इन देशों में क्यों किया जाता महिलाओं का ख़तना?

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इन देशों में क्यों किया जाता महिलाओं का ख़तना?
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कैसे होता है ख़त्ना?

मिस्र, इथोपिया और इंडोनेशिया जैसे देश हैं जहां महिलाओं या कहें बच्चियों का ख़त्ना किया जाता है, इस प्रथा में बच्चियों के प्राइवेट पार्ट में कुछ अंश को ब्लेड से काट दिया जाता है। इस दौरान बच्चियों को बेहोश भी नहीं किया जाता है। कुछ महिलाएं बच्ची के हाथ-पैर पकड़ते हैं और एक महिला मुल्तानी मिट्टी लगाकर ब्लेड से सामने का हिस्सा काट देती है। इस प्रक्रिया के बाद बच्चियां दर्द से कई महीनों तक छटपटाती हैं। साथ ही कई मामलों में में इन्फेक्शन के कारण उनकी मौत भी हो जाती हैं।

क्यों कराया जाता है ख़त्ना?

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इन देशों में बोहरा समुदाय 14 साल से 18 साल के बीच की बच्चियों का ख़त्ना किया जाता है। इस समुदाए के लोगों का मानना है कि ऐसा करने से महिलाएं अपने पति के प्रति ज्यादा वफादार रहती हैं। ये भी माना जाता है कि अगर महिला की सेक्स में रूचि रहती है तो ये गलत है। उसे सेक्स एन्जॉय करने का कोई हक़ नहीं है। इसलिए खतना प्रथा के जरिए महिला के प्राइवेट पार्ट्स को काट दिया जाता है। इस प्रक्रिया में एक ही ब्लेड से कई खतना करने पर इन्फेक्शन फ़ैल जाता है। साथ ही महिलाएं बांझपन का भी शिकार हो जाती हैं। कई केसेस में ज्यादा खून बहने के कारण बच्चियों की मौत भी हो जाती है। कुछ दर्द ना सह पाने के कारण कोमा में चली जाती हैं।

यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक करीब 20 करोड़ लड़कियों का खतना किया जा चुका है। इनमें से ज़्यादातर लड़कियां मिस्र, इथोपिया और इंडोनेशिया की हैं। इन 20 करोड़ में चार करोड़ चालीस लाख लड़कियों का खतना तब किया गया, जब वो 14 साल से कम उम्र की थी।

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