पंजाब के ये हैं वो आठ गैंग जिन पर टिकी सबकी नज़रें, जेल में बंद होकर भी बंद नहीं होता जिनका धंधा

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पंजाब के ये हैं वो आठ गैंग जिन पर टिकी सबकी नज़रें, जेल में बंद होकर भी बंद नहीं होता जिनका धंधा
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Punjab And Gangs: पंजाब के गैंग (Gangs of Punjab) इन दिनों मीडिया (Media) में छाए हुए हैं। पिछले कुछ अरसे से पंजाब के वो आठ गैंग ही सुर्खियों में रहे जिन्हें एक दो नहीं दर्जनों हत्याएं (Murder) के लिए ज़िम्मेदार माना जाता रहा।

देश का शायद ही कोई ऐसा राज्य हो, जहां गैंग या गैंगस्टर ना हो। मगर उपजाऊ ज़मीन के लिए मशहूर पंजाब की कहानी सबसे जुदा है। अगर यहां की ज़मीन बेहिसाब फसल पैदा करती है तो बीते कुछ अरसे के दौरान इसी ज़मीन ने खूंखार और ख़ौफ़नाक गैंगस्टर पैदा किए हैं जिसकी वजह से इन दिनों पंजाब और वहां के गैंग लोगों की ज़ुबान पर छाए हुए हैं।

पंजाब के गैंग्स की दास्तां बड़ी ही अजीब है। यहां हर गैंग की कहानी या हर गैंग की शुरुआत किसी न किसी एक क़त्ल से होती है। मगर इस गैंग और गैंगस्टर का क़िस्सा अगले क़त्ल से ख़त्म नहीं होता। बल्कि क़त्ल का सिलसिला लगातार बढ़ता ही जाता है। पंजाब देश का शायद इकलौता ऐसा राज्य है, जहां एक्टिव ज़्यादातर गैंग के ज़्यादातर सरगना या गुर्गे जेल में हैं। लेकिन फिर भी उनका गैंग और गैंग का कारोबार ख़त्म नहीं होता। बल्कि जेल से ही चालू रहता है।

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Story of Punjab Gangsters: यूं तो पूरे पंजाब में इस वक़्त छोटे-बड़े कुल मिलाकर क़रीब 70 गैंग एक्टिव हैं। इन 70 गैंग्स में 500 से ज़्यादा सदस्य हैं। इनमें से लगभग 300 जेल में हैं। पर इन 70 गैंग्स में से जो सबसे ज़्यादा कुख्यात, ख़ौफ़नाक और ख़तरनाक हैं, वो आठ गैंग हैं।

लॉरेंस विश्नोई गैंग

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जग्गू भगवानपुरिया गैंग

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गोंडर एंड ब्रदर गैंग

देवेंदर बंबीहा गैंग

सुक्खा काहलों गैंग

गुरबख़्श सेवेवाला गैंग

शेरा ख़ुब्बन गैंग

सुप्रीत सिंह हैरी छट्टा गैंग

पंजाब में हाल के सालों में जितने भी गैंगवार हुए या जितने भी जुर्म हुए उनमें सबसे ज़्यादा हाथ इन्हीं आठ गैंग का देखा गया। कमाल ये है कि इनमें से ज़्यादातर गैंग के सरगना या तो मारे गए या पकड़े गए और फिलहाल जेल में हैं। मगर जेल के अंदर से ही इनका गैंग वैसे ही काम कर रहा है, जैसे बाहर रह कर करता था।

बल्कि यूं कहा जाए कि कई गैंग के सरगना के जेल जाने के बाद ज़्यादा ताक़तवर हुआ तो ग़लत नहीं होगा। तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस विश्नोई इसकी मिसाल है। लॉरेंस विश्नोई ही वो गैंगस्टर है, जिस पर इस वक़्त सिद्धू मूसेवाला के क़त्ल के इल्ज़ाम हैं।

लॉरेंस विश्नोई (Lawrence Bishnoi) गैंग:

बॉलीवुड के सुपर स्टार सलमान ख़ान को दी गई धमकी ने लॉरेंस विश्नोई का क़द जुर्म की दुनिया में अचानक बहुत बड़ा कर दिया। हालांकि कहते हैं कि बड़ा बनने का शौक तो उसे बचपन से ही था। पंजाब के अबोहर में पैदा हुआ लॉरेंस एक पूर्व पुलिस कांस्टेबल का बेटा है। उसने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की। हालांकि बीए फ़र्स्ट ईयर का इम्तेहान तीन कोशिशों के बावजूद वो पास नहीं कर पाया।

लॉरेंस स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी यानी सोपू का चुनाव भी लड़ा। मगर हार गया। और इसी हार के साथ पहले विजयी छात्र गुट के साथ झगड़ा और वहीं से उसने जुर्म की दुनिया में क़दम रख दिया। देखते ही देखते रंगदारी, वसूली, क़त्ल, हाई-वे रॉबरी, किडनैपिंग के मुक़दमे उसके सर चढ़ते गए और हर मुक़दमे के साथ उसका कद और बड़ा बड़ा बनता गया। लॉरेंस पर इस वक़्त तीस से ज़्यादा मुक़दमे हैं।

लॉरेंस कई बार पुलिस हिरासत से भाग भी चुका है। पहले वो जोधपुर जेल में बंद था। मगर अब देश की सबसे सुरक्षित कही जाने वाली दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। पिछले सात सालों से लॉरेंस सलाखों के पीछे है। मगर कहते हैं जब से वो जेल में बंद है, तब से वो और उसका गैंग पहले से कहीं ज़्यादा ताक़तवर हो गया है। इसका अंदाजा बस इसी बात से भी लगाया जा सकता है कि इस व़क़्त हिन्दुस्तान में उससे बड़ा और ताक़तवर गैंग किसी के पास नहीं। उसके गैंग में 400 से ज़्यादा लोग हैं।

गोल्डी बराड़ (Goldy Barar) गैंग। स्टूडेंट पॉलिटिक्स के ज़माने से ही गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई दोनों की दोस्ती हुई। गोल्डी बराड़ ने पंजाब और पंजाब के बाहर कई क़त्ल करवाए। इसमें लॉरेंस विश्नोई ने भी उसकी मदद की। फिर जब पुलिस उसके पीछे पड़ी, तो वो भाग कर कनाडा चला गया।

मगर लॉरेंस का गोल्डी बराड़ से संपर्क कभी नहीं टूटा। कहते हैं 2015 में जब लॉरेंस पकड़ा गया और जेल गया, तब से ही जेल के बाहर का सारा काम गोल्डी बराड़ ही संभाल रहा था। कनाडा में बैठा गोल्डी बराड़ इस वक़्त लॉरेंस विश्नोई का सबसे भरोसेमंद और मज़बूत हाथ है।

जग्गू भगवानपुरिया (Jaggu Bhagwanpuria) गैंग

अमृतसर और गुरदासपुर में ये गैंग सबसे ज़्यादा एक्टिव है। किडनैपिंग, वसूली, हाई-वे रॉबरी, इस गैंग का ख़ास पेशा है। हालांकि गैंग के चीफ़ जग्गू भगवानपुरिया को 2015 में ही पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था। तब से वो जेल में है। लेकिन जेल के बाद उसका साम्राज्य आज भी कायम है। इस गैंग का रिश्ता सुक्खा काहलों गैंग से भी बेहद क़रीबी है।

गोंडर एंड ब्रदर (Gondar & Brother) गैंग

पंजाब के सबसे खतरनाक गैंगस्टर में से एक है ये। नाम है विक्की गोंडर। (तस्वीर लगाएंगे) ये वही विक्की गोंडर है, जिसने पंजाब के एक और नामचीन गैंगस्टर सुक्खा काहलों को पुलिस हिरासत में दिन दहाड़े मार डाला था। इसी गैंग पर पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख को धमकी देने का भी इल्ज़ाम है।

दविंदर बंबीहा (Davinder Bambiha) गैंग

एक वक़्त था, जब दविंदर बंबीहा गैंग के नाम से हर गैंगस्टर कांपा करता था। हालांकि 2016 में पुलिस एनकाउंटर में बंबीहा मारा गया। लेकिन इसका गैंग आज भी एक्टिव है। कहते हैं सिद्धू मूसेवाला की दविंदर बंबीहा से नज़दीकियां थीं। और लॉरेंस विश्नोई दविंदर का दुश्मन। मूसेवाला ने अपने एक अल्बम का नाम भी बंबीहा रखा था।

सुक्खा काहलों (Sukkha Kahalwon) गैंग

पंजाब का ये वो गैंगस्टर था, जिसके सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा फॉलोअर थे। जेल में रहते हुए जेल के अंदर से ना जाने कितने ही फोटो और वीडियो पोस्ट किए। ये कई बार जेल से भागा भी। एक वक़्त था जब इसकी तूती बोला करती थी। लेकिन बेहद कम वक़्त में विक्की गोंडर गैंग ने अदालत से जेल लौटते वक़्त बाक़ायदा पुलिस हिरासत में सुक्खा काहलों को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन उसकी मौत के बावजूद उसका गैंग अब भी एक्टिव है। सोशल मीडिया पर अब भी कई पेज उसके नाम पर हैं।

गुरबख़्श सेवेवाला (Gurubaksh Sevewala) गैंग

पंजाब के मालवा, हरियाणा और राजस्थान में क़त्ल, लूट, किडनैपिंग और फिरौती के लिए ये गैंग बदनाम है। इस गैंग का सरगना रंजीत सेवेवाला था। 2015 में वो मारा गया। उसके बाद उसका भाई गुरबख़्श सिंह अब इस गैंग को चला रहा है। कहते हैं देवेंदर बंबीहा की मौत के बाद उस गैंग के ज़्यादातर सदस्य सेवेवाला गैंग में शामिल हो गए। हालांकि ख़ुद गुरबख्श 2017 में पकड़ा गया, लेकिन बाकी गैंग की तरह वो भी जेल से ही अब अपना गैंग चला रहा है।

शेरा ख़ुब्बन (Shera Khubban) गैंग

शेरा और ख़ुब्बन। दो सरगना थे इस गैंग के। डकैती, मर्डर, वसूली और हाई-वे पर लूटपाट, इस गैंग का ख़ास काम था। दर्जनों केस इस गैंग के सर थे। पर बाद में दोनों सरगना मारे गए। हालांकि इस गैंग के बाक़ी बदमाश अब भी इस गैंग को एक्टिव बनाए हुए हैं।

सुप्रीत सिंह हैरी छट्टा (Supreet Singh Harry Chhatta) गैंग

बटाला का सुप्रीत सिंह उर्फ़ छट्टा इस गैंग का लीडर है। ये पंजाब में ख़ास तौर पर माझा और यूपी में एक्टिव है। इस गैंग का दूसरा कुख्यात मेंबर है गोपी घनश्यामपुरिया। ये दोनों ही मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में पंजाब में बहुत ऊपर हैं। कहते हैं नवंबर 2016 में नाभा जेल ब्रेक में भी इस गैंग का हाथ था।

Story of Punjab Gangsters: बहरहाल पंजाब में गैंग्स के इतिहास को देखते हुए ये तय है कि सिद्धू मूसेवाला के क़त्ल के बाद एक और गैंगवार होना तय है इस क़त्ल का बदला लेने के लिए। ये बात पंजाब पुलिस अच्छी तरह जानती है। पंजाब में इसी गैंगवॉर को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब पुलिस के अंदर ऑर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट नाम से एक नई टीम बनाई थी। जिसका काम सिर्फ़ और सिर्फ गैंग और गैंगस्टर से ही निपटना था। अब भगवंत मान की नई सरकार ने भी गैंग और गैंगस्टर से निपटने के लिए ख़ास एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया है।

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