बंद कमरे में लाइट, कैमरा और ब्लैकमेलिंग, दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ी हनीट्रैप गर्ल

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बंद कमरे में लाइट, कैमरा और ब्लैकमेलिंग, दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ी हनीट्रैप गर्ल
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Delhi Crime News: एक खूबसूरत जाल..........जो इसमें फंसा...वो काम से भी गया और नाम से भी. क्योंकि ये वो जाल है जो अब तक ना मालूम कइयों के जी का जंजाल बन चुका है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने ऐसे ही एक्सटॉर्शन गैंग (Extortion gang) की सरगना को गिरफ्तार (Arrest) किया है जो कि लोगों को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर उन्हे बलैकमेल किया करती थी. ये ब्लैकमेलर (Blackmailing) पिछले दो साल से फरार चल रही थी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच नें जोहरी जबीं नाम की महिला को भोपाल (Bhopal) से गिरफ्तार किया है।

दरअसल 03 नवंबर 2018 को दिल्ली पुलिस को एक मशहूर डाक्टर नें शिकायत दी थी कि उसे परवीन नाम की एक महिला ने घर पर इलाज के बहाने बुलाया था। डॉक्टर ने यह भी आरोप लगाया कि महिला ने पहले इलाज के लिए उसके क्लिनिक का दौरा किया और कहा कि वह मक्का, सऊदी अरब की निवासी है और दिल्ली में अकेली रहती है।

डॉक्टर ने आरोप लगाया कि महिला ने एक दिन डाकटर को फोन किया और कहा कि उसकी तबीयत बहुत खराब है और महिला ने डॉक्टर को अपने घर पर बुलाया और उसे कोल्ड ड्रिंक का नशा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। वहां पहले से मौजूद उसके साथियों ने महिला के साथ डॉक्टर का वीडियो बनाया और उसके बाद 50 लाख रुपये की रंगदारी की मांग करने लगे। डॉक्टर की शिकायत पुलिस ने जामिया नगर थाने में केस दर्ज किया गया था। पुलिस की कई टीमें लगातार इस ब्लैकमेलर महिला की तलाश में जुटी थीं।

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जांच के दौरान ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने महिला के दो साथियों असलम और महेंदर को 12 अप्रैल 2019 को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि आरोपी महिला जोहरी जबीं अपना नाम पता और हुलिया बदलकर फरारी काट रही थी। इसी दौरान 16 जून को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को खबर मिली कि जोहरी भोपाल में छुपकर रह रही है। जिसके बाद पुलिस की टीमों ने छापोमारी करके जोहरी जबीं को फाइन इन्कलेव भोपाल से गिऱफ्तार कर लिया।

आरोपी से पूछताछ करने पर उसने जौहरी जबी के रूप में अपनी पहचान बताई और कहा कि जहांगीर उर्फ ​शेखू गिरोह का सरगना उसका चचेरा भाई है। महिला ने खुलासा किया कि इस गैंग ने हनी ट्रैपिंग के लिए जाकिर नगर में उसके लिए किराए का मकान लिया था। दोनों के अलावा गिरोह में दो अन्य सदस्य भी थे जिनका नाम महेंद्र और नूर मझर उर्फ ​​असलम था। वह सरगना के इशारे पर इलाके के अमीर लोगों को फंसाती थी, जबकि महेंद्र छुप-छुप कर वीडियो बनाता था. नूर मजहर उर्फ असलम उन लोगों को वीडियो भेजकर जबरन वसूली के लिए कॉल कर वसूली किया करता था। इस तरह गैंग ने डॉक्टर, बेकरी मालिकों, बिल्डरों, व्यवसायियों आदि सहित क्षेत्र के 8-10 लोगों को फंसा लिया और ब्लैकमेलिंग की।

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