Shraddha Murder: श्रद्धा हत्याकांड में चार्जशीट तैयार करने में जुटी पुलिस, इस तरह जोड़ी जा रही हैं सबूतों की कड़ियां
Shraddha Aftab Case: अब तिहाड़ जेल में बंद है और दिल्ली पुलिस की टीमें आफताब के खिलाफ सबूतों को सिलसिलेवार एक चेन में पिरोने की कोशिशों में जुट गई हैं।
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Shraddha Murder Case: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने आफताब से लंबी पूछताछ की। आफताब अब तिहाड़ जेल (Jail) में बंद है और दिल्ली पुलिस की टीमें आफताब के खिलाफ सबूतों को सिलसिलेवार एक चेन में पिरोने की कोशिशों में जुट गई हैं। सूत्रों की मानें तो दिल्ली पुलिस जल्द ही इस खौफनाक केस में चार्जशीट दाखिल करेगी। हत्या की साजिश की पहली कड़ी से आखिरी छोर तक की पूरी कहानी, सबूत और गवाह पुलिस की फाइलों में कैद चुके हैं।
दिल्ली पुलिस के लिए ये केस एक बड़ी चुनौती हैं क्योंकि ये पूरा केस फॉरेंसिक और साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन पर खड़ा है। हत्या को रेअरेस्ट ऑफ द रेअर केस साबित करने के लिए दिल्ली पुलिस के पास कई पुख्ता सबूत हैं। सबूतों की पहली कड़ी के तौर पर पुलिस को सबसे पहले ये साबित करना होगा कि आफताब श्रद्धा को प्री प्लीन के तहत कत्ल करने के लिए दिल्ली लेकर आया था।
इस बात को साबित करने के लिए पुलिस के पास श्रद्धा के कंप्लेंट की वो कॉपी भी है, जो उसने 23 नवंबर 2020 को वसई के तुलिंज थाने में दी थी। इस कंप्लेन में श्रद्धा ने दो साल पहले ही लिख दिया था कि आफताब उसे गला घोंट कर मारेगा, लाश के टुकडे करेगा और टुकडों को फेंक देगा। 18 मई 2020 को दिल्ली में आफताब ने ठीक ऐसा ही किया। श्रद्धा की बातों को सच कर दिया।
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जांच की दूसरी सबसे बड़ी कड़ी होगी श्रद्धा और आफताब की दिल्ली में लोकेशन को साबित कर चार्जशीट में दर्ज करना। यहां दिल्ली पुलिस आफताब और श्रद्धा के मोबाइल फोन की लोकेशन और गूगल रुट मैपिंग के जरिए सबूत पेश करेगी कि हत्या के दिन यानि 18 मई को मरने और मारने वाले दोनों की लोकेशन छतरपुर में थी। गौरतलब है कि इस तरह के कई डिजिटल एविडेंस दिल्ली पुलिस अपनी चार्जशीटों में पहले भी दर्ज कर चुकी है।
श्रद्धा की हत्या में तीसरी कड़ी के तौर पर सबसे अहम सबूत साबित होगा घर में मिले खून के धब्बों और श्रद्धा के भाई और पिता के खून के नमूनों की डीएनए रिपोर्ट का मिलान। इस डीएनए प्रोफाइलिंग के जरिए ये साबित होगा कि श्रद्धा की हत्या आफताब के छतरपुर के फ्लैट मे हुई और बाथरुम में लाश के टुकड़े किए गए थे।
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जाहिर है श्रद्धा हत्याकांड में पुलिस की चार्जशीट में जंगल में मिली हड्डियां का जिक्र और उसकी रिपोर्ट सबसे अहम होंगी। जाहिर है हड्डियों का मिलान उनके परिजनों के रक्त से करने के लिए भी डीएनए प्रोफाइलिंग की जा रही है। जिससे ये साबित किया जा सके कि जंगल में मिली हड्डियां श्रद्धा की ही हैं। पुलिस के पास एक जबड़ा भी मौजूद है जिसकी रिपोर्ट भी चार्जशीट का अहम हिस्सा बनेगी। आफताब के नारको एनालिसिस से मिली जानकारियों को भी सबूतों की कड़ियों के साथ जोड़ा जाएगा।
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सबूतों की चेन में आखिरी कड़ी होगा उन सभी गवाहों के बयान जो परोक्ष या प्रत्यक्ष रुप से श्रद्धा और आफताब से जुड़े हुए हैं। इन गवाहों में श्रद्धा के दोस्तों की गवाही, फ्लैट के मालिक की गवाही, फ्लैट दिलाने वाले की गवाही, जहां से आरी खरीदी गई उस दुकानदार की गवाही, एफएसएल व सीएफएसएल के वैज्ञानिकों की गवाही, श्रद्धा के परिजनों की गवाही, मुंबई पुलिस के जांच अधिकारियों की गवाही, फ्रिज और वैक्यूम क्लीनर विक्रेताओं की गवाही को चार्जशीट के दस्तावेज में दर्ज किया जाएगा।
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