Twist in Sangli Case: गड़े ख़ज़ाने के नाम पर तो नौ क़त्ल नहीं हुए? पुलिस की तफ़्तीश में खुलासा

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Twist in Sangli Case: गड़े ख़ज़ाने के नाम पर तो नौ क़त्ल नहीं हुए? पुलिस की तफ़्तीश में खुलासा
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Massacre near Mumbai: मुंबई से क़रीब 375 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र का सांगली (Sangli) जिला। 20 जून को इस गांव से जो खबर बाहर निकली उसने पूरे हिन्दुस्तान को झकझोरकर रख दिया था। क्योंकि यहां एक गांव में एक ही परिवार को नौ लोगों की रहस्यमयी हालात में मरने का मामला था। जिन लोगों की मौत हुई उनमें एक 54 साल के टीचर पोपट वानमोरे थे तो 49 साल के उनके ही भाई और जानवरों के डॉक्टर माणिक वानमोरे थे। इसके अलावा दोनों के परिवार के बाकी लोग यानी वानमोरे बंधुओं की पत्नी और बच्चे साथ में उनकी 74 साल की बूढ़ी मां।

शुरुआती तफ़्तीश में मामला सूदखोरी और कर्ज का सामने आया जिसमें दावा किया गया कि लाखों रुपयों का कर्ज न चुका पाने की वजह से पूरे परिवार ने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने तहकीकात भी की और 19 ऐसे लोगों को गिरफ़्तार किया जिनके साथ वानमोरे परिवार के साथ लेन देन का पुराना सिलसिला था।

लेकिन अचानक इस केस में एक ज़बरदस्त ट्विस्ट आ गया। और वारदात के महज एक हफ़्ते के भीतर ही पूरा केस ही पलट गया।

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जो पुलिस हफ़्ते भर पहले तक इसे एक मास सुसाइड यानी सामूहिक ख़ुदकुशी का मामला बता रही थी, वही पुलिस अब सामने आकर ये कहती नज़र आई कि ये मामला सामूहिक ख़ुदकुशी का नहीं बल्कि मास मर्डर यानी सामूहिक क़त्ल का है। और क़त्ल के पीछे क़र्ज़ नहीं बल्कि गुप्त धन यानी ख़ुफ़िया ख़ज़ाने की एक ऐसी रहस्यमयी कहानी छुपी है, जिसकी सारी परतें खुलनी अभी बाक़ी हैं। पुलिस इसे सिर्फ़ क़त्ल का मामला ही नहीं बताती, बल्कि 9 लोगों के क़त्ल के जुर्म में एक तांत्रिक और उसके चेले को गिरफ़्तार भी कर लेती है, जिसने इस परिवार को गुप्त धन का सपना दिखाया था।

Sangli Massacre : अब सवाल उठता है कि आखिर क्या है ये गुप्त धन? कहां गड़ा है? एक तांत्रिक ने आख़िर कैसे एक पढ़े-लिखे परिवार को गुप्त धन का सपना दिखाया? धन ना सही, लेकिन तांत्रिक ने आख़िर पूरे के पूरे परिवार का क़त्ल क्यों कर दिया? एक साथ इतने लोगों की हत्या इतनी ख़ामोशी से कैसे की गई? किसी को कानों-कान इतनी बड़ी वारदात का पता कैसे नहीं चला? पुलिस ने पहले इसे खुदकुशी का मामला क्यों बताया? और अब पुलिस इसे क़त्ल का केस क्यों बता रही है? तो इन तमाम सवालों के जवाब जाने के लिए इस पूरी वारदात को सिलसिलेवार तरीक़े से समझना ज़रूरी है।

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जो बात अभी तक सामने आई है उसके मुताबिक म्हैसल गांव में दो वानमोरे भाई अपने-अपने परिवार के साथ दो अलग-अलग मकानों में रहते थे। दोनों भाइयों के घरों के बीच फ़ासला क़रीब डेढ़ किलोमीटर का है। वानमोरे परिवार के लोग इसी गांव के रहनेवाले एक परिवार से रोज़ दूध ख़रीदते थे। और ये दूध लेने वानमोरे परिवार का कोई ना कोई रोज़ सुबह उनके घर जाया करता था।

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Sangli Massacre : लेकिन 20 जून की सुबह ना तो कोई दूध लेने गया और ना ही घर का दरवाज़ा ही खुला। यहां तक कि वानमोरे परिवार के सारे लोगों का मोबाइल फ़ोन भी या तो स्विच्ड ऑफ़ आ रहा था या फिर अन-आनसर्ड रह रहा था। ऐसे में गांव की एक लड़की दूध पहुंचाने पोपट वानमोरे के घर पहुंची। लेकिन यहां का मंज़र देख कर वो कांप उठी। इस घर में रहनेवाले तीनों के तीनों लोगों मुर्दा पडे थे। 54 साल के पोपट यलप्पा वानमोरे, 48 साल की उनकी पत्नी संगीता पोपर वानमोरे और 30 साल की उनकी बेटी अर्चना पोपट वानमोरे।

एक साथ एक ही परिवार के तीन लोगों के मौत की ख़बर जंगल में आग की तरह फैल गई।चूंकि इसी गांव में पोपट वानमोरे के छोटे भाई डॉ माणिक वानमोरे भी अपने परिवार के साथ रहते थे, गांव के लोग फ़ौरन उनके घर पहुंचे, ताकि उन्हें इस हादसे की ख़बर दी जाए। लेकिन यहां एक और झकझोरनेवाली सच्चाई गांववालों का इंतज़ार कर रही थी।

ठीक पोपट वानमोरे के परिवार की तरह ही यहां भी डॉ. माणिक वानमोरे समेत उनके परिवार के सभी के सभी छह लोग मुर्दा पड़े थे। 45 साल की उनकी बीवी रेखा माणिक वानमोरे, 28 साल का उनका भतीजा शुभम वानमोरे, उनकी 28 साल की बेटी अनिता माणिक वानमोरे, 15 साल का बेटा आदित्य वानमोरे और उनकी 72 साल की बुज़ुर्ग मां अक्काताई वानमोरे घर में जहां-तहां मुर्दा पड़े थे।

Sangli Massacre : चूंकि लाशों के आस-पास कहीं भी कोई खून ख़राबे या हमले के निशान नहीं थे, पहली ही नज़र में मामला मास सुसाइड का लग रहा था। आनन-फ़ानन में सांगली पुलिस को ख़बर दी गई। एक साथ 9-9 लोगों की मौत की ख़बर सुन कर पुलिस सिर पर पांव रख कर मौक़ा ए वारदात की तरफ़ दौड़ी। दोनों घरों का मुआयना किया गया। लाशों की बारीकी से जांच की गई। और फिर एक-एक कर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया।

गांव वालों की तरह ही पहली नज़र में पुलिस भी इसे सामूहिक खुदकुशी का मामला मान कर ही चल रही थी। क्योंकि उसे मौका ए वारदात का मुआयना करते हुए दो ऐसी चीजें मिली थीं, जो कुछ इसी तरफ़ इशारा करती थी। इनमें एक था एक सुसाइड नोट और दूसरा थी एक ज़हर की शीशी। इस सुसाइड नोट में कई लोगों के नाम लिखे थे, जिनसे वानमोरे बंधुओं ने लाखों रुपये उधार ले रखे थे। और ऐसे में ये शक हो रहा था कि शायद इन लोगों ने अपने रुपये वापस लेने के लिए वानमोरे बंधुओं पर कुछ ऐसा दबाव बनाया कि उन्होंने पूरे परिवार के साथ जान देने का फ़ैसला कर लिया।

Sangli Massacre : अब पुलिस ने मामले की जांच आगे बढ़ाई। वानमोरे परिवार ने जिन लोगों के नाम सुसाइड नोट में लिखे थे, उनसे पूछताछ की जाने लगी। पता चला कि सचमुच उन लोगों से वानमोरे बंधुओं ने लाखों रुपये ले रखे थे। ऐसे में मामले की तफ़्तीश खुदकुशी की तरफ़ ही बढ़ने लगी। लेकिन फिर सवाल ये था कि आख़िर वानमोरे परिवार को इतने रुपयों की ज़रूरत क्या थी?

वो भी तब जब दोनों भाई ना सिर्फ़ अपनी-अपनी नौकरी और काम धंधे में जुटे थे, बल्कि घर की बड़ी बेटी भी बैंक में नौकरी करती थी। कुल मिलाकर पुलिस को इतने रुपये उधार लेने की वजह समझ में नहीं आ रही थी। और तभी पुलिस को छानबीन में एक नई कहानी उभरकर सामने आई। और ये कहानी थी राइस पुलर मेटल यानी चावल के दाने खींचनेवाले धातु की।
असल में वानमोरे बंधु अक्सर लोगों से ऐसे किसी रहस्यमयी धातु की बात कहते रहते थे।

वो अक्सर गांववालों को बताते थे कि उनकी किसी से राइस पुलर मेटल को लेकर डीलिंग चल रही है, जिस डील के पूरा होते ही उन्हें 3 हज़ार करोड़ रुपये मिल जाएंगे। ये रुपये उन्हें किसी विदेशी कंपनी से मिलेंगे। और इस डील को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ही वो लाखों रुपये की ज़रूरत बताते थे और इसी ज़रूरत की ख़ातिर वो लगातार लोगों से लाखों रुपये उधार भी ले रहे थे।

Sangli Massacre :अब पुलिस ने वानमोरे परिवार से मिलने-जुलनेवाले लोगों के बारे में पता लगाना शुरू किया। पुलिस ने ये भी जानने की कोशिश की कि आख़िर वानमोरे परिवार को राइस पुलर मेटल का झांसा किसने दिया? और अपनी मौत से पहले वानमोरे परिवार की किससे मुलाकात हुई? पुलिस ने मौका ए वारदात का भी बड़ी बारीक़ी से मुआयना किया और इस कोशिश में उसे कई ऐसी चीजें नज़र आईं, जो शक पैदा करती थीं।

यानी जो मामला अब तक ऊपर से ख़ुदकुशी का लग रहा था, अब पुलिस को लगने लगा कि उसके पीछे कोई गहरी साज़िश भी हो सकती है। यानी वो मामला क़त्ल का भी हो सकता है। पुलिस अब तक बेशक वानमोरे परिवार को खुदकुशी के लिए उकसाने के इल्ज़ाम में 19 लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी थी, लेकिन उसने क़त्ल वाली थ्योरी की भी पड़ताल करने का फ़ैसला किया।

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