गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर केस में फंस गए पुलिस अफसर, एसपी, एडिशनल और डीएसपी पर चलेगा हत्या का केस

सीबीआई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए तत्कालीन चुरू एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, आरएसी हेड कांस्टेबल कैलाश पर कत्ल का केस दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।

CrimeTak

24 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 24 2024 5:19 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर में अदालत का बड़ा फैसला

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पुलिस अफसरों पर चलेगा हत्या का केस

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एनकाउंटर में शामिल 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन

Jodhpur: 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में एसओजी ने कथित मुठभेड़ में गैंगस्टर आनंदपाल को मार गिराया था। इस मुठभेड़ पर जोधपुर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। एसीजेएम सीबीआई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए तत्कालीन चुरू एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, आरएसी हेड कांस्टेबल कैलाश पर कत्ल का केस दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। फिलहाल कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। 

फर्जी एनकाउंटर पर उठे सवाल

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आपको बता दें कि 24 जून 2017 की रात को गैंगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर किया गया था। ये मुठभेड़ शेखावाटी में चूरू में मालासर गांव में हुई। रात के 10 बजे थे कुछ गांव वाले सोये हुए थे, कुछ जाग रहे थे। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक पूरा गांव गोलियों की आवाज से गूंज उठा। सोये हुए लोग अचानक जाग गये। बाहर पुलिस और एसओजी की गाड़ियों का काफिला था। एसओजी और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी। दावा किया गया कि दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई थी।

सटीक इनपुट किसने दिया?

पुलिस के मुताबिक जब आनंदपाल को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया तो उसने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में आनंदपाल रतनगढ़ तहसील के मालासर गांव में श्रवण सिंह के घर पर मारा गया था। बड़ा सवाल यह है कि आनंदपाल के ठिकाने के बारे में पुलिस को इतना सटीक इनपुट किसने दिया? पुलिस सीधे श्रवण सिंह के घर कैसे पहुंच गई? ये सभी सवाल पुलिस के एनकाउंटर पर उठाए जा रहे थे।

कौन था आनंदपाल

आपको बता दें कि 3 सितंबर 2015 को जब उसे नागौर जिले के डीडवाना कोर्ट में ले जाया जा रहा था तो उसका छोटा भाई विक्की अपने साथियों के साथ हथियारों से लैस होकर आया और फिल्मी स्टाइल में पुलिस वाहन पर फायरिंग कर आनंदपाल को छुड़ाकर ले गया। एसओजी तभी से दोनों भाइयों और उनके गिरोह की तलाश कर रही थी। खबरों के मुताबिक, आनंदपाल के सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम था। हैरानी की बात ये है कि मौत के बाद आनंदपाल समेत 6 दोषियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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