अरविंद ओझा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Kolkata Case: डॉक्टर संदीप घोष FIR दर्ज नहीं करवाना चाहते थे! इस वजह से संदीप घोष और SHO अभिजीत मंडल को सीबीआई ने रेप-मर्डर केस में किया गिरफ्तार? रिपोर्ट से हुआ खुलासा!
R G Kar Hospital Sandip Ghosh CBI Arrested: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर केस में सीधा-सीधा डॉक्टर संदीप घोष पर सीबीआई ने तमाम आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने कहा है कि संदीप घोष इस मामले में FIR दर्ज नहीं करवाना चाहते थे। ये खुलासा रिपोर्ट से हुआ है।
ADVERTISEMENT
16 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 16 2024 11:03 AM)
न्यूज़ हाइलाइट्स
डॉक्टर संदीप घोष FIR दर्ज नहीं करवाना चाहते थे!
संदीप घोष और अभिजीत मंडल को सीबीआई कर चुकी है गिरफ्तार
सीबीआई रिपोर्ट में हुआ खुलासा
Kolkata News: कोलकाता रेप-मर्डर केस में सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई का कहना है कि संदीप घोष ने किन्हीं वजहों से गलत जानकारियां दी और जानबूझकर कर जांच को गुमराह किया। CBI की जांच में ये बात सामने आई है कि आरोपी संदीप घोष इस मामले में FIR दर्ज नहीं करवाना चाहते थे। ये भी पता चला है कि सुबह 9.58 बजे सूचना मिलने के बाद भी वह कॉलेज नहीं पहुंचे। कॉलेज के वाइस प्रिसिंपल ने पुलिस के सामने खुदकुशी की बात कही। अब सवाल ये उठता है कि जब वो इस केस में शामिल नहीं थे तो वो क्यों पुलिस को गलत जानकारियां मुहैया करा रहे थे? क्या ऐसा इसलिए ताकि कॉलेज की बदनामी न हो और उसकी वित्तीय गड़बड़ियों का पता न चले?
ADVERTISEMENT
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले से संबंधित कुछ अहम मुद्दों पर संदीप घोष का बयान भ्रामक था। पॉलीग्राफ टेस्ट की CFSL रिपोर्ट में कहा गया है कि संदीप घोष ने जानबूझकर जांच करने वाले लोगों को कुछ अहम मुद्दों पर गुमराह करने की कोशिश की।
डॉक्टर घोष और एसएचओ की थी मिलीभगत!
डॉक्टर संदीप घोष को इस मामले की जानकारी सुबह करीब 10 बजे मिलने के बाद भी वह कॉलेज नहीं पहुंचे। संदीप घोष ने हत्या की शिकायत नहीं की।आखिरकार वाइस प्रिंसिपल ने शिकायत की और वह भी आत्महत्या की बात पुलिस को बताई, जब कि मौका ए वारदात पर बिखरे सबूत कुछ और ही गवाही दे रहे थे।
क्यों मामले को दबा रहे थे संदीप घोष?
सीबीआई का कहना है कि आरोपी ने जानबूझ कर अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया और जानबूझकर गलत तथ्य दर्ज किए। क्या संदीप घोष और अभिजीत मंडल की मंशा संजय रॉय को बचाने की थी? ये भी सवाल बना हुआ है।
क्यों 14 घंटे के बाद दर्ज हुई FIR?
सीबीआई का दावा है कि आरोपी ने जानबूझकर FIR दर्ज करने में देरी की। उसे घटना की जानकारी सुबह 10 बज कर 3 मिनट पर मिल गई थी। मृतका के परिवार से शाम 7:30 बजे हरी झंडी मिलने के बाद भी FIR 11:30 बजे दर्ज की गई, जिससे करीब 14 घंटे की देरी हुई।
क्या आरोप है अभिजीत मंडल पर?
अभिजीत मंडल ने साक्ष्यों और सैंपल्स को सील करने की प्रक्रिया का वीडियोग्राफी नहीं किया। उन्होंने जल्दबाजी में दाह संस्कार की अनुमति दे दी, जबकि परिवार ने दूसरे पोस्टमार्टम की मांग की थी। आरोपी अभिजी मंडल ने अपराध के दिन पहने गए आरोपी के कपड़ों को बचाकर रखने में 2 दिन की देरी की। आपको बता दें कि जांच के दौरान डॉ. संदीप घोष का एलवीए और पॉलीग्राफी टेस्ट किया गया था
उधर, कोलकाता की अदालत ने आरजी कर मामले के आरोपी संजय रॉय के नार्को टेस्ट की अनुमति देने से मना कर दिया है। इस टेस्ट का उद्देश्य यह जानना था कि आरोपी संजय रॉय अपने बयान में सच बोल रहा है या नहीं?
अदालत के इस फैसले ने इस मामले में आगे की जांच प्रक्रिया को एक नया मोड़ दे दिया है। इससे पहले खबर आई थी कि पॉलीग्राफ टेस्ट में भी संजय रॉय मुकर गया था। उसने कहा कि वो मर्डर में शामिल नहीं था। उसने साफ-साफ कहा था कि वो हत्यारा नहीं है, बल्कि उसे फंसाया गया है। संजय ने यहां तक कहा - मैं तो शव को देखकर भाग गया था।
संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट 25 अगस्त को दोपहर में हुआ था। इस दौरान तीन पॉलीग्राफ विशेषज्ञ मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान आरोपी संजय रॉय अपनी बातों से मुकर गया था। इस परीक्षण के दौरान आरोपी संजय ने बलात्कार और हत्या में अपनी संलिप्तता से पूरी तरह इनकार कर दिया था। इससे पहले आरोपी संजय रॉय ने अपने वकील के सामने भी खुद को निर्दोष बताया था।
अब क्या करेगी सीबीआई?
कोलकाता पुलिस ने इस मामले में एकमात्र आरोपी को गिरफ्तार किया और वो था संजय रॉय। संजय रॉय के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने कई सबूत इकट्ठा किए। इसके बाद ये मामला सीबीआई के पास गया। सीबीआई की भी अभी तक यही थ्योरी है कि कातिल कोई और नहीं, बल्कि संजय रॉय ही है। आरोपी संजय रॉय के खिलाफ कई सबूत है। इनमें सीसीटीवी फुटेज में उसकी मौजूदगी, अस्पताल परिसर में घुसने और बाहर निकलने के सबूत, डीएनए रिपोर्ट, मृतका और आरोपी के कपड़ों की जांच, मौका ए वारदात पर मिले सबूत जैसे कई अहम सबूत उसके खिलाफ है।
ADVERTISEMENT