क्यों शुरू हुई Kargil War? 3 महीनों के अंदर ऐसे खदेड़ा पाकिस्तानी फौज और आतंकियों को भारतीय सेना ने..

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क्यों शुरू हुई Kargil War? 3 महीनों के अंदर ऐसे खदेड़ा पाकिस्तानी फौज और आतंकियों को भारतीय सेना ने..
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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कारगिल युद्ध को जीते 25 साल हुए

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कारगिल में कैसे शुरु हुई घुसपैठ?

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भारत की सेना ने कैसे खदेड़ा आतंकियों को?

हमेशा याद रहेगा कारगिल युद्ध, 26 जुलाई को लहराया था तिरंगा 

Kargil War: बात कारगिल युद्ध की। कारगिल जिला अब लद्दाख के अंदर आता है। पहले ये जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) का हिस्सा हुआ करता था। जब से दो केंद्र शासित प्रदेश बने हैं, तब से ही कारगिल जिला लेह-लद्दाख का हिस्सा हो गया है। बात 1999 की है जब भारतीय सेना को खबर मिली थी कि नियंत्रण रेखा पार करके घुसपैठिए कारगिल जिले (Kargil) में घुस आए हैं और उन्होंने सामरिक तौर पर अहम कई मोर्चों और पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है। उन्हें खदेड़ने के लिए सेना ने जी-जान लगा दी। हालांकि सर्दियों के दिन से ये घुसपैठ की कवायद शुरू हुई थी, लेकिन भारतीय सेना को इसका पता 1999 के मई महीने में लगा। उस दौरान भारतीय सेना को तीन टुकड़ियों में बांटा गया था। सेना की इन टुकड़ियों के नाम थे-  अभिमन्यु, भीम और अर्जुन।

ऑपरेशन टाइगर हिल, प्वाइंट 4877, प्वाइंट 5140

पाकिस्तानी आतंकियों ने करीब 130 किलोमीटर अंदर तक भारतीय सीमा में कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना के वीर जवानों ने टाइगर हिल, प्वाइंट 4875, प्वाइंट 5140 समेत सभी पहाड़ी चोटियों को पाकिस्तानी सेना के कब्जे से आजाद करा कर कारगिल युद्ध जीत लिया। ये युद्ध 1999 के मई महीने में शुरू हुआ था। भारतीय सेना की घुसपैठियों और पाक सेना से लड़ाई करीब 3 महीने तक चली। इसमें 674 भारतीय सैनिकों ने देश के लिए बलिदान दिया। कारगिल शहीदों में से 4 को परमवीर चक्र, 10 को महावीर चक्र और 70 को उनके साहस के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया। इस विजय को भारतीय सेना ने नाम दिया था 'ऑपरेशन विजय' (Operation Vijay) 

कैप्टन विक्रम बत्रा को कारगिल वॉर का हीरो कहा जाता है। 9 सितंबर 1974 को जन्मे कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) इस युद्ध में 7 जुलाई 1999 को शहीद हुए। उन्हें उनके साहस के लिए मरणोपरांत भारत के सबसे प्रतिष्ठित और सर्वोच्च वीरता पुरस्कार Param Veer Chakra दिया गया था। कैप्टन बत्रा ने 5 दुश्मनों को मार गिराया था, लेकिन इस हमले में वो शहीद हो गए थे। 

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क्यों मनाया जाता है कारगिल दिवस?

पाकिस्तान के साथ हुई कारगिल जंग 3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक लड़ी गई थी। 26 जुलाई को भारतीय सेना ने जीत हासिल की थी। तब से इस तारीख को कारगिल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 1999 से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच एक समझौता हुआ था कि दोनों ही देशों के सैनिक सर्दियों में उन इलाकों में अपने जवानों की तैनाती नहीं करेंगे, जहां पर बर्फ जमी होगी, लेकिन पाकिस्तान ने धोखा दिया। उसने धोखे से सर्दियों में इन पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया।

3 बार भारत जीत चुका है पाकिस्तान से युद्ध

कारगिल लड़ाई से पहले पाकिस्तानी आतंकियों ने भारतीय सीमा के अंदर करीब 134 किमी के दायरे में कब्जा कर लिया था। इस युद्द में 1363 जवान घायल हुए थे, जब कि 674 जवान शहीद हुए थे। करीब तीन महीनों तक युद्ध चला और उसके बाद भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी आतंकियों के चंगुल से कारगिल को मुक्त करा लिया। हालांकि 1999 से पहले भारत पाकिस्तान से दो बार युद्ध जीता (1965 और 1971) है। कारगिल 1999 तीसरा युद्ध था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जीत हासिल की थी।

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