नेपाल में Plane Crash के पीछे ये है सबसे बड़ी वजह, बॉम्बार्डियर कंपनी के जहाजों का हादसों भरा इतिहास

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नेपाल में Plane Crash के पीछे ये है सबसे बड़ी वजह, बॉम्बार्डियर कंपनी के जहाजों का हादसों भरा इतिहास
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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सौर्य एयरलाइंस के पास इस तरह के तीन विमान हैं

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बॉम्बार्डियर कंपनी के जहाजों का हादसों भरा इतिहास

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नेपाल में 14 साल में 12 प्लेन क्रैश

Plane Crash in Nepal: नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जो प्लेन क्रैश हुआ है, उसका इतिहास हादसों से भरा हुआ है। प्लेन ने सुबह करीब 11 बजे त्रिभुवन एयरपोर्ट से पोखरा के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन कुछ ही मिनट के भीतर ये प्लेन क्रैश हो गया। जो प्लेन क्रैश हुआ वो 9N-AME प्लेन सौर्य एयरलाइन्स का था। प्लेन में सवार 19 लोगों में से 18 की मौत हो गई है। ये प्लेन कैप्टन एम शाक्य उड़ा रहे थे। बेहद तजुर्बेकार पायलट एम शाक्य इस हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गए। जबकि मारे गए तमाम लोग सौर्य एयरलाइंस के ही स्टाफ थे जिनमें दो क्रू मेंबर थे। 

कनाडा की कंपनी Bombardier का है प्लेन

काठमांडू में जो प्लेन हादसे का शिकार हुआ उसे कनाडा की कंपनी बॉम्बार्डियर बनाती है। यह CRJ200 मॉडल का प्लेन था। नेपाल की निजी एयरलाइंस कंपनी सौर्य (Saurya Airlines) के पास ऐसे तीन और प्लेन्स हैं। सौर्य एयरलाइंस की तरफ से बताया गया कि हादसे का शिकार यह विमान बॉम्बार्डियर CRJ-200ER था, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 9N-AME और सीरियल नंबर 7772 था। एयरलाइंस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक यह विमान साल 2003 में बना था। 

छोटा विमान अपग्रेडेड वर्जन

बताया जा रहा है कि सौर्य कंपनी अगस्त 2017 से नेपाल में घरेलू उड़ान के लिए सात डेस्टिनेशन में नियमित सेवाएं दे रही है। सौर्य कंपनी के विमान काठमांडू से भद्रपुर, बिरतनगर, धनगढ़ी, नेपालगंज, पोखरा और सिद्धार्थनगर के लिए नियमित उड़ान भरते हैं। बॉम्बार्डियर के 50 सीटर CRJ200 विमान में 50 लोग यात्रा कर सकते हैं। इस विमान की बनावट हू ब हू CRJ100 जैसी ही है, लेकिन यह पुराने वाले वर्जन से अपग्रेडेड प्लेन है।  यह विमान अधिकतम 6124 किलोग्राम का वजन लेकर उड़ान भर सकता है। एक विमान में अधिकतम 8081 लीटर ईंधन भरा जा सकता है जबकि एक बार फ्यूल भरने के बाद यह अधिकतम 3056 किलोमीटर की रेंज तक जा सकता है। इस विमान की अधिकतम गति 860 km/hr है। बताया जा रहा है कि यह विमान 41 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है जबकि टेकऑफ के लिए इसे कम से कम 1770 मीटर का रनवे की जरूरत पड़ती है और लैंडिंग के लिए सिर्फ 1480 मीटर का रनवे की जरूरत पड़ती है। 

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हादसों भरा इतिहास

मगर इस विमान का एक ऐसा अतीत है जो सवालों से भरा हुआ है। असल में बॉम्बार्डियर कंपनी के जहाजों का हादसों भरा इतिहास रहा है। 26 जुलाई 2003 से लेकर यानी जबसे ये कंपनी विमान बना रही है तब से लेकर 2016 तक इस कंपनी के बने जहाज 14 बड़े हादसों का शिकार हो चुके हैं। 
14 नवंबर 2004 में चीन में इसी मॉडल का प्लेन हादसे का शिकार हुआ था। वो हादसा इनर मंगोलिया इलाके में हुआ था और तब 53 लोग मारे गए थे। ठीक उसी तरह का ऐसा ही हादसा 2006 में केंटकी अमेरिका में हुआ था जिसमें 49 लोग मारे गए थे। 

नेपाल एविएशन की सबसे बड़ी चुनौती

लेकिन जहां तक नेपाल की एयर इंडस्ट्री का सवाल है तो गुजरते वक्त के साथ नेपाल एविएशन ने काफी तरक्की की है लेकिन अब भी वो दुनिया की तमाम एयरलाइंस के मुकाबले काफी पिछड़ी हुई मानी जाती है। यहां की एयरलाइंस के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुश्किल और पहाड़ी वाले इलाकों हैं जहां सेवा देने के लिए बहुत कुशलता और ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है। लेकिन एक सच ये भी है कि खराब सुरक्षा व्यवस्था और ट्रेनिंग के साथ साथ विमान के रखरखाव के साथ लापरवाही यहां अक्सर हादसों की बड़ी वजह बन जाते हैं।

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दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट में त्रिभुवन एयरपोर्ट

आंकड़े बताते हैं कि बीते 12 सालों के दौरान ये देखा गया है कि नेपाल में हर साल औसत एक विमान हादसा होता है। हालांकि एक सच ये भी है कि नेपाल में मौसम का बदलाव और ऊंची ऊंची चोटी से घिरे एयरपोर्ट यहां पायलट के लिए बड़ी चुनौती बन जाते हैं। जानकर हैरत होती है कि दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट में काठमांडू के त्रिभुवन एयरपोर्ट का नाम भी शामिल है। 

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नेपाल में 14 साल में 12 प्लेन क्रैश

यहां साल 2010 से अब तक 12 प्लेन क्रैश हो चुके हैं। जिनमें 14 जनवरी 2023 को सबसे बड़ा विमान हादसा हुआ था। यति एयरलाइंस का वो प्लेन काठमांडू से 205 किमी दूर पोखरा में क्रैश हुआ था। यह ATR-72 मॉडल का प्लेन था, जिसमें 68 यात्री और चार क्रू मेंबर सवार थे। उस समय विमान पोखरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लैंडिंग से महज 10 सेकेंड पहले वो प्लेन पहाड़ी से टकरा गया था। जिससे  प्लेन में आग लगी थी और वो खाई में जा गिरा था। हादसे में सभी 72 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले 29 मई 2022 को मस्टैंग जिले में एक एयरप्लेन क्रैश हुआ था। इस हादसे में 22 लोगों की मौत हुई थी। जबकि साल 2018 में काठमांडू के त्रिभुवन एयरपोर्ट के पास ही US-बांग्ला एयरलाइंस का विमान क्रैश हुआ था। इस हादसे में 51 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 20 गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 

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