Model बीवी, MBA पति: मुंबई में ऐसा क्या हुआ जो दोनों ने कर ली खुदकुशी? साल की सबसे बड़ी Couple Suicide Mystery

ये लव स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। बचपन में प्यार, जवान होने पर शादी, रोमांस, दुनिया भर को मुट्ठी में समेट लेने का ख्वाब, फिर तेजी से बदलता घटनाक्रम, ड्रग्स, डिप्रेशन और एक के बाद एक दो बेइंतिहा प्यार करने वालों की मौत। कुल मिला कर जो जिंदगी लोग उम्र भर में जीते हैं इन दो प्यार करने वालों ने बस बीते दो सालों में जी भी ली और अपनी ही मर्जी से खत्म भी कर दी।

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08 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 8 2024 4:20 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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साल की सबसे बड़ी कपल सुसाइड मिस्ट्री

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मॉडल बीवी और एमबीए पति ने कर ली खुदकुशी

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दोनों ने अपने पीछे नहीं छोड़ा कोई सुसाइड नोट

वाराणसी: ये लव स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। बचपन में प्यार, जवान होने पर शादी, रोमांस, दुनिया भर को मुट्ठी में समेट लेने का ख्वाब, फिर तेजी से बदलता घटनाक्रम, ड्रग्स, डिप्रेशन और एक के बाद एक दो बेइंतिहा प्यार करने वालों की मौत। कुल मिला कर जो जिंदगी लोग उम्र भर में जीते हैं इन दो प्यार करने वालों ने बस बीते दो सालों में जी भी ली और अपनी ही मर्जी से खत्म भी कर दी। पति हरीश ने फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी और उसकी खुदकुशी के बारे में सुन कर पत्नी संचिता ने घर की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली। और इस तरह दो ऐसे प्यार करने वाले इस दुनिया से हमेशा के लिये विदा हो गये जिनके प्यार की लोग मिसालें दिया करते थे।

ऐसे चढ़ी परवान मोहब्बत

हरीश बगेश और संचिता शरण वाराणसी के एक स्कूल में साथ पढ़ते थे। उस कच्ची उम्र में ही दोनों एक दूसरे को चाहने लगे थे। संचिता के पिता गोरखपुर के मशहूर डॉक्टर थे जबकि हरीश भी पटना के एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखता था। पढ़ाई पूरी कर दोनों ने अपने साझा सपने पूरे करने के लिये मुंबई का रुख किया। संचिता को मॉडलिंग और फैशन फोटोग्राफी में दिलचस्पी थी जबकि एमबीए की पढ़ाई पूरी कर हरीश बैंकिंग इंडस्ट्री में अपना नाम करना चाहता था। दोनों को अपने-अपने शौक पूरा करने का भरपूर मौका भी मिला। संचिता मॉडलिंग और फैशन फोटोग्राफी के लिये हिंदुस्तान से बाहर लंदन, जापान और चीन तक गई, जबकि हरीश को एक बड़े प्राइवेट बैंक में अपना केरियर आगे बढ़ाने का मौका मिला।

 

सच हुआ शादी का ख्वाब

दोनों के केरियर उठान पर थे और बस इसी बीच अब से दो साल पहले दोनों ने शादी भी कर ली। दोस्त बताते हैं कि ऐसी शादी उनके फ्रेंड सर्कल में किसी और की नहीं हुई। दोनों ने इस शादी को यादगार बनाने के लिये अपनी बचत से लाखों रुपये खर्च किये, खासतौर से वेडिंग और प्रिवेडिंग फोटो शूट में। चूंकि संचिता खुद फैशन फोटोग्राफर थी लिहाजा फोटो शूट के लिये उसने वो सब किया जो अपनी शादी पर करना किसी भी लड़की के लिये ख्वाब होता है। ये शादी अब से बस दो साल पहले हुई थी। तब तक दोनों की जिंदगी में सबकुछ अच्छा चल रहा था। मगर अब से बस कुछ ही महीने पहले जिंदगी ने यू टर्न ले लिया। हरीश की बैंक की नौकरी चली गई और संचिता को काम मिलना बंद हो गया। हालात इतने खराब हो गये कि हरीश और संचिता पैसे-पैसे को मोहताज हो गये। इसी बीच संचिता की तबियत खराब रहने लगी और दूसरी ओर हरीश बेरोजगारी और डिप्रेशन के बाद ड्रग्स का आदी हो गया।

 

रूठ गई जिंदगी

थक हार कर संचिता अपने पिता के पास गोरखपुर वापस आ गई। चूंकि मुंबई के खर्चे पूरे करने के लिये उसके पास कोई आमदनी नहीं थी लिहाजा हरीश भी संचिता के साथ रहने अपनी ससुराल आ गया। पैसों की किल्लत के चलते दोनों हर छोटा-बड़ा काम करने को तैयार थे। संचिता बेहद कम रेट पर वेडिंग फोटोग्राफी के लिए तैयार थी तो हरीश रील्स और यूट्यूब वीडियो बना कर पैसा कमाने की कोशिश करता रहा। मगर जिंदगी जैसे इन दोनों से रूठ सी गई थी। अंधेरे में रौशनी की कोई किरण दिखाई नहीं देती थी। यूं ही कई महीने बीत गये। फिर एक दिन हरीश ने पत्नी संचिता और ससुर डॉ. रामशरण से कहा कि वो किसी काम से अपने घर पटना जाना चाहता है। मगर घर जाने के बहाने हरीश ने क्या करने की ठानी थी इसका पता घरवालों को चौबीस घंटे बाद लगा।

डिप्रेशन में लिया नशे का सहारा

हरीश ने पटना जाने के बजाए वाराणसी में सारनाथ के पास एक गेस्टहाउस में किराए पर कमरा लिया और वहीं रुक गया। वाराणसी में अपने एक रिश्तेदार को उसने अगली सुबह मिलने के लिये बुलाया भी। मगर सुबह जब कमरे का दरवाजा खटखटाया गया तो कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। गेस्टहाउस के लोगों ने रौशनदान से झांक कर देखा तो हरीश की लाश पंखे से झूलती दिखाई दी। गेस्टहाउस के मालिक ने फौरन पुलिस को खबर की। पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ कर हरीश की लाश को नीचे उतारा। कमरे में उसके कपड़ों के अलावा सिगरेट और नशे का सामान बरामद हुआ और उसकी पैंट की जेब से एक कागज का टुकड़ा भी मिला जिस पर संचिता के पिता और उसके परिवार के लोगों के फोन नंबर लिखे थे। हरीश अपने पीछे कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ गया था।

 

चौबीस घंटे में दो खुदकुशी

बहरहाल पुलिस ने हरीश की खुदकुशी के बारे में उसके घरवालों और गोरखपुर उसके ससुर के पास पहुंचा दी। वो रविवार सुबह 9 बजे के आसपास का वक्त था जब संचिता को हरीश की मौत की खबर मिली। संचिता अपनी सुधबुध खो बैठी। बदहवासी की हालत में वो चीखती रही, चिल्लाती रही और फिर घरवालों को पता भी नहीं चला कि कब वो घर की छत पर पहुंची और वहां से मौत की छलांग लगा दी। हरीश की मौत के चौबीस घंटों के अंदर संचिता भी खुदकुशी कर इस दुनिया को छोड़ चुकी थी। इस खूबसूरत प्रेम कहानी का अंजाम इतना दर्दनाक होगा किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। किसी को यकीन नहीं हुआ कि हंसती खिलखिलाती और जिंदगी से भरपूर हरीश और संचिता की जोड़ी इस दुनिया को रुख्सत कह गई। वो भी इतने खौफनाक तरीके से कि जिसने सुना सिहर उठा। बस एक बात जो सबके जेहन में आई वो ये कि हरीश और संचिता अगर जिंदगी में एक दूसरे के हो कर रहे तो मौत में भी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा।

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