Manish Sisodia Arrest: मुख्य सचिव की रिपोर्ट में क्या था? जिसके वजह से मनीष सिसोदिया कानून के शिकंजे में है
8 जुलाई, 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को एक रिपोर्ट भेजी थी. ये वही रिपोर्ट है जिसके वहज से आज मनीष सिसोदिया गिरफ्तार किए गए ह
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Manish Sisodia Arrest: उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया दरअसल सीबीआई (CBI) ने ये कार्रवाई की है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए पार्टी के लिए यह जोर का झटका है. खासकर तब जब 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं. इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को भी जेल में है. ऐसे में सिसोदिया की गिरफ्तारी के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
8 जुलाई, 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को एक रिपोर्ट भेजी थी. ये वही रिपोर्ट है जिसके वहज से आज मनीष सिसोदिया गिरफ्तार किए गए हैं. आखिर क्या था इस रिपोर्ट में? आइए जानते हैं..
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मुख्य सचिव की रिपोर्ट में क्या था?
कंपनियों की लाइसेंस फ़ीस में 144.36 करोड़ की छूट दी गई रिपोर्ट के मुताबिक़ कोरोना के समय शराब विक्रेताओं ने लाइसेंस फ़ीस माफी के लिए दिल्ली सरकार से संपर्क किया. सरकार ने 28 दिसंबर से 27 जनवरी तक लाइसेंस फ़ीस में 24.02 प्रतिशत की छूट दे दी.
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सचिव ने रिपोर्ट में कहा "इससे लाइसेंसधारी को अनुचित लाभ पहुंचा, जबकि सरकारी ख़ज़ाने को लगभग 144.36 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ''.
जबकि अधिकारियों के मुताबिक़, लागू हो चुकी नीति में किसी भी बदलाव से पूर्व एक्साइज डिपार्टमेंट (Excise Department) को पहले कैबिनेट और फिर उप-राज्यपाल के पास परमिशन के लिए भेजना होता है. कैबिनेट और उप-राज्यपाल की परमिशन के बिना किया गया कोई भी बदलाव गैर-कानूनी कहलाएगा.
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लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाना
मनीष सिसोदिया पर विदेशी शराब के दाम बदलने और 50 रुपये प्रति बीयर के आयात शुल्क को हटाकर लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप था.
एक्साइज विभाग ने कंपनी को वापस किए 30 करोड़
पुडुच्चेरी की पिक्सी इंटरप्राइजेज़ प्राइवेट लिमिटेड ने एयरपोर्ट ज़ोन में खोली गई 10 शराब दुकानों के लाइसेंस अधिकार जीते थे, लेकिन कंपनी एयरपोर्ट अधिकारियों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (no objection certificate) हासिल करने में कामयाब नहीं रही. सरकार ने लाइसेंस की बोली के लिए जमा किए गए 30 करोड़ रुपए कंपनी को वापस कर दिए.
रिपोर्ट में कहा गया कि ये दिल्ली आबकारी नियम, 2010 का उल्लंघन है. अगर कोई आवेदक लाइसेंस के लिए फॉर्मेलिटीस नहीं पूरी कर पाता तो उसकी जमा राशि ज़ब्त हो जाती है.
सचिव ने रिपोर्ट में ये आरोप लगे
सिसोदिया पर कमीशन लेने के आरोप लगे, कहा गया कि इन पैसों का इस्तेमाल पंजाब विधानसभा चुनाव में हुआ.
रिपोर्ट मिलने के 15 दिनों के भीतर ही उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफ़ारिश करते हुए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा.
यहीं से इस पूरे मामले में जांच एजेंसियों की एंट्री हुई और मामले ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया.
चौतरफ़ा हमलों के बीच 30 जुलाई, 2022 को सिसोदिया ने नई आबकारी नीति को वापस लेने की घोषणा कर दी.
दरअसल नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने फैसला लेते हुए शराब की नीति में बदलाव किया था मामला बढ़ने पर 31 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने इस नीति को वापस ले लिया था. जिसके बाद से ही सरकार पर सवाल उठाए जा रहे थे 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि लाइसेंस धारियों को पोस्ट टेंडर अनुचित लाभ देने के लिए जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया गया.
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