Shraddha Murder : एक थी श्रद्धा और उसका कातिल आशिक आफताब, प्यार के 35 टुकड़ों की पूरी कहानी

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Shraddha Murder : एक थी श्रद्धा और उसका कातिल आशिक आफताब, प्यार के 35 टुकड़ों की पूरी कहानी
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Shraddha Murder Mystery : जिसके प्यार के लिए श्रद्धा वाल्कर ने अपने बाबुल का घर छोड़ा. बिना शादी किए आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का फैसला लिया. घरवालों ने विरोध किया. मां ने समझाया. पिता ने भी कोशिश की. पर श्रद्धा ने खुद को 25 साल की उम्र बताकर अपने फैसले लेने को अधिकार बताया. और खुद ही ये तय कर लिया कि मैं आफताब के साथ लिव-इन (Live-in-Relationship) में रहूंगी.

अब ये बेटी का फैसला था. और उधर मां का गम. घर से बेटी के ऐसे विदा लेने का शायद गम ही था कि उस सदमे को मां बर्दाश्त नहीं कर पाई. फिर 2020 में मां की मौत हो गई. उधर पिता के रिश्ते 2016 से ही अपनी पत्नी से खराब थे. ऐसे में श्रद्धा कुछ दिनों के लिए मां के घर आई तो जरूर लेकिन फिर लौट गई. अब उसके पापा ज्यादातर उसके फेसबुक और वॉट्सऐप स्टेटस से ही बेटी श्रद्धा का अपडेट लेते थे.

उधर, श्रद्धा अब अपनी नई जिंदगी शुरू करने के लिए 3 साल से ज्यादा के रिश्तों को हमेशा के लिए शादी के डोर में पिरोना चाहती थी. पर जिसके लिए उसने अपना सबकुछ गंवा दिया था. यहां तक कि परिवार को छोड़ दिया था. पर उसे ये पता नहीं था कि जिसके साथ वो सात जन्मों के बंधने का सपना देख रही है वो असल में दरिंदा है.

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एक खूनी दरिंदा जो उसी की कत्ल की काफी समय से साजिश रच रहा है. लड़ाई झगड़े तो अक्सर दोनों में होते थे. पर ऐसा किस कपल में नहीं होता. फिर वो यानी आफताब माफी मांग लेता. वो माफ भी कर देती थी. पर वो जानती नहीं थी कि इस माफी के पीछे भी आफताब की साजिश है. आखिरकार कई महीनों की साजिश के बाद उसने श्रद्धा की बेरहमी से 35 टुकड़े किए.

आफताब ने अचानक श्रद्धा का किया मर्डर या कई महीनों की साजिश?

Aftab Amin poonawalla : श्रद्धा वाल्कर की हत्या अचानक आवेश में आकर हुई. या फिर कई महीनों की साजिश के बाद श्रद्धा का मर्डर हुआ. ये वो सवाल है जिसकी तलाश तो दिल्ली पुलिस भी कर रही है. श्रद्धा मर्डर केस की अगर बारीकियों को समझें तो यही लगता है कि कई महीनों की साजिश रचने के बाद इसे अंजाम दिया गया. इसके पीछे कई वजहें हैं. क्योंकि दिल्ली में आने के 10 दिन बाद ही आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी थी. इसके बाद उसके 35 टुकड़े किए थे. ऐसे में सवाल है कि आखिर दिल्ली आने के बाद ही आफताब ने क्यों कत्ल किए. इससे पहले वो पहाड़ी वादियों में घूमने गया था. क्या वहां भी कत्ल की साजिश रच रहा है.

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असल में तफ्तीश में यही लगता है कि आफताब मुंबई में रहते हुए ही श्रद्धा को अपनी जिंदगी से दूर करना चाहता था. क्योंकि श्रद्धा अब अपने रिश्तों को शादी के डोर में बांधना चाहती थी. जबकि आफताब जिस डेटिंग ऐप बंबल से श्रद्धा से मिला था, उसी ऐप से उसे और भी लड़की मिल गई थी. अब वो नए रिश्ते में बंधना चाहता था. इधर, पुराना रिश्ता पीछा नहीं छोड़ रहा था. चूंकि मुंबई में उसका और श्रद्धा दोनों का परिवार जानता था. वो ये भी जानता था कि श्रद्धा के परिवार में ज्यादा ध्यान रखने वाली मां अब जिंदा नहीं है. पिता से उसका ज्यादा नाता नहीं है. ऐसे में अगर अचानक श्रद्धा कहीं गायब भी हो जाए तो ज्यादा कोई पूछने वाला नहीं है.

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ऐसे में पुलिस इस एंगल की भी जांच कर रही है कि जब मई से पहले आफताब हिमाचल में घूमने गया था तब भी कहीं वो उसे मारना तो नहीं चाहता था. क्योंकि हिमाचल के कई ऐसे हिल स्टेशन हैं जहां से किसी को गहरी खाई में धक्का में देकर मारा जा चुका है. लेकिन शायद इस खतरनाक मंसूबे को अंजाम देने में आफताब कामयाब नहीं हो सका. इसलिए उसे दिल्ली आना पड़ा. यहां आने के बाद वो दिल्ली के कई होटलों में रहा. शायद यहां भी उसे मौका नहीं मिल पाया. इसके बाद उसने दिल्ली के उस एरिया में कमरे की तलाश की जहां से कुछ दूरी पर जंगल वाला एरिया हो. जहां हत्या के बाद वो उसके शव को ठिकाने लगा सके और किसी को भनक भी नहीं लगे.

ऐसे में आशंका है कि यही सोचकर उसने दिल्ली के महरौली एरिया के छतरपुर में किराए का कमरा लिया. कमरा लेने के बाद कुछ दिनों सेटल हुआ. फिर तुरंत मौका मिलते ही लड़ाई-झगड़े के दौरान ही आफताब ने श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या कर दी. अब श्रद्धा का मर्डर तो कर दिया लेकिन उसकी लाश को जंगल में दफनाना बड़ी चुनौती थी. वो लाश को उठाकर नहीं ले जा सकता था. इसके बाद उसने तमाम तरीके तलाशे. गूगल पर सर्च किया. कैसे लाश के कई टुकड़े आसानी से किए जाए. लाश को जब काटेंगे तो खून निकलेगा.

इसलिए गूगल पर ये भी सर्च किया कि कैसे खून को साफ किया जाए. फिर उसने उस केमिकल का भी पता लगाया जिससे खून साफ भी हो जाए और कोई सबूत भी ना मिले. वो केमिकल था सल्फर हाइपोक्लोरिक एसिड. इसके इस्तेमाल से खून ऐसे साफ हो जाता है कि फॉरिंसक जांच के दौरान कोई सैंपल नहीं मिलता है. मर्डर के बाद उसने श्रद्धा के खून से सने और अपने कपड़े दोनों के उतार लिए थे. इसके बाद उसे आने वाले दिनों में एमसीडी के कचड़े वाली वैन में डाल दिया था. ताकी किसी को कोई सबूत नहीं मिले.

आफताब और श्रद्धा मर्डर की पूरी कहानी

Bumble डेटिंग ऐप से श्रद्धा से मिला था आफताब

Aftab Shraddha Murder : प्यार, लिव-इन रिलेशनशिप और फरेब में कत्ल की इस सनसनीखेज कहानी की परतें खुलने लगीं हैं. श्रद्धा और आफताब के रिश्तों की शुरुआत एक डेटिंग ऐप से हुई थी. वो साल था 2018. बंबल (Bumble Dating App) डेटिंग ऐप से दोनों की मुलाकात हुई. 2019 से दोनों लिव-इन में रहने लगे थे. अब इस हत्याकांड को लेकर पुलिस के सामने आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) ने सनसनीखेज खुलासा किया है. उसने बताया कि हत्या के बाद खून साफ करने का तरीका जानने के लिए उसने गूगल पर सर्च किया था. ये भी पता लगाया गया था कि इंसान के शरीर को आसानी से कैसे कई टुकड़ों में काटा जा सकता है. कैसे हाथ और पैर को ज्वाइंट से आसानी से अलग किया जा सकता है. ये सारी जानकारी तब मिली जब दिल्ली पुलिस ने आफताब के मोबाइल की डिटेल खंगाली. इंटरनेट की सर्च हिस्ट्री से सारी जानकारी मिली है.

श्रद्धा की हत्या की असली वजह क्या है?

Delhi Shraddha Murder : पुलिस की जांच में पता चला है कि दोनों के बीच में काफी समय से झगड़ा होता था. इस बीच दोनों को एक दूसरे पर शक भी होने लगा था. आफताब को लगता था कि श्रद्धा का कोई दूसरा करीबी दोस्त बन चुका है. वहीं, श्रद्धा का भी दावा था कि आफताब की पसंद अब कोई और है. इस बात को लेकर मर्डर से कुछ महीने पहले दोनों कई हिल स्टेशन भी गए थे.

हिमाचल प्रदेश में कई दिनों तक घूमने के बाद दोनों दिल्ली में रहने का प्लान बनाया था. इसके बाद दोनों 8 मई को दिल्ली आ गए थे. 15 मई को दोनों ने छतरपुर में किराए का कमरा लिया था. इसी में 18 मई को दोनों के बीच झगड़ा हुआ. लड़ाई के दौरान दोनों में झगड़ा बढ़ा तो श्रद्धा शोर मचाने लगी. तभी आफताब ने उसका मुंह बंद कर दिया और गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद उसके शव को बाथरूम में रख दिया था.

इसके बाद वो शव को ठिकाने लगाने के लिए गूगल पर काफी सर्च किए. उसने सर्च किया कि कैसे किसी इंसान के शरीर को कई टुकड़ों में आसानी से अलग किया जा सकता है. इसके बाद उसने अगले दिन मार्केट से आरी और फ्रिज खरीदकर ले आया. फिर उसने श्रद्धा के शरीर को 35 टुकड़ों में काटा. और उसे फ्रिज में रख दिया.

अब रोजाना फ्रिज से कुछ टुकड़ों को निकालकर पॉलिथीन में पैक करता था और फिर महरौली के जंगलों में फेंक आता था. पुलिस की पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही से श्रद्धा के शरीर के करीब 13 टुकड़े मिल चके हैं. ये हड्डियां काफी दूरदूर मिल रहे हैं.

कई लड़कियों से करीबी संबंध में था आफताब

जांच में पता चला है कि श्रद्धा की हत्या के 18 दिनों तक वो लाश के टुकड़ो को रात के 2 बजे एक बैग में डालकर उसे पीठ पर टांगता था और फिर अलग-अलग जगहों पर जाकर फेंक देता था. इस पूरी घटना को अंजाम देने के लिए उसने डेक्स्टर (Dexter Crime Web Series) वेब सीरीज भी देखी थी. यहीं से उसने हत्या करने का आइडिया लिया था.

पुलिस की जांच में ये भी पता चला है कि आफताब के और भी कई लड़कियों से नजदीकी संपर्क थे. जिसकी वजह से उसकी श्रद्धा से लड़ाई होती थी. इसलिए हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के बाद वो दूसरी लड़की के साथ कमरे पर आने लगा था. ऐसे में इस बात की आशंका है कि कहीं आफताब ने साजिश के तहत श्रद्धा को दिल्ली लाकर उसकी हत्या तो नहीं की. एक तरह से देखा जाए तो उसकी ये साजिश 6 महीने तक सफल भी रही.

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