बिहार में सब इंस्पेक्टर रैंक का पेपर लीक होने से बचा!  AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने किया कमाल!

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आदित्य वैभव के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Bihar Paper Leak Bid Averted: एक तरफ बिहार पुलिस नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही है, दूसरी तरफ बिहार में एक और पेपर लीक होने से बच गया। सुरक्षा अधिकारियों ने एक नटवरलाल को पकड़ा, जो मोबाइल का इस्तेमाल कर पेपर लीक करने की कोशिश कर रहा था। इससे पहले अधिकारियों ने सुरक्षा के मद्देनजर AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हुये गेट पर लिये गये फोटोग्राफ से अभ्यर्थियों का मिलान किया था ताकि अभ्यर्थियों के स्थान पर अन्य व्यक्ति परीक्षा में शामिल न हो सके। 

बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग द्वारा राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के लिए एसआई की भर्ती के लिए 23 जून को संयुक्त मुख्य लिखित परीक्षा आयोजित की गयी थी। इसका परीक्षा केन्द्र कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्टस एंड सांईस, पटना में था। इस पेपर को देने के लिए प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण 1280 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा में दो प्रश्न-पत्र थे। प्रथम पाली में सामान्य हिन्दी और द्वितीय पाली में सामान्य अध्ययन का पेपर था। प्रथम पाली की परीक्षा सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक हुई थी। द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर 2.30 बजे से लेकर 4.30 बजे के बीच हुई थी। इस पेपर में अभ्यर्थियों की उपस्थिति लगभग 95 प्रतिशत रही थी। 

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परीक्षा केन्द्र पर लगाए गए थे जैमर 

आयोग की तरफ से कई एहतियाती कदम उठाये गये थे। परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी रखी गयी थी। परीक्षा केन्द्र पर जैमर लगाये गये थे। सी सी टी वी सर्विलांस और हॉटलाईन फोन की व्यवस्था की गयी थी, जिससे जैमर ऑन रहने के बावजूद आयोग में बने कंट्रोल रूम से परीक्षा केन्द्र पर सम्पर्क किया जा सके। अभ्यर्थियों के प्रवेश के समय गेट पर फोटोग्राफी के अतिरिक्त परीक्षा के समय बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट, फोटोग्राफी तथा वीडियोग्राफी करायी गई। AI का प्रयोग करते हुये गेट पर लिये गये फोटोग्राफ से अभ्यर्थियों का मिलान किया गया जिससे अभ्यर्थियों के स्थान पर अन्य व्यक्ति परीक्षा में शामिल न हो सके। 

पकड़ा गया नटवरलाल!

पहली पाली की परीक्षा में एक अभ्यर्थी स्वामी विवेकानन्द कुमार यादव के पास मोबाइल फोन पकड़ा गया, जिससे वे प्रश्न-पत्र को फोटो खींचकर बाहर भेजने का प्रयास कर रहा था, किन्तु जैमर लगे रहने के कारण वे प्रश्न-पत्र बाहर भेजने और फोन के माध्यम से धोखाधड़ी करने में असफल रहा। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस अभ्यर्थी ने बताया कि उसने 21 जून को ही कॉलेज परिसर में इस उ‌द्देश्य से अपना फोन छुपा दिया था। प्रवेश के समय तलाशी देने के बाद मौका पाकर उसने अपना फोन ले लिया क्योंकि उनको मालूम था कि गेट पर तलाशीकर्ता द्वारा जाँच की जा रही है। वो अपने उद्देश्य में सफल हो पाता, इससे पहले ही उसे बिहार पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।

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