हाथरस हादसे का असली गुनहगार कौन? कौन है नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा? 121 की मौत, इस वजह से हुआ हादसा

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Hathras: हाथरस में सत्संग का आयोजन मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति, सिकंदराराऊ, हाथरस की ओर से किया गया था। इसमें अभी तक सौ से ज्यादा लोगों की मौत की खबर आ रही है। मरने वालों में कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। हालांकि हादसे के कारणों को लेकर कई थ्योरी हैं।कुछ लोगों का कहना है कि आयोजन स्थल का गेट छोटा था इसलिये ज्यादा भीड़ होने के चलते कार्यक्रम खत्म होने के बाद लोग निकलने की जल्दबाजी करने लगे और इसी दौरान भगदड़ मच गई। आयोजकों के मुताबिक कार्यक्रम स्थल के बाहर कीचड़ भी थी जिसकी वजह से लोग एक के ऊपर एक गिरते चले गए और ये हादसा हो गया। एक चश्मदीद के मुताबिक, आयोजन स्थल पर भीड़ के बीच एक गाय घुस गई थी जिसकी वजह से लोग डर कर बेतरतीबी से भागने लगे और भगदड़ मच गई। कुछ लोगों का ये भी कहना है कि आयोजन स्थल पर उमस भरी गर्मी और जरूरत से ज्यादा भीड़ होने की वजह से लोगों का दम घुट गया जिससे सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हालांकि आधिकारिक तौर पर हादसे की वजह जांच के बाद ही साफ हो पाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ को 24 घंटे के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।  

हादसे पर आयोजन समिति ने क्या कहा?

भगदड़ के बाद आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने कहा-

"हमने जिला प्रशासन से विधिवत अनुमति लेकर कार्यक्रम करवाया था। सतसंग के कार्यक्रम में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे। भगदड़ की घटना कार्यक्रम खत्म होने के बाद हुई। बरसात के मौसम में कार्यक्रम स्थल के बाहर कीचड़ होने के चलते लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे और चूंकि वहां स्थित संभालने वाला कोई नहीं था इसलिये घटना बड़ी हो गई। मैं उस समय भंडारे का काम देख रहा था। इस जगह ये कार्यक्रम 13 साल बाद हुआ था। प्रशासन की ओर से हमारे पास 3 घंटे की परमिशन थी। ये घटना दोपहर 1.30 बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद हुई। प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के आने की जानकारी दी गई थी। हमारे पास भी 12 से 12.5 हजार सेवादार थे। लेकिन मौके पर  कोई एंबुलेंस नहीं थी।" 

कौन हैं नारायण साकार हरि?

नारायण साकार हरि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई लिखाई यहीं हुई। साकार हरि ने भारत सरकार के गुप्तचर विभाग में नौकरी की। 90 के दशक में उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और आध्यात्म का रास्ता चुन लिया। इस दौरान उन्होंने अपना नाम भी बदल लिया। उन्होंने अपना नाम नारायण साकार हरि रख लिया। इसके बाद वो सत्संग में प्रवचन देने लगे। वह अक्सर सफेद सूट, टाई और जूते में नजर आते हैं। कई बार कुर्ता-पाजामा पहने दिखते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें जो भी दान-दक्षिणा मिलती है वो अपने भक्तों में बांट देते हैं। 

सीएम योगी ने जांच के लिये दिए 24 घंटे

उधर मुख्यमंत्री योगी ने जनपद हाथरस में हुए हादसे पर जांच के आदेश दे दिये हैं। मुख्यमंत्री ने एडीजी आगरा जोन और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम का गठन कर 24 घंटे के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये हैं। राहत और बचाव कार्य के लिये एनडीआरएफ और एनडीआरएफ की मेडिकल टीमें गाजियाबाद से घटनास्थल के लिये रवाना कर दी गई हैं। देर शाम मुख्यमंत्री वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीएम आवास में बैठक कर घटनास्थल पर बचाव कार्य और मेडिकल सुविधाओं का जायाजा ले रहे थे। हाथरस में मौजूद उत्तर प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों, डीजीपी और मुख्य सचिव से पल-पल की अपडेट ली जा रही है। 

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