IPC : हत्या की धारा 302 नहीं, अब IPC 101, ठगी के लिए अब 420 नहीं, ये होगी धारा

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IPC : हत्या की धारा 302 नहीं, अब IPC 101, ठगी के लिए अब 420 नहीं, ये होगी धारा
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दिल्ली से राम किंकर सिंह की रिपोर्ट

New IPC :  इंडियन पीनल कोड (IPC) अब इतिहास को चुका है क्योंकि संसद के दोनों सदनों से पारित भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023) अब कानून बन चुका है। किसी भी जुर्म के होने पर अपराधी को पकड़कर सजा दिलाने से पहले घटना की पहली रिपोर्ट यानी एफआईआर लिखने तक की सारी गतिविधि बदल चुकी है ।लिहाजा वकील, जांच अधिकारी और अदालतों से जुड़े सभी लोगों में उहापोह की स्थिति में है। जांच अधिकारियों को नए भारतीय न्याय संहिता की ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है. ऩई भारतीय न्याय संहिता में हत्या के लिए नया सेक्शन 101, ठगी के लिए 316 और रेप के लिए 63, 64 और 70 हो गया गया है। 

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी और दिल्ली पुलिस महासंघ के चीफ वेदभूषण ने कहा कि गुलामी की प्रतीक इंडियन पीनल कोड अब भारतीय न्याय संहिता के बतौर विक्टिम फ्रैंडली बनाया गया है। लेकिन पूरी तरह से इन बदलावों को समझने में कम से कम महीने भर का वक्त लगेगा। आपको बता दें कि (आईपीसी) में 511 धाराएं थीं, जो कम होकर भारतीय न्याय संहिता में सिर्फ 358 रह गई हैं। यही वजह है कि शामिल धाराओं का क्रम भी बदल गया है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अब तक की जानकारी में रिफ्रेश बटन दब गया है लिहाजा नई संहिता के लिए ट्रैनिंग की जरूरत पड़ेगी और हम इस पर काम कर रहे हैं क्योंकि कानून जनता के लिए ही है। हालांकि, कानून से जुड़े लोग इसे 1 अप्रैल से लागू करने की बात कह रहे हैं. ताकि सभी अच्छे से नये कानून हो समझ लें। सबसे पहले पुलिस, कोर्ट, और जुडिसियल ऑफिसर पूरी तरह से अध्ययन के बाद बारीकी समझेंगे। सुप्रीम कोर्ट के वकील अवनीश त्यागी ने कहा कि 2 से तीन महीने की ट्रैनिंग होनी चाहिए ताकि सभी पूरी तरह से नई संहिता की जानकारी कर लें तभी पीड़ित के साथ न्याय हो पाएगा।
 

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कौन-कौन सी नई धाराओं में क्या-क्या बदला, आइए जानते हैं



भारतीय दंड संहिता की धारा 302 हत्या के लिए सजा थी। अब हत्या धारा 101 के तहत आएगी।

भारतीय दंड संहिता की धारा 420 धोखाधड़ी का अपराध था, जबकि नए विधेयक में धोखाधड़ी धारा 316 के तहत आती है। अब कोई धारा 420 नहीं है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 144 जो अवैध सभा से संबंधित है, अब धारा 187 कहलाएगी।

धारा 121, जो भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, या युद्ध छेड़ने का प्रयास करने, या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाने से संबंधित है, को अब धारा 146 कहा जाएगा।

आईपीसी की धारा 499, जो मानहानि से संबंधित है, अब नए कानून की धारा 354 के तहत आती है।

आईपीसी के तहत बलात्कार से संबंधित धारा 376 अब धारा 63 है, और धारा 64 सजा से संबंधित है, जबकि धारा 70 सामूहिक बलात्कार के अपराध से संबंधित है।

आईपीसी की धारा 124-ए, जो राजद्रोह से संबंधित है, अब नए कानून के तहत धारा 150 के रूप में जानी जाती है।




 

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