हाथरस हादसे पर सवाल? 121 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यवस्था क्यों नहीं थी?

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हाथरस हादसे पर सवाल? 121 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यवस्था क्यों नहीं थी?
हाथरस हादसा: अस्पताल में मातम का माहौल
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Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ मच गई, जिसमें 121 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है. यह घटना रतिभानपुर इलाके में एक सत्संग के दौरान हुई, बताया जा रहा है कि भोले बाबा के सत्संग का समापन कार्यक्रम चल रहा था, तभी भगदड़ मच गई, इस भगदड़ में 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें एटा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के दिए निर्देश. ▪️वहीं एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच करने के भी निर्देश दिए. कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध होगी एफआईआर, बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है प्रशासन.

हाथरस हादसे पर सवाल..

बाबा के कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिसकी पुलिस और प्रशासन ने शायद कल्पना नहीं की थी. आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का सही-सही अनुमान पुलिस को नहीं था, इसलिए वहां मात्र 72 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी. जबकि भीड़ इतनी थी कि दूर-दूर से बस भरकर श्रद्धालु आए थे. यह हादसा हाथरस जिले के सिकंदराराऊ थाने के फुलरई गांव में हुआ.

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यवस्था क्यों नहीं थी?

 शुरुआती सूचनाओं के अनुसार, सत्संग समाप्त होने के बाद बहुत सारे लोग एक तरफ से निकलने लगे. लोगों के निकलने के मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई थी, और अगर की भी गई होगी, तो 72 पुलिसकर्मियों की संख्या उसे लागू कराने के लिए नाकाफी रही होगी.

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यह सत्संग नारायण साकार विश्वहरि भोले बाबा का था. आम तौर पर, जब इस तरह के आयोजन किए जाते हैं तो पुलिस के साथ प्रवचन करने वाले बाबाओं के स्वयंसेवक भी व्यवस्था में शामिल हो जाते हैं. शुरुआती वीडियो में इस तरह की व्यवस्था का अभाव दिखाया जा रहा है. एक पीड़ित महिला ने बताया कि जिस दिशा से लोग निकल रहे थे, वहां एक तरफ मोटरसाइकिलें थीं और दूसरी तरफ खेत. हालांकि, हादसे के सदमे में उस महिला को ठीक से याद नहीं आ रहा कि अचानक भगदड़ क्यों हुई.

दो मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी घटनास्थल के लिये रवाना

इस हादसे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है. हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएम योगी के निर्देश पर दो मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और संदीप सिंह समेत मुख्य सचिव और डीजीपी को भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं.

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सत्संग के बाद भगदड़ मचने की घटना: पीड़ितों का बयान

एक महिला ने बताया कि हम दर्शन करने आए थे और वहां बहुत भीड़ थी. जब भगदड़ मची, तो मैं और मेरा बच्चा भीड़ के नीचे दब गए. अपनी घायल मां के साथ अस्पताल पहुंची एक युवती ने बताया कि सत्संग खत्म होने के बाद भगदड़ मच गई. हम लोग खेत की ओर से निकल रहे थे, तभी अचानक भीड़ ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिससे कई लोग नीचे दब गए। हमारे साथ एक और व्यक्ति भी आए थे, जिनकी मौत हो गई है।

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