सबूत नहीं मिला, जिसके कारण यह केस ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

अब, 45 साल बाद, पुलिस ने मामले को सुलझाने में सफलता हासिल की। दरअसल, पीड़िता के शरीर से मिले सीमन (वीर्य) के सैंपल डीएनए से मैच कर गए, और यह सैंपल लुईस रैंडोल्फ रैंडी विलियमसन नामक व्यक्ति से मेल खा गए। चौंकाने वाली बात यह है कि विलियमसन की मौत 2014 में हो चुकी थी। जानकारी के अनुसार, आरोपी यूएस मरीन फोर्स में काम कर चुका था और उसने खुद पुलिस को शव मिलने की सूचना दी थी। शव की हालत इतनी खराब थी कि उसकी पहचान कर पाना मुश्किल हो गया था। यह भी साफ नहीं हो पा रहा था कि शव महिला का है या पुरुष का। पुलिस ने उस समय विलियमसन से पूछताछ भी की थी, लेकिन पॉलीग्राफ टेस्ट में कुछ सामने नहीं आया था, जिसके कारण उसे निर्दोष मानकर छोड़ दिया गया था।

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इस मामले का रहस्य तब खुला जब विलियमसन की मृत्यु के बाद उसके डीएनए सैंपल की जांच की गई। पुलिस ने फ्लोरिडा में उसकी मौत के बाद शव के सैंपल टेक्सास की एक लैब में भेजे थे, जहां यह पीड़िता के सैंपल से मेल खा गए। इसके बाद पुलिस को पक्का यकीन हो गया कि विलियमसन ही इस अपराध का दोषी था।

पीड़िता के भाई एडी गोंजालेज और बहन एलिजाबेथ ने बताया कि एस्तेर बहुत शर्मीली लड़की थी और वह अपने 7 भाई-बहनों में चौथे नंबर पर थी। परिवार ने पुलिस का धन्यवाद किया कि इतने साल बाद भी उन्होंने सच को सामने लाया। हालांकि आरोपी की मौत हो चुकी है और परिवार इस बात पर खेद जता रहा है कि वे उस पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकते। लेकिन उन्हें संतोष है कि उनकी बहन को न्याय मिल गया।

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