खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल और इंजीनियर रशीद ने ली सांसद के तौर पर शपथ! जेल से सीधा दिल्ली लाया गया

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खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल और इंजीनियर रशीद ने ली सांसद के तौर पर शपथ! जेल से सीधा दिल्ली लाया गया
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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Amritpal Singh ने खडूर साहिब के सांसद पद की ली शपथ

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कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया नई दिल्‍ली

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इंजीनियर रशीद ने ली सांसद के तौर पर शपथ

Khalistani Amritpal Singh: खालिस्तानी अमृतपाल सिंह ने जेल से दिल्ली पहुंचकर सांसद के रूप में शपथ ले ली। उसे विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। इसके बाद ये प्रक्रिया पूरी की गई। अमृतपाल को शुक्रवार तड़के करीब 3 बज कर 52 मिनट पर डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल से निकाला गया। वहां से सुरक्षाकर्मी उसे मोहनबाड़ी हवाई अड्डे पर वायु सेना बेस ले गए। अमृतपाल को हवाई अड्डा ले जाने वाले काफिले में पंजाब और डिब्रूगढ़ पुलिस के आठ वाहन शामिल थे। वहां से फ्लाइट से उसे दिल्ली लाया गया। सफेद शर्ट, काली लंबी पैंट और नारंगी पगड़ी पहने अमृतपाल को सुरक्षाकर्मियों ने घेरा हुआ था।

अदालत ने तय की है 10 शर्तें!

इसके बाद अमृतपाल सिंह ने स्पीकर के चैंबर में शपथ ली। पैरोल शर्तों के तहत परिवार को दिल्ली जाने की अनुमति दी गई है। इस शपथ ग्रहण की फोटो-वीडियो जारी नहीं की गई है। इसके साथ ही अमृतपाल को नई दिल्ली के 'न्यायिक क्षेत्राधिकार' से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। अमृतपाल की 4 दिन की पैरोल अवधि 5 जुलाई से शुरू हुई। आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ एनएसए लगाया गया था। अमृत ​​पाल ने लोकसभा चुनाव में पंजाब के खडूर साहब निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था।

खडूर साहिब के सांसद पद की ली शपथ

अमृतपाल की पैरोल आदेश में 10 शर्तों का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि अस्थायी रिहाई की अवधि के दौरान अमृतपाल सिंह तो डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल से नई दिल्ली तक लाने और वापस आने में लगने वाला समय शामिल होगा। आदेश के मुताबिक, अमृतपाल सिंह या उनके किसी भी रिश्तेदार को अमृतपाल के किसी भी बयान की वीडियोग्राफी करने और या किसी भी इलैक्ट्रॉनिक रूप में ऐसे किसी भी बयान को प्रसारित करने की अनुमति नहीं दी गई। अमृतपाल के सांसद की शपथ लेते ही समर्थकों द्वारा खडूर साहिब में खुशी मनाई गई। अमृत पाल पर कई संगीन आरोप हैं। 

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क्या आरोप है खालिस्तानी अमृत पाल सिंह पर?

अमृतपाल सिंह पिछले साल मार्च से जेल में बंद है। विकिपीडिया के मुताबिक, फरवरी 2023 में एक व्यक्ति ने अजनाला पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी कि उसे अमृतपाल के साथियों ने अगवा कर लिया और पीटा। इसको लेकर पुलिस ने अमृतपाल और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने उसके एक करीबी साथी लवप्रीत सिंह "तूफान" को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल ने पंजाब पुलिस को मामला वापस लेने के लिए "अल्टीमेटम" जारी किया और जब पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया तो उसके समर्थकों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए थे। 

डिब्रूगढ़ जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया

बंदूकों और धारदार हथियारों से लैस होकर पुलिस परिसर में घुस गए थे। इस दौरान कई पुलिस कर्मी घायल हो गए थे और पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। बाद में पंजाब पुलिस ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर अदालत द्वारा उसकी रिहाई के आदेश के बाद लवप्रीत सिंह को रिहा कर दिया। इसके बाद पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह के पीछे पड़ गई थी। उसके खिलाए एनएसए लगाया गया था। पिछले साल 23 अप्रैल को काफी दिनों तक फरार रहने के बाद अमृतपाल को सरेंडर करना पड़ा।

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अमृतपाल को 9 जून तक पैरोल

वो पंजाब के मोगा में गुरुद्वारे में छिपा हुआ था। उसके बाद उसे एनएसए के तहत असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया। तब से वो उसी जेल में बंद है। भिंडरावाले के नक्शे कदम पर चलने वाला अमृतपाल सिंह 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया है। अमृतसर ज़िले के जल्लूखेड़ा गांव में जन्मे अमृतपाल सिंह की उम्र तीस साल की है। उसके पिता का नाम तरसेम सिंह है। अमृतपाल 19 बरस की उम्र में ही भारत से दुबई चला गया था और पूरे दस साल दुबई में ही रहा।

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इंजीनियर रशीद ने ली सांसद के तौर पर शपथ

भारत आते ही उसका रंग रुप और रुआब सब बदल गया और दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का प्रमुख बन गया। वो खालिस्तानी समर्थक हैं। इसके अलावा दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर रशीद जम्मू कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आए हैं। हाल ही में समाप्त हुए 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान कुल 542 में से 539 नवनिर्वाचित सांसदों ने संसद सदस्यता की शपथ ली। 

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