UP Crime: 'अनार' बताकर हैंडग्रेनेड बेचने की फिराक में थे बदमाश, STF ने ऐसे दबोच लिया

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UP Crime: 'अनार' बताकर हैंडग्रेनेड बेचने की फिराक में थे बदमाश, STF ने ऐसे दबोच लिया
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UP Crime: पुलिस महकमें (Police Department) में एक कहावत बड़ी मशहूर है। किसी भी इलाक़े में कब कहां कैसे और कौन सा क्राइम (Crime) होने वाला है इसकी जानकारी पुलिस (Police) से बहुत पहले उन लोगों को हो जाती है जो उस इलाके के गुंडे बदमाशों को हथियार सप्लाई (Weapon Supply) करते हैं। लेकिन अगर पुलिस थोड़ा चौकन्नी हो तो ऐसे अपराधों को होने से बचा सकती है। उत्तर प्रदेश पुलिस (UP POLICE) की STF ने इस कहावत को हकीकत की जमीन पर उतारते हुए यूपी के भीतर किसी बड़े अपराध को होने से बचा लिया।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने 6 लड़कों को हथगोला यानी हैंडग्रेनेड बेचने की कोशिश में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पकड़े गए लड़कों के पास से दो ज़िंदा हैंडग्रेनेड और छह मोबाइल फोन के अलावा एक हजार रुपये भी बरामद कर लिए।

खुलासा यही है कि पकड़े गए लड़के चेन्नई से लाकर हैंडग्रेनेड यहां बेचने की फिराक में थे। पकड़े गए लड़कों की पहचान हुई तो उसमें एक पुराना हिस्ट्रीशीटर भी निकला।

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पुलिस के मुताबिक विनय सिंह, महेश राजभर, नवीन पासवान, अभिषेक सिंह, रोहन राजभर और मनीष सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

UP Crime: उत्तर प्रदेश पुलिस की STF को खबर मिली थी कि करंडा इलाके में कुछ लड़के गंगा के किनारे अनार लेकर बैठे हुए है। बदमाशों के बीच हैंडग्रेनेड को कोड वर्ड में अनार ही कहा जाता है। पुलिस को ये भी खबर मिली थी कि वो लड़के किसी बड़े अपराधी को हैंडग्रेनेड बेचने की फिराक में हैं। STF ने फौरन इस खबर का पीछा करना शुरू किया और आधा दर्जन बदमाशों को गंगा के किनारे से गिरफ्तार कर लिया।

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गिरफ्तार किए गए बदमाशों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो महेश राजभर ने पुलिस को बताया कि उसके गांव नंद गंज इलाके में रहने वाले अरविंद, रोहित और बृजभान चेन्नई में काम करते हैं और वही लोग चेन्नई से हैंड ग्रेनेड लेकर यहां आए थे। ये लोग हैंडग्रेनेड किसी बड़े माफिया को बेचने की फिराक में थे लेकिन उससे पहले ही उनके इरादों की भनक पुलिस को लग गई और वो पकड़ लिए गए।

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UP Crime: महेश ने ही पुलिस को बताया कि ज़्यादा पैसों के लालच में वो लोग हैंडग्रेनेड बेचने को राजी हुए थे। हालांकि इससे पहले उन्होंने कभी भी हैंडग्रेनेड का सौदा नहीं किया था। अपनी इसी कोशिश में महेश और उसके साथियों ने हिस्ट्रीशीटर विनय सिंह से मिलने का रास्ता निकाला जिसके तार मशहूर माफिया धनजी गिरोह से जुड़े बताए जा रहे हैं। पुलिस की पूछताछ में ये भी सामने आया है कि 2019 के जिला पंचायत चुनाव के दौरान पंचायत सदस्य पप्पू यादव की हत्या में विनय सिंह शामिल था।

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