Russian Ukraine War: मारियुपोल में दिखा साक्षात नर्क, मिसाइल और मौसम की डबल मार
मारियूपोल में दिखा साक्षात नर्क, मिसाइल और मौसम की डबल मार, मारियूपोल में हालात बद से बदतर, माइनस 5 में रह रहे हैं, बिजली पानी और गैस के बिना मारियूपोल का जीवन, Russian Ukraine War, airstrike pounds
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मारियूपोल की हालत बहुत ख़राब
Russian Ukraine War: यूक्रेन का एक शहर है मारियुपोल। कीव से इस शहर की दूरी महज़ 25 किलोमीटर की है लेकिन हालात यहां कीव के मुकाबले बेहद ख़राब नज़र आ रहे हैं। इस शहर से निकले हुए लोगों की बातों पर अगर यकीन किया जाए तो मारियूपोल यूक्रेन का नया नर्क है।
रूस के बम और मिसाइलों ने इस शहर की हालत ख़राब कर दी है। ये शहर अभी तक रूसी हमले के बाद से 2500 नागरिकों की मौत देख चुका है। लेकिन ड्रोन और सैटेलाइट के ज़रिए शहर की जो तस्वीरें सामने आई हैं उसे देखकर मारियूपोल का कोई भी बाशिंदा चौंक भी सकता है। क्योंकि शहर के चप्पे चप्पे पर तबाही और बर्बादी के मंज़र बिखरे पड़े हैं। और बर्बादी का मलबा शहर की किस्मत पर आंसू बहा रहा है।
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शहर में साढ़े तीन लाख से ज़्यादा लोग फंसे
Russian Ukraine War: यूक्रेन के अधिकारियों की बातों पर यकीन किया जाए तो अब भी इस शहर में क़रीब 3.5 लाख से ज़्यादा लोग फंसे हुए हैं। जबकि शहर से कई बाशिंदों के साथ साथ बिजली पानी और दवा भी यहां से नदारद हो गए हैं, लिहाजा बचे खुचे बाशिंदों को इन सबके अलावा बिना गैस के माइनस 5 डिग्री तापमान में बस जान बचाने को मजबूर होना पड़ रहा है। यानी आलम ये है कि अगर रूस के बम से बच गए तो मौसम मार डालेगा।
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मारियुपोल सिटी के अधिकारियों के मुताबिक क़रीब इस शहर के हज़ारों लोग अपनी अपनी कारों से शहर से बाहर निकलने में कामयाब हो गए हैं। इसके अलावा क़रीब 2000 से ज्यादा वाहन मारियूपोल शहर से बाहर जाने वाले हाईवे पर खड़े हुए हैं। पिछले 15 दिनों से इस शहर को रूसी सेना ने घेर रखा है। लेकिन रूसी सेना बीच बीच में नागरिकों को यहां से निकल जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया जाता है ऐसे में ये भी शहर के लोगों को राहत देता नहीं दिखाई देता।
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घरों के पास गिर रही मिसाइलें और बम
Russian Ukraine War: यूक्रेन की राजधानी कीव से क़रीब 225 किलोमीटर दूर जपोरिजिया इलाक़े में भागकर पहुंची दो महिलाओं ने मारियूपोल के बारे में जो कुछ बताया वो किसी डरावने सपने से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि रूसी बम और मिसाइलें घरों के पास गिर रहे हैं ऐसे में वहां किसी के बचकर रहने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है।
जेपोरिजिया पहुँची लीडिया का कहना है कि लगातार बमबारी की आवाजों के बीच रहना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है। लीडिया कहती हैं कि हमने जब ये शहर छोड़ा उसके बाद से अब तक हालात तो और भी ज़्यादा ख़राब हो गए हैं। पड़ोसियों से पता चला है कि उनके लिए तो मारियूपोल छोड़ने के हालात बन ही नहीं रहे हैं। लीडिया कहती है कि उन्होंने 60 लोगों के साथ बेसमेंट में दो हफ्ते बिताए और जैसे ही मौका मिला तो वहां से निकल भागी।
बारिश के पानी में पकाया सूप
Russian Ukraine War: मारियूपोल में रहने वाली स्वेतलाना बताती है कि उन्होंने खुद अपने घर में 17 लोगों को पनाह दी। इतना ही नहीं बारिश का पानी इकट्ठा करने के बाद उसी में सूप पकाया। अपना तजुर्बा बताती हैं कि जब जंग शुरू हुई थी तब वो शहर नहीं छोड़ना चाहती थीं लेकिन अब बम के धमाकों के बीच वो यहां नहीं रुकना चाहती।
इस शहर के अस्पतालों का हाल भी बेहाल है। अव्वल तो ज़्यादातर अस्पतालों पर रूसी सेना का कब्ज़ा हो चुका है। वहां जो लोग अस्पताल में फंस गए उनके लिए निकलपाना मुश्किल हो गया है। अस्पताल से जैसे तैसे निकल पायीं किरिलेंको का कहना है कि अस्पताल से जो भी भागने की कोशिश कर रहा है उसे रूसी सैनिक गोली मार देते हैं। यहां लोग अस्पताल के बेसमेंट में फंसे हुए हैं, जबकि आस पास की बिल्डिंगों में आग लगी हुई है।
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