जहर के इंजेक्शन से नहीं मरा तो इस कातिल को गैस चैंबर में डाल कर दी मौत की सजा

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जहर के इंजेक्शन से नहीं मरा तो इस कातिल को गैस चैंबर में डाल कर दी मौत की सजा
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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सजा-ए-मौत पा कर भी जिंदा रह जा रहा था ये कातिल

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जहर के इंजेक्शन भी हो रहे थे बेअसर

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आखिरकार मौत की सजा के लिये ईजाद हुआ नया तरीका

Nitrogen Gas Execution: तारीख थी 25 जनवरी 2024, दिन- गुरुवार, वक़्त- शाम के 7.30 बजे, जगह- अमेरिकी राज्य अलाबामा की डब्ल्यू सी होलमैन करेक्शनल फैसिलिटी यानी जेल। इस जेल में कुछ ऐसा होने जा रहा था, जिसकी चर्चा आने वाले न जाने कितने सालों तक होती रहेगी। एक कैदी को सजा-ए-मौत दी जाने वाली थी। ये सजा बिल्कुल अलग थी। मुजरिम को नाइट्रोजन गैस के जरिए मौत देने का प्लान था। जिसको सजा दी जाने वाली थी उस शख्स का नाम था केनेथ इयूजीन स्मिथ और उसकी उम्र थी 58 साल। मगर ये मौका सिर्फ इसलिये खास नहीं था कि मौत की सजा पा चुके एक कैदी को नाइट्रोजन गैस के जरिये मौत दी जानी थी। बल्कि ये मौका इस लिये ज्यादा खास था कि यहां एक ऐसे कैदी को सजा दी जाने वाली थी जिसे कई बार मौत देने की कोशिश की गई लेकिन ये कैदी था कि मरता ही नहीं था।

मौत का सीधा प्रसारण! 

बहरहाल तैयारियां पूरी की जा चुकी थीं। और मौत का तमाशा देखने के लिये दर्शकों को भी बुलाया जा चुका था। अमेरिकी कानून के मुताबिक डेथ चेंबर से मौत का लाइव प्रसारण देखने के लिये बाकायदा स्मिथ के परिवार, धार्मिक गुरु और कुल पांच पत्रकारों को बुलाया गया था। सभी को अलग-अलग चैंबरों में बैठाया गया। इस लाइव मौत के इस मंजर को देखने के लिए सभी लोग शाम साढ़े सात बजे तक अलाबामा जेल पहुंच कर अलग-अलग चेंबरों में बैठ चुके थे।

डेथ चैंबर बनाया गया था

जिस डेथ चैंबर में स्मिथ को मौत की सजा दी जानी थी उसके अंदर सिर्फ एक बेड था। बेड पर बेल्टें लगी हुई थीं। स्मिथ को वहां लाया गया। उसे खाना नहीं दिया गया था, क्योंकि ये प्रक्रिया खाली पेट ही संभव है। उसे बेड पर लिटाया गया। उसे हाथ-पैरों पर बेल्टें लगा दी गईं। जिस्म को सीने तक एक सफेद चादर से ढंक दिया गया। अटॉर्नी जनरल डेथ चेंबर में पहुंचे और स्मिथ को उसका डेथ वारंट पढ़ कर सुनाया। इसके बाद स्मिथ के सामने मुंह के करीब एक माइक्रोफोन रखा, फिर उससे पूछा गया कि क्या मौत से पहले अपने परिवार और मौजूद लोगों से वो कुछ कहना चाहता है? स्मिथ ने अपने परिवार और धार्मिक गुरु की तरफ देखा और कहा- 

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आई लव यू। मैं प्यार और शांति के साथ जा रहा हूं। आप सबको प्यार। अलविदा.. 

माइक्रोफोन को हटा दिया गया। उसके चेहरे पर एक बड़ा सा मास्क लगाया गया। मास्क में एक छोटा सा सुराख था। उस सुराख के साथ एक ट्यूब लगा हुआ था। ये ट्यूब स्मिथ के मुंह और नाक में डाल दिया गया। इसके बाद मास्क में लगे पाइप को नाइट्रोजन गैस सिलंडर से कनेक्ट कर दिया गया। शाम 7.53 मिनट का वक्त था। चैंबर में बैठे सभी लोग इस मौत का लाइव प्रसारण देख रहे थे। अगले कुछ मिनटों में गैस उसकी सांस के साथ उसके फेफड़ों और फिर खून में घुल जाने वाली थी। तो सब कुछ तैयार था और अब शाम 7.56 मिनट का वक्त हो चुका था। नाइट्रोजन गैस के सिलिंडर का नॉब खोल दिया गया। गैस स्मिथ के शरीर में दाखिल होने लगी। वो तड़पने लगा और बस कुछ ही पलों में उसकी मौत हो गई। थोड़ी ही देर बाद उसकी मेडिकल जांच कर अधिकारियों ने स्मिथ को मुर्दा घोषित कर दिया। अटॉर्नी जनरल ने बाद में बाकायदा कहा कि नाइट्रोजन गैस से मौत देने का तरीका कामयाब रहा। मौत की सजा इस तरीके से देने की चर्चा कई देशों में हुई। कुछ देशों ने सजा के इस तरीके को ही गलत करार दिया। जबकि कइयों ने इसका  खुला समर्थन किया।

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क्या इल्जाम था केनेथ इयूजीन स्मिथ पर? 

58 साल के स्मिथ पर इल्जाम था कि उसने 1988 में एक पादरी की पत्नी की हत्या की थी। इसी जुर्म में दोषी ठहराए जाने के बाद तीन दशक से ज्यादा समय बीत जाने पर उसे मौत की सजा सुनाई गई। स्मिथ और उसके सहयोगी जॉन पार्कर को 1988 में एलिज़ाबेथ सेनेट की हत्या का दोषी ठहराया गया था जिसके बाद पार्कर को 2010 में इंजेक्शन देकर मार दिया गया था। चार्ल्स सेनेट ने भी खुदकुशी कर ली थी। एलिजाबेथ उनकी पत्नी थी। कहते हैं कि सेनेट ने ही एलिजाबेथ को मारने के लिए स्मिथ और पार्कर को पैसे दिए थे। सेनेट एक धर्म प्रचारक की पत्नी थी, जिनकी हत्या के लिए स्मिथ और उसके साथी को 1 हजार डॉलर की सुपारी दी गई थी। जिसके बाद दोनों ने पहले महिला को पीटा और फिर चाकुओं से गोद कर मौत के घाट उतार दिया।

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पहले बच गया था स्मिथ 

स्मिथ को 2022 में ही मौत की सजा दी जानी थी, लेकिन वो किस्मत से बच गया था। 2022 में उसे ज़हर वाले इंजेक्शन से मारने की कोशिश की गई थी, लेकिन तब डेथ सेल में डॉक्टरों को इंजेक्शन देने के दौरान उसकी नस ही नहीं मिल पाई थी। ऐसे में कई बार इंजेक्शन लगाने के बावजूद वो जिंदा बच गया था। 

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