दुबई की प्रिंसेस ने Instagram पर दे दिया पति को तलाक, Post में लिखा, तलाक, तलाक, तलाक...

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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शादी के एक साल बाद दुबई की प्रिंसेस ने तलाक की घोषणा की

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इंस्टाग्राम पर लिखी पोस्ट में तलाक देकर तहलका मचाया

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यूएई में तलाक को लेकर कानून क्या कहता है

Dubai Princess Sheikha Mahra Divorced: कुछ अरसा पहले हमारे देश में तीन तलाक को लेकर कितनी सियासत हुई। देश भर के तमाम प्लेटफार्म पर जमकर बहस और चर्चाएं हुईं। लेकिन मुस्लिम वर्ल्ड में तलाक के नियम हिन्दुस्तान से जरा जुदा हैं। क्योंकि तलाक का जो ताजा मामला दुबई से सामने आया उसे देख सुनकर हर कोई एक बार फिर बहस करने को तैयार होता दिखाई पड़ने लगा है।

असल में दुबई की प्रिंसेस यानी राजकुमारी और यूएई के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की बेटी शेखा माहरा ने इंस्टाग्राम पर ही अपने पति से तलाक लेने का ऐलान कर दिया। राजकुमारी शेखा माहरा ने तीन बार तलाक लिखकर अपने पति से अलग होने का कदम उठाया है। प्रिंसेस के इस फैसले और इस पोस्ट के सामने आने के बाद उनके तलाक को लेकर जमकर चर्चा होने लगी है। 

Dubai Princess Talaq In Instagram
दुबई की राजकुमारी के इंस्टाग्राम पर तलाक की घोषणा के बाद चर्चा तेज हो गई

दुबई की राजकुमार शेखा महरा बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने इंस्टाग्राम पर अपने पति शेख माना बिन मोहम्मद बिन राशिद बिन माना अल मकतूम से सार्वजनिक रूप से तलाक की घोषणा की।

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dubai princess sheikha mahra
शेखा माहरा की इंस्टाग्राम पोस्ट

बता दें कि माहरा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर पर अपने पति से तलाक का ऐलान करते हुए लिखा है

शेखा माहरा, प्रिंसेस यूएई

प्यारे पति, जैसा कि आप अन्य लोगों के साथ व्यस्त होंगे. इस बीच मैं हमारे तलाक का ऐलान करती हूं. मैं आपको तलाक देती हूं. मैं आपको तलाक देती हूं और मैं आपको तलाक देती हूं. ध्यान रखना. आपकी एक्स वाइफ

 

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इंस्टाग्राम पर पति से तलाक की घोषणा करने वाली दुबई की प्रिंसेस शेखा माहरा

ये बात गौरतलब है कि शेखा माहरा की पिछले साल ही शादी हुई थी और अब माहरा ने अलग होने का फैसला किया है। माहरा ने अपनी पोस्ट में तीन बार तलाक शब्द का जिक्र किया है, ऐसे में सोशल मीडिया में लोग पूछ रहे हैं कि क्या प्रिंसेज ने तीन तलाक दिया है। असल में ये शब्द भारत में पिछले दिनों नए कानून आने पर सुर्खियों में रहा । 
ऐसे में ये समझना जरूरी है कि तीन तलाक क्या अरब वर्ल्ड में स्वीकार्य है,  और क्या महिलाएं तलाक दे सकती हैं। यूएई में तलाक लेने के क्या नियम हैं?

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क्या होता है तीन तलाक?

असल में तीन तलाक यानी ट्रिपल तलाक को 'तलाक-ए-बिद्दत' कहा जाता है। इसमें पति अपनी पत्नी को एक बार में ही तीन बार तलाक बोल देता है। कहा जाता है कि इसमें तीन बार तलाक बोलते ही शादी शुदा जोड़ा अलग अलग हो जाते हैं, जिसे इंस्टेंट डिवोर्स भी कहा जाता है। ऐसा तलाक फोन, मेल, मैसेज या पत्र के ज़रिए भी दिया जा सकता है। तीन तलाक बोलने के बाद तलाक तुरंत हो जाता है और इसे निरस्त नहीं किया जा सकता। भारत में तो 19 सितंबर 2018 को एक कानून लागू किया गया था, जिसके बाद से तीन तलाक गैर-कानूनी करार दिया गया था। तीन तलाक देने वाले पर तीन साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों होने का प्रावधान है। बता दें कि भारत के अलावा कई इस्लामिक देश ऐसे हैं, जहां तीन तलाक बैन है, जिसमें पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे देश भी शामिल हैं। 

महिलाएं भी ले सकती हैं तलाक!

अब एक सवाल ये है कि क्या महिलाएं ले सकती हैं तीन तलाक? तीन तलाक या इंस्टेंट तलाक में महिलाएं अपनी तरफ से तलाक नहीं ले सकती हैं। महिलाएं अगर खुद से अलग होना चाहती हैं तो इसे खुला कहा जाता है, जिसमें महिलाएं अलग होने की पहल करती है। खुला के जरिए महिला अपने शौहर से संबंध तोड़ सकती है और पत्नी मेहर आदि त्यागने के लिए बाध्य होती हैं। अगर कोई महिला सोशल मीडिया पर तीन तलाक की तरह ऐलान कर रही हैं तो इसका मतलब है कि वो पति से अलग होने का ऐलान कर रही हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर तलाक की प्रक्रिया एकदम अलग है।

UAE में तीन तलाक का नियम

अब एक सवाल ये कि क्या यूएई में तीन तलाक की इजाजत है? बता दें कि यूनाइटेड अरब अमीरत यानी यूएई उन मुस्लिम देशों में शामिल हैं, जहां ट्रिपल तलाक यानी इंस्टेंट डिवोर्स पर बैन है। यहां कोई भी इंस्टेंट तलाक नहीं ले सकते हैं और इसे कानूनी तौर पर मान्यता नहीं है। किसी भी शादीशुदा जोड़े को कानूनी रूप से एक दूसरे से अलग होने के लिए एक पूरी प्रक्रिया से गुजरना होता है। यूएई में तलाक का मामला कोर्ट के जरिए ही निपटाया जाता है और कोर्ट ही आखिरी फैसला लेता है। 
ऐसे में शादीशुदा जोड़े को कोर्ट के सामने पेश होना होता है और कोर्ट उनके बीच सुलह समझौता कराने की कोशिश करती है। लेकिन ऐसा नहीं होता है तो कोर्ट फिर आखिरी फैसला लेता है। यूएई के पर्सनल स्टेटस लॉ (Federal Law Number 28) में तलाक की कार्रवाई होती है और इसके जरिए बच्चों के अधिकारों का फैसला किया जाता है।  

तलाक की पूरी प्रक्रिया

सवाल ये उठता है कि आखिर कैसे लेना होता है तलाक? यूएई की सरकारी वेबसाइट के अनुसार, यूएई में नॉन मुस्लिम और मुस्लिम कपल के लिए नियम अलग अलग है। यूएई में तलाक लेने के लिए सबसे पहले केस दर्ज कराना होता है और फिर कोर्ट सुलह करवाने की कोशिश करता है। पति पत्नी के बीच सुलह करवाना कोर्ट की एक अहम प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया के तहत दोनों पक्षों को अपनी अपनी बात रखनी होती है। अगर समझौता या सेटलमेंट होता है तो उसका एक ड्राफ्ट तैयार होता है और सुलह करवाने वाले के सामने ही दोनों को उस पर दस्तखत करने होते हैं। लेकिन तलाक की स्थिति में सुलहकर्ता एक लेटर देता है जिसे रेफरल लेटर कहते हैं, इस लेटर के तहत ही तलाक के मामले को कोर्ट में आगे बढ़ाया जाता और उसके बाद कोर्ट तलाक पर फैसला लेता है।

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