क़िस्सा हिन्दुस्तान के सबसे बड़े और अमीर ख़बरी का, जिसकी मौत आज भी पहेली बनी हुई है

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क़िस्सा हिन्दुस्तान के सबसे बड़े और अमीर ख़बरी का, जिसकी मौत आज भी पहेली बनी हुई है
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SHAMS KI ZUBANI: पुलिस महकमें में एक कहावत है कि सबसे अच्छा पुलिस अफसर वही है जिसका ख़बरी यानी मुख़बिर का नेटवर्क सबसे ज़्यादा मज़बूत और फैला हुआ हो। अपनी बात को शुरू करें उससे पहले आपको एक फिल्म याद दिलाना चाहता हूं जो हमारी इस क़िस्से को आप तक पहुँचाने में बड़ा ही मददग़ार साबित करेगा।

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर आमिर ख़ान की एक फ़िल्म थी ‘सरफ़रोश’। इस फ़िल्म में आमिर ख़ान पुलिस महकमें में ही क्राइम ब्रांच में एक अफ़सर है और जब उसे अपनी टीम तैयार करने का मौका मिलता है तो वो सबसे पहले एक और किरदार का नाम लेता है इंस्पेक्टर सलीम। और इंस्पेक्टर सलीम को अपनी टीम का हिस्सा बनाने के पीछे वो अपने अफसरों को जो दलील देता है वो यही है। कि उसका मुख़बिर का नेटवर्क सबसे बेहतरीन है।

और फिर फिल्म में एक छोटा सा किरदार बीच बीच में पर्दे पर आता है, जिससे इंस्पेक्टर सलीम कुछ इनफॉर्मेशन लेता है। यही होते हैं मुखबिर या कहें ख़बरी। जो पुलिस और गुंडे बदमाशों के बीच एक ऐसी कड़ी होते हैं जिनके पास जुर्म की दुनिया की वो तमाम ख़बरें होती हैं जिन्हें हासिल करके किसी भी पुलिसवाले का करेक्टर और करियर दोनों बन जाता है।

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क़िस्सा हिन्दुस्तान के सबसे बड़े ख़बरी का

SHAMS KI ZUBANI: क्राइम की कहानी और शम्स की ज़ुबानी में आज का क़िस्सा हिन्दुस्तान के शायद सबसे बड़े ख़बरी का है। शायद इसलिए क्योंकि मिली जानकारी के मुताबिक हिन्दुस्तान में इससे बड़े ख़बरी का नाम सामने तो नहीं आया है, लेकिन हर किसी के रिसर्च का एक दायरा होता है और हो सकता है कि हमारी रिसर्च में हमारी आंखों वहां तक न देख पायी हों जहां कहीं इससे भी बड़े खबरी का नाम लिखा हुआ हो।

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ये ख़बरी न सिर्फ बड़ा था बल्कि शायद सबसे अमीर ख़बरी भी कहा जा सकता है। ये बात तो सभी जानते हैं कि ख़बरी या मुखबिर पुलिसवालों को अंडरवर्ल्ड या बदमाशों के बारे में कोई भी सूचना देते हैं तो पुलिस अफ़सर बदले में उन्हें इनाम के तौर पर कुछ रुपये भी देते हैं। ऐसे में कहा जाता है कि हमारी कहानी का आज का किरदार ऐसा मुखबिर रहा है जिसने अपनी ख़बरों के बदले शायद हिन्दुस्तान में सबसे ज़्यादा पुलिस से इनाम लिया है।

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मुंबई पुलिस का सबसे सच्चा मुखबिर

SHAMS KI ZUBANI: अस्सी और नब्बे के दशक का ये इकलौता खबरी है जिसने सिर्फ पुलिस की ही मदद नहीं की, बल्कि अपनी मुखबिरी से देश की दूसरी सुरक्षा एजेंसियों की भी मदद की। यानी ये कहा जा सकता है कि ये ऐसा मुखबिर था जिसके हाथ क़ानून की तरह बड़े लंबे और फैले हुए थे, जिससे कोई बचकर निकल जाए ऐसा उस दौर में कोई नहीं था।

चाहे वो मुंबई पुलिस हो, चाहें इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी हो, चाहे वो NCB हो, चाहे कस्टम हो या फिर वो क्राइम रिपोर्टर ही क्यों न हो। उसके पास आकर कोई भी खाली हाथ वापस नहीं लौटा। बदले में उसे पुलिस का इनाम मिल जाता था। किसी भी लिहाज से देखकर कहा जा सकता है कि ये शख्स एक सच्चा मुख़बिर या ख़बरी था। जिसकी बताई गई ख़बर कभी खाली नहीं जाती थी।

कई नामों की पहचान थी सलीम लंगड़े की

SHAMS KI ZUBANI: मुंबई के उस ख़बरी का नाम था सलीम सिद्दिक़ी। ये तो उसका असली नाम था जो उसे उसके माता पिता ने दिया था। लेकिन मुंबई पुलिस के साथ साथ दूसरे तमाम एजेंसियों के लिए काम करते वक़्त इस ख़बरी ने पुलिस से इनाम के साथ साथ अनगिनत नाम भी कमाए थे। कोई उसे सलीम चोर बुलाता था तो कोई उसे सलीम ख़बरी।

सलीम कोलाबा का रहने वाला था लिहाजा कुछ लोग उसे सलीम कोलाबावाला भी कहकर पुकारते थे। मगर जिस नाम से सलीम ने पुलिस से लेकर पब्लिक तक के बीच में अपनी अलग पहचान बनाई थी वो था सलीम लंगड़ा।

असल में सलीम के पास किसी ज़माने में एक मोटरसाइकिल हुआ करती थी। उसी मोटरसाइकिल के जरिए वो घूम घूमकर मुंबई के अलग अलग हिस्सों में बैठे गैंगस्टर्स के प्लांस का पता लगाता था और उन्हें उस एजेंसी तक पहुँचा देता था जिस एजेंसी के लिए वो ख़बर काम की हो सकती थी।

ज़ाहिर है इसके पीछे थी उसकी इनाम हासिल करने का लालच। एक बार सलीम ऐसे ही किसी ख़बर के पीछे जा रहा था तभी रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो गया। जिससे उसका पैर टूट गया था। बाद में वो ठीक तो हो गया लेकिन लंगड़ाकर चलने लगा, जिसकी वजह से ही उसका नाम सलीम लंगड़ा पड़ गया।

पुलिस से सबसे ज़्यादा इनाम लेने वाला ख़बरी

KAHANI SALEEM LANGDE KI: सलीम लंगड़े के बारे में मुंबई के मुखबिरों के बीच एक कहावत आम थी कि मुंबई के आस पास के समंदर को सलीम लंगड़े से ज़्यादा बेहतर कोई नहीं जानता। उसे समंदर में छुपी गुनाह की लहरें दूर से दिख जाती थीं। ये बात भी मशहूर है कि सलीम चोर के नेटवर्क से बेहतर किसी का नेटवर्क नहीं था। अंडरवर्ल्ड हो या फिर नशे के कारोबारियों का गोरखधंधा, यहां तक कि मानवतस्करों से लेकर मिलावटी तेल का खेल करने वाले भी उसकी नज़रों से दूर नहीं थे।

का ही कमाल था कि पुलिस ने उस दौर में भी नशे की इतनी बड़ी खेप पकड़ी थी जो उससे पहले हिन्दुस्तान की किसी भी एजेंसी ने नहीं पकड़ी थी। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में उस खेप की क़ीमत उस ज़माने में करोड़ों में थी। पुलिस महकमें से जुड़े लोग बताते हैं कि सलीम लंगड़े ने उन दिनों नशे की खेप के साथ साथ मानवतस्करों के बड़े नेटवर्क का भी पर्दाफ़ाश करवाया था।

इसके अलावा सलीम लंगड़े की टिप ऑफ की वजह से ही महाराष्ट्र में चल रहे मिलावटी तेल के सारे खेल का कच्चा चिट्ठा मुंबई पुलिस के सामने खुल गया था। जिस पर ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी हुई थी।

सलीम लंगड़े का बैंक से जुड़ा दिलचस्प क़िस्सा

KAHANI SABSE BADE MUKHBIR KI: मुखबिरी सलीम लंगड़े का पेशा था। आमतौर पर लोग इसे पेशा बताने से परहेज़ करते हैं लेकिन सलीम के बारे में पूरे मुंबई में ये बात मशहूर थी कि वो अपने काम को लेकर संजीदा है और बेइमानी का काम पूरी इमानदारी से निभाता है। उसके बारे में एक क़िस्सा बेहद मशहूर है। कहा जाता है कि मुंबई में ड्रग्स की एक डील के बारे में टिप ऑफ देने पर कस्टम डिपार्टमेंट की तरफ से सलीम लंगड़े को 18 लाख रुपये बतौर इनाम मिला था।

चूंकि सलीम बेहद सादगी से रहता था और देखने में मामूली शक्ल वाला इंसान था। ऐसे में अपने 18 लाख रुपये की इनामी रकम को लेकर जब वो कोलाबा में एक बैंक की ब्रांच पहुँचा तो वहां बैंक मैनेजर को शक हुआ। क्योंकि शक्ल सूरत से उसकी हैसियत बैंक मैनेजर को ऐसी नहीं लगी कि उसके पास 18 लाख रूपये की रकम भी हो सकती है।

लिहाजा बैंक मैनेजर ने उसे अपने बैंक में बिठाया और कोलाबा थाने में इत्तेला कर दी कि बैंक में एक शख्स अपनी पत्नी के साथ 18 लाख रुपये की भारी भरकम रकम जमा कराने आया है। ऐसे में इस बात का अंदेशा है कि इस शख्स ने किसी जुर्म के बार ये रुपये हथियाए जिन्हें वो किसी भी सूरत में बैंक में जमा करना चाहता था।

KAHANI SABSE AMEER INFORMER KI: बैंक मैनेजर की बात सुनकर कोलाबा थाने की पुलिस बैंक पहुँची और सलीम के साथ उसकी बीवी मुमताज़ को भी पूछताछ के लिए थाने ले आई। वहां पुलिस पूछती रही कि सलीम उन पैसों के बारे में अपना गुनाह कुबूल कर ले। या फिर वो 18 लाख की रकम थाने में छोड़कर चला जाए, जिसे वो पुलिसवाले आपस में बंट लेना चाहते थे। मगर सलीम अपनी गाढ़ी कमाई की रकम छोड़कर जाने को तैयार नहीं था। सुबह से शाम और रात हो गई लेकिन सलीम वहीं थाने में ही बैठा रहा।

इसी बीच शाम को किसी ज़रूरी काम से कस्टम विभाग के एक अफसर कोलाबा थाने में पहुँचे। और वहां उन्होंने जब सलीम को देखा तो सारी बात पूछी। सलीम ने जब उनको अपनी बात बताई तो उन्हीं अफसर की पैरवी से पुलिसवालों ने सलीम को पैसों के साथ जाने दिया।

पुलिस वाले पूछते रहे सलीम लंगड़े ने मुंह नहीं खोला

KAHANI SALEEM LANGDE KI: हालांकि पुलिसवाले ये पूछ रहे थे कि वो इतनी बड़ी रकम लेकर कहां से आया। लेकिन सलीम बार बार यही जवाब दे रहा था कि उसने कोई जुर्म नहीं किया, ये रकम उसकी गढ़ी खून पसीने की कमाई है।, ये एक नंबर का पैसा है। थाने से बाहर निकलने के बाद जब कस्टम अफसर ने सलीम से कहा कि वो पुलिसवालों को पैसों के बारे में बताकर बात साफ कर सकता था और पैसे लेकर वापस जा सकता था।

इस पर सलीम का जवाब सुनकर वो अफसर भी दंग रह गए। उसने कहा कि साहब मैं जैसे ही उन्हें ये बताता कि मुझे किस अफसर तक ये ख़बर पहुँचाने के एवज में इतनी बड़ी रकम मिली है तो अंडरवर्ल्ड और नशे के सौदागर उन अफसरों की भी जान के दुश्मन हो जाते। साथ ही मेरी जान के भी दुश्मन बन जाते। और वैसे भी ये हमारा उसूल है कि मैं जिसे ख़बर देता हूं उसके बारे में कभी किसी से कोई भी जिक्र तक नहीं करता। ज़्यादा से ज़्यादा क्या होता ये लोग रकम डकार जाते। कोई बात नहीं। मैं फिर कमा लेता। लेकिन नाम देकर पैसे ले जाता ये मेरे उसूल में नहीं है।

ऐसे मिला सच्चे इनफॉर्मर का ख़िताब

QISSA SALEEM LANGDE KA: तब कस्टम अफसर ने सलीम लंगड़े को TRUE INFORMER यानी सच्चा ख़बरी करार दिया।वैसे कहते हैं कि सलीम लंगड़े की ज़िंदगी में 2007 में एक ज़बरदस्त मोड़ आया। असल में ये वो दौर था जब मुंबई और उसके आस पास के इलाक़ों में तेल माफिया सक्रिय था। जो मिलावटी तेल का धंधा करता था।

ये भी बताया जाता है कि इस तेल के धंधे से जुड़े लोगों में से कुछ लोगों को सलीम लंगड़े की टिप ऑफ के बाद पुलिस ने उन्हें दबोच लिया था। शायद सलीम लंगड़े की इसी ख़ूबी ने उसे अंडरवर्ल्ड का दुश्मन बना दिया था। पुलिस के सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि सलीम लंगड़े की दी गई खबरों के बाद मुंबई पुलिस ने जब अंडरवर्ल्ड, बदमाशों और गैंगस्टर्स के सिंडीकेट पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की तो सारा अंडरवर्ल्ड मिलकर सलीम लंगड़े को रास्ते से हटाने के लिए इकट्ठा हो गया था।

सलीम लंगड़े की ज़िंदगी की आख़िरी टिप

SHAMS KI ZUBANI: सलीम लंगड़े के साथ उन आखिरी दिनों में ऐसा क्या हुआ था कि अचानक सारा मंज़र ही बदल गया। उसके पीछे जितनी रोमांचकारी कहानी है, उतना ही सस्पेंस में डूबे सवाल भी हैं। दरअसल हुआ ये कि दाऊद के गैंग से जुड़े एक आदमी ने सलीम लंगड़े से मुलाक़ात की और उन्हें दो ऐसे विदेशियों के साथ रहने और उनका ख़्याल रखने को कहा जिनका ताल्लुक ड्रग्स और तेल के धंधे से था।

सलीम उनके साथ रहने लगा और उनको मुंबई दर्शन करवाने लगा। लेकिन तभी सलीम को उन दोनों विदेशी लोगों की हरक़तों पर शक हुआ। जब उसने बात समझने की कोशिश की तो पता चला कि वो दोनों मुंबई में मौजूद अमेरिकी काउंसुलेट पर धमाका करने की प्लानिंग कर रह थे। तब इस ख़्याल से सलीम लंगड़ा कांप उठा कि किसी भी आतंकवादी घटना में उसका नाम शामिल हो सकता है।

लिहाजा उसने फौरन IB के एक अधिकारी से मुलाक़ात करने पहुँच गया और उन्हें सारी बातें बताईं। तब उस IB अफसर ने सलीम को तरकीब सुझाई और उन विदेशियों के साथ बने रहने की हिदायत देकर उसे वहां से रवाना कर दिया। कुछ दिनों के बाद IB ने दोनों विदेशियों को गिरफ़्तार करके उन्हें उनके देश डिपोर्ट करवा दिया। ये बात तो आई गई हो गई। लेकिन ये सलीम के ज़िंदगी की आखिरी टिप ऑफ भी साबित हुई।

हादसे की हक़ीक़त से दूर मुंबई पुलिस

SHAMS KI ZUBANI: बताते हैं कि सितंबर 2007 को सलीम अपनी पत्नी मुमताज़ के साथ स्कूटर पर सवार होकर मुंबई के दारखाना के पास से होता हुआ कहीं जा रहा था कि तभी एक ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। जिससे सलीम और उसकी पत्नी मुमताज की मौत हो गई। हालांकि पुलिस ने उस वक़्त उस ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार भी कर लिया था लेकिन वो सब कुछ सिवाय एक औपचारिकता के कुछ और नहीं साबित हो सका।

हालांकि पुलिस ने इस बात से कभी इनकार नहीं किया कि सलीम लंगड़े का हादसे का शिकार होना इत्तेफ़ाक नहीं हो सकता। इस बात की पूरी आशंका जताई गई थी कि सलीम लंगड़े को मारने के लिए अंडरवर्ल्ड ने सुपारी दी हो, और हादसे की आड़ में उसका सफ़ाया करवा दिया हो। मगर बिना किसी सबूत और गवाह के पुलिस के हाथ और केस दोनों ही कमज़ोर पड़ जाते हैं।

अंडरवर्ल्ड ने दी थी सलीम की सुपारी?

SHAMS KI ZUBANI: लेकिन कुछ सवाल ज़रूर खड़े हुए, कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जिन विदेशियों और उनकी साज़िश के बारे में सलीम ने IB के अधिकारी को बताया था उन्हें गिरफ़्तार करने की बाजए उन्हें डिपोर्ट क्यों किया गया। और सबसे बड़ा सवाल यही है कि सलीम लंगड़े की मौत एक हादसा था या फिर एक सुपारी किलिंग।

सुपारी किलिंग की बात इसलिए भी उठी क्योंकि जिस वक़्त ये हादसा हुआ था और ट्रक ने सलीम के स्कूटर को टक्कर मारी थी, तो वहां मौके पर एक चश्मदीद मौजूद था। हालांकि उसे उसी रोज कहीं विदेश जाना था इसलिए पुलिस के झंझट में न पड़ने की गरज से वो उस रोज पुलिस के सामने नहीं आया। लेकिन बाद में उसने एक मेल के ज़रिए अपनी बात कही जब उसने सलीम खबरी के बारे में खबरों में पढ़ा।

उस चश्मदीद ने मेल के जरिए पुलिस को बताया कि ये एक सुपारी किलिंग है, ऐसा इसलिए क्योंकि ड्राइवर ने सलीम के स्कूटर को टक्कर मारने के बाद ट्रक को रिवर्स करके दोबारा सलीम पर चढ़ाया था। अगर ये महज हादसा होता तो ऐसा नहीं होता। लेकिन करीब 15 साल बीत जाने के बाद भी आज तक मुंबई पुलिस अपने सबसे क़ाबिल इनफॉर्मर की मौत की गुत्थी को नहीं सुलझा सकी है।

इस बारे में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि मुंबई के तमाम मुखबिरों ने बाक़ायदा पुलिस से ये गुहार लगाई थी कि अगर वो पुलिस के लिए काम करते हैं तो पुलिस को उनकी जान की हिफाज़त करनी चाहिए। क्योंकि किसी भी इनफॉर्मर के नाम का खुलासा होने का साफ मतलब है कि उसकी मौत। और शायद सलीम लंगड़े के साथ भी यही हुआ।

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