झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ, CM हाउस में बंद कमरे में सवाल-जवाब, कड़े सुरक्षा घेरे में हुई पूछताछ

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जांच जारी
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Jharkhand ED News: झारखंड में भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने पूछताछ शुरु की। शनिवार को मुख्यमंत्री आवास और संघीय एजेंसी के आंचलिक कार्यालय के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गयी। संघीय एजेंसी के अधिकारियों ने सोरेन से सीएम आवास में पूछताछ शुरु की। पूछताछ से पहले ही ईडी दफ्तर और मुख्यमंत्री आवास के बाहर अवरोधक लगाए दिये गये। रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘1,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।’’

हेमंत सोरेन से ED की पूछताछ

उन्होंने बताया कि रांची प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए जांच एजेंसी के कार्यालय और मुख्यमंत्री आवास के आसपास तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है। अधिकारी ने जानकारी दी कि पूछताछ खत्म होने तक मुख्यमंत्री आवास के पास वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी रहेगी। रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक और सदर पुलिस उपाधीक्षक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री आवास के पास दमकल की गाड़ियां तैनात की गई हैं। आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए मुख्यमंत्री आवास के आसपास तीन जगहों पर अवरोधक और हर चौक पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

CM हाउस में बंद कमरे में सवाल-जवाब

एजेंसी ने 13 जनवरी को एक पत्र भेजकर मुख्यमंत्री को 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच मामले में पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने के लिए कहा था। इसके जवाब में सोरेन ने एजेंसी से कहा था कि वह 20 जनवरी को उनके आवास पर उनका बयान दर्ज कर सकती है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कई आदिवासी संगठनों के विरोध के बीच, जांच एजेंसी ने मुख्य सचिव लालबियाक्तलुआंगा खियांग्ते, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह और रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पत्र लिखा। कई आदिवासी संगठनों ने शुक्रवार को केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ रांची में विरोध मार्च निकाला था जिसमें सैकड़ों आदिवासी पारंपरिक हथियार धनुष और तीर, 'सरना' धर्म के ध्वज और सोरेन के पोस्टर लिए हुए थे। 

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क्या गिरफ्तार हो जाएंगे सोरेन

विरोध मार्च के दौरान हिंदी में लिखे गए पोस्टरों में लिखा था कि ‘आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान करना बंद करें’। प्रदर्शनकारियों ने राजभवन के पास भी प्रदर्शन किया और धमकी दी कि अगर प्रवर्तन निदेशालय ने सोरेन के खिलाफ अपनी गतिविधियां बंद नहीं कीं तो झारखंड में एक और 'उलगुलान' (विद्रोह) होगा। 'उलगुलान' 19वीं शताब्दी में स्थानीय अधिकारियों द्वारा आदिवासियों के खिलाफ शोषण और भेदभाव के खिलाफ बिरसा मुंडा द्वारा शुरू किया गया एक आंदोलन था। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने इसके पहले कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में एजेंसी की ओर से जारी सात समन को नजरअंदाज कर दिया था। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने 16 जनवरी को संघीय एजेंसी की ओर से सोरेन को भेजे गये समन के विरोध में साहिबगंज जिले में नौ घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था।

(PTI)

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