जानलेवा मज़ाक: चार साल के जुड़वां बच्चों के प्राइवेट पार्ट में भर दी हवा, मुश्किल में पड़ी मासूमों की जान

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श्रेया भूषण की रिपोर्ट

Delhi: दिल्ली के हरिनगर इलाके से रिश्तों को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है जहां दूर के रिश्ते के मामा ने मजाक-मजाक में चार साल के जुड़वां बच्चों के प्राइवेट पार्ट के रास्ते पेट में कंप्रेसर के पाइप से हवा भर दी। पेट में दर्द होने और खून निकलने के बाद परिजन बच्चों को पास के अस्पताल में लेकर गए। जहां से उन्हें लोकनायक अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। अस्पताल से शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने पीड़ित बच्चों के पिता की शिकायत पर मामा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। अब पुलिस आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

मज़ाक पड़ा भारी

पुलिस के मुताबिक पप्पू कुमार, जो की पीड़ित बच्चों के पिता हैं, अपने परिवार के साथ फतेह नगर में रहते हैं। परिवार में पत्नी और चार साल के दो जुड़वां बेटे हैं। वो उसी इलाके में एक टेंट हाउस में काम करते हैं। पप्पू ने अपने बयान में बताया की जिस दिन घटना हुई उस दिन वो, उनकी पत्नी और  दोनों बेटे घर पर ही मौजूद थे। इसी मकान में उनके दूर के रिश्ते के मामा रंजीत भी रहते हैं। उनका और उनके बच्चों का रंजीत के घर आना जाना लगा रहता था। बच्चे कई बार उनके घर खेलने जाया करते थे। 14 जून की सुबह दस बजे दोनों बच्चे रंजीत के कमरे में खेलने गए। मां-बाप निश्चिंत थे क्योंकी उन्हें रंजीत पर पूरा भरोसा था, लेकिन आरोपी रंजीत के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। बच्चों को गए कुछ वक्त ही हुआ था की दोनों बच्चे रोते हुए अपने घर लौट आए। मां-बाप ने उनसे रोने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि रंजीत ने पाइप से उनके प्राइवेट पार्ट (गुदा द्वार) के जरिए पेट में हवा भर दी है।

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आरोपी ने कुबूला जुर्म

थोड़ी ही देर बाद पेट का दर्द इतना बढ़ गया की बच्चों से बर्दाश्त नहीं हो रहा था। दर्द से परेशान बच्चों ने बाथरुम जाने को कहा जहां पर बच्चों के प्राइवेट पार्ट से खून निकलने लगा। बच्चे के पिता ने जब इसके बारे में आरोपी मामा से पूछा तो उसने बताया कि उसने मजाक में कंप्रेसर की पाइप से बच्चों के पेट में हवा भर दी है। इसके बाद पिता अपने दोनों मासूम बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें लोकनायक अस्पताल रेफर कर दिया। 

पुलिस ने लिया एक्शन

अस्पताल से खबर मिलते ही पुलिस वहां पहुंची और मामले की जांच की। जब पुलिस ने पीड़ित बच्चों के पिता से पूछताछ की तो उन्होंने उस वक्त कोई भी बयान देने से मना कर दिया। राहत की बात है कि बच्चों की जान बच गई क्योंकि ऐसे कई मामलों में पीड़ितों की जान भी जा चुकी है। 2 दिन बाद जब बच्चों को अस्पताल से छुट्टी मिली तब जाकर पीड़ित बच्चों के मां-बाप ने मामले की शिकायत दर्ज करवाई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया।

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